नीमच कलेक्टर ने दिए प्रशासन को आदेश, खेत के सीमांकन को लेकर परेशान था किसान
नीमच
मंगलवार को जनसुनवाई में एक बुजुर्ग ने एसडीएम संजीव साहू को ऊंची आवाज में अपनी पीड़ा सुना दी थी। इसके बाद बुजुर्ग जगदीशदास बैरागी को दो पुलिसकर्मी थाने उठाकर ले गए थे। उसे थाने पर करीब 6 घंटे भूखा-प्यासा बैठाए रखा। दोपहर करीब 1 बजे थाने लाने के बाद शाम 6 बजे उसे छोड़ा। इस तरह बुजुर्ग देर रात करीब 10 बजे अपने घर पहुंचा।
इस पूरी प्रक्रिया और हर एक मूवमेंट पर एनबीटी ने नजर रखी। बुजुर्ग के साथ हुए अन्याय के खिलाफ अधिकारियों से आवश्यक बात करने के बाद खबर पब्लिश की। इससे यह मामला सुर्खियों में आया। कलेक्टर हिमांशु चंद्रा ने तुरंत मामले पर संज्ञान लिया। दूसरे दिन कलेक्टर ने बुजुर्ग को बुलाया व तसल्ली से उसकी बात सुनी।
कलेक्टर के आदेश पर गांव पहुंचे तहसीलदार
इसके बाद तहसीलदार संजय मालवीय व प्रेमशंकर पटेल को बुजुर्ग किसान की समस्या का समाधान करने के निर्देश दिए। इसके बाद दो तहसीलदार, आरआई व पटवारियों सहित अन्य प्रशासनिक अधिकारियों की टीम किसान के खेत पर पहुंची। वहां जिस जमीन का विवाद था, उस पर दोनों पक्षों को बुलाया। बटांकन करवाया। इसके बाद तय हुआ कि 15 दिन बाद गेहूं की फसल कटने पर खेत का सीमांकन भी होगा। इस पर दोनों पक्ष राजी हो गए।
कार्रवाई से खुश नजर आए बुजुर्ग
इस कार्रवाई से बुजुर्ग जगदीश बैरागी संतुष्ट नजर आए। इस तरह बुजुर्ग किसान को न्याय मिला। आपको बता दें कि किसान मंगलवार की जनसुनवाई में कलेक्टर कार्यालय में गुहार लगाने पहुंचा था, जहां उसने एसडीएम से ऊंची आवाज में बात की थी। इस पर पुलिसकर्मियों ने बुजुर्ग को थाने में 6 घंटे भूखा-प्यासा बैठाए रखा।