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अमेरिका में बीजेपी विरोधी नया एजेंडा शुरू किया, सिख संगठनों ने HAF के खिलाफ खोला कानूनी मोर्चा

वाशिंगटन 
अमेरिका में भारत और भरातीय जनता पार्टी (BJP) विरोधी नया एजेंडा शुरू  किया गया है। अमेरिका के कैलिफोर्निया स्थित गुरुद्वारा साहिब फ्रेमोंट और कई प्रमुख सिख संगठनों ने  हिंदू अमेरिकन फाउंडेशन (HAF)  के खिलाफ Foreign Agents Registration Act (FARA)  के तहत अमेरिकी न्याय विभाग में 24 पन्नों की शिकायत दर्ज करवाई है। | सिख कार्यकर्ता  सुखी चहल की रिपोर्ट के अनुसार इस शिकायत में HAF पर  बिना किसी आधिकारिक पंजीकरण के भारत सरकार और भाजपा के एजेंट के रूप में काम करने का आरोप लगाया गया है।  गुरुद्वारा फ्रेमोंट के सिख नेता का पुराना वीडियो भी सामने आया है जिसमें भारत के खिलाफ जहर उगला जा रहा है और खालिस्तान का खुला समर्थन किया जा रहा है।

शिकायत Lex Politica PLLC नाम की एक प्रमुख कानून कंपनी ने तैयार की है। यह फर्म अमेरिका की राजनीति में जानी-पहचानी है और एलन मस्क की America PAC, अमेरिकी स्पीकर माइक जॉनसन और सीनेटर  रिक स्कॉट जैसे नेताओं का प्रतिनिधित्व कर चुकी है। गुरुद्वारा साहिब फ्रेमोंट का कहना है कि HAF ने अमेरिका में भारतीय राजनीतिक एजेंडे को बढ़ावा दिया जो कि अमेरिकी कानूनों का उल्लंघन है।

HAF पर लगाए ये मुख्य आरोप 
अमेरिका में भारतीय अधिकारियों की गोपनीय मीटिंग्स आयोजित कराना 
भाजपा समर्थित विदेश और घरेलू नीतियों का प्रचार करना 
भारत की मानवाधिकार रिकॉर्ड पर अमेरिकी आलोचना का विरोध करना 
सिख अमेरिकियों और खालिस्तान समर्थकों को बदनाम करना 
सिख नेताओं की अमेरिकी एजेंसियों द्वारा निगरानी को बढ़ावा देना 
CAA, अनुच्छेद 370 और भारत में अल्पसंख्यकों की धार्मिक स्वतंत्रता पर उठे मुद्दों का विरोध करना 
  
शिकायत में ईमेल, वीडियो, समाचार लेख, न्यूज़लेटर और HAF द्वारा "Howdy Modi" जैसे कार्यक्रमों में **भारतीय अधिकारियों से तालमेल के सबूत शामिल हैं।एक बड़ा आरोप यह भी है कि 2024 में कैलिफोर्निया पुलिस के साथ एक ट्रेनिंग सेशन में HAF ने  सिख समुदाय को अपराध और आतंक से जोड़ने की कोशिश की जो भारतीय खुफिया एजेंसियों की रणनीति से मेल खाता है। गुरुद्वारा साहिब फ्रेमोंट और सहयोगी सिख संगठनों ने अमेरिकी अटॉर्नी जनरल से अपील की है कि HAF की राष्ट्रीय सुरक्षा जांच कराई जाए  अगर वो विदेशी सरकार (भारत) के एजेंट के रूप में काम कर रही है तो  FARA के तहत पंजीकरण के लिए बाध्य किया जाए।