Madhya Pradesh

मध्य प्रदेश में मोहन यादव कैबिनेट का विस्तार, रामनिवास रावत का हुआ शपथग्रहण

भोपाल
 मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री मोहन यादव की कैबिनेट का विस्तार हाल ही में हुआ, जिसमें रामनिवास रावत ने मंत्री पद की शपथ ली। शपथ ग्रहण समारोह राजभवन में आयोजित किया गया था। रामनिवास रावत ने 30 अप्रैल को कांग्रेस छोड़कर भाजपा का दामन थामा था। वे श्योपुर जिले की विजयपुर सीट से छठी बार विधायक चुने गए हैं।

रामनिवास रावत का राजनीतिक सफर लंबा रहा है। उन्होंने कांग्रेस पार्टी में रहते हुए महत्वपूर्ण पदों पर काम किया है और प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष भी रहे हैं। कांग्रेस छोड़ने के बाद, उन्होंने बीजेपी में शामिल होकर अपने राजनीतिक करियर को एक नया मोड़ दिया।

रामनिवास रावत का जन्म 21 जनवरी 1960 को विजयपुर तहसील के सुनवई गांव में हुआ। उनके पिता का नाम गणेश प्रसाद रावत और माता का नाम भंती बाई रावत है। उनका मुख्य व्यवसाय खेती-किसानी है। उन्होंने जीवाजी यूनिवर्सिटी ग्वालियर से बीएससी, एमए (इतिहास-गोल्ड मेडलिस्ट) और एलएलबी की शिक्षा प्राप्त की है।

रावत का राजनीतिक सफर 1988 में कृषि उपज मंडी समिति विजयपुर के अध्यक्ष बनने से शुरू हुआ। वे 1990 में पहली बार मध्य प्रदेश विधानसभा के लिए चुने गए और इसके बाद 6 बार विधायक रह चुके हैं। वे दिग्विजय सिंह के मंत्रिमंडल में भी मंत्री रह चुके हैं। हाल ही में, उन्होंने 2023 का विधानसभा चुनाव लड़ा और जीत हासिल की।

ग्वालियर-चंबल से पांचवें मंत्री हैं रावत
विजयपुर से 6 बार के विधायक रहे रामनिवास रावत शपथ के लिए रविवार 7 जुलाई की देर शाम समर्थकों के साथ भोपाल निकले। हालांकि रावत ने शपथ को लेकर कोई बयान नहीं दिया था, उनके समर्थक दबी जुबान से मंत्री बनने की बात कहते रहे। ग्वालियर-चंबल से रावत मोहन की कैबिनेट में पांचवें मंत्री हैं। इनसे पहले मुरैना की सुमावली सीट से एदलसिंह कंषाना, भिंड के मेहगांव से राकेश शुक्ला, ग्वालियर से प्रदुम्न तोमर और ग्वालियर दक्षिण से नारायण सिंह कुशवाहा मंत्री है।

रामनिवास रावत की गिनती एक समय में दिग्विजय सिंह के करीबी नेताओं में होती है औह वह मुरैना की विजयपुर विधानसभा सीट से 6 बार विधायक रह चुके हैं। 2023 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने विजयपुर सीट पर सातवीं बार जीत हासिल की थी। भाजपा में शामिल होने के बाद भी अब तक रामनिवास रावत ने विधायक पद से इस्तीफा नहीं दिया है।

कांग्रेस ने सदस्यता खत्म करने की लगाई थी याचिका- कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हुए रामनिवास रावत की विधानसभा की सदस्यता खत्म करने के  लिए कांग्रेस ने विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर के सामने यचिका लगाई है। विधानसभा सत्र के अंतिम दिन कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल ने रामनिवास रावत की सदस्यता खत्म करने की याचिका लगाई थी। ऐसे  में अब यह माना जा रहा है कि मंत्री पद की शपथ लेने के बाद रामनिवास रावत विधायक पद से इस्तीफा दे सकते है।