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मोदी ने किया ‘पीएम जनमन’ का ऐलान : मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में वोटिंग से पहले बड़ा दांव, किसे फायदा…

इम्पैक्ट डेस्क.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में वोटिंग से ठीक पहले बड़ा आदिवासी कार्ड खेल दिया है। आदिवासियों के विकास को ध्यान में रखकर प्रधानमंत्री ने बुधवार को झारखंड में ‘पीएम जनमन’ अभियान का ऐलान किया। जनजाति गौरव के प्रतीक भगवान बिरसा मुंडा को उनके जन्मस्थान पर जाकर श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद पीएम मोदी ने नई योजना की घोषणा की और इसके फायदे बताए।

पीएम मोदी ने कहा कि पीएम जनमन योजना के तहत सबसे पिछड़े आदिवासियों तक सरकार पहुंचने वाली है, जिन्हें अब तक नजर अंदाज किया गया। पीएम ने कहा, ‘विकसित भारत के संकल्प का एक प्रमुख आधार है पीएम जनमन यानी पीएम जनजाति आदिवासी न्याय महाअभियान,  सामाजिक न्याय जनरल जनरल बातें हुईं, मोदी हिम्मत करके निकला है आदिवासी न्याय अभियान लेकर। आजादी के बाद कई दशकों तक आदिवासी समाज को लगातार नजरअंदाज किया गया। अटल जी की सरकार ने आदिवासियों के लिए अलग मंत्रालय बनाया और बजट दिया। हमारी सरकार के दौरान अब आदिवासी कल्याण का बजट पहले के मुकाबले छह गुना बढ़ चुका है।’ 

22 हजार गांवों के आदिवासियों पर खर्च होंगे 24 हजार करोड़

मोदी ने कहा कि पीएम जनमन के तहत सरकार उन आदिवासी भाई बहनों तक पहुंचेगी जिन तक अभी नहीं पहुंचा गया है। ये वो जनजातीय समूह हैं जिनमें से ज्यादातर अब भी जंगलों में रहने को मजबूर हैं। उन्होंने रेल को देखने की बात छोड़ो आवाज भी नहीं सुनी है। देश के 22 हजार से ज्यादा गांवों में रह रहे ऐसे 75 जनजातीय समुदाय की पहचान सरकार ने की है।

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘जैसे पिछड़ों में भी अति पिछड़े होते हैं वैसे ही आदिवासियों में सबसे पीछे रह गए आदिवासी हैं। देश में इनकी संख्या लाखों में है। इन सबसे पिछड़े आदिवासियों को आजादी के 75 साल बाद मूलभूत सुविधाएं नहीं मिली। कभी पक्का मकान नहीं मिला। कई पीढ़ियों में बच्चों ने स्कूल का मुंह नहीं देखा।’ पीए मोदी ने कहा कि महाअभियान पर भारत सरकार 24 हजार करोड़ रुपए खर्च करने जा रही है।

मध्य प्रदेश से छत्तीसगढ़ तक असर की उम्मीद
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस योजना का ऐलान ऐसे समय पर किया है जब 17 नवंबर को मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव के लिए वोट डाले जाएंगे। दोनों ही राज्यों में आदिवासियों की बड़ी आबादी है। दोनों ही राज्यों में आदिवासी वोटर्स काफी हद तक यह तय कर देते हैं कि राज्य में किसकी सरकार बनेगी। मध्य प्रदेश में अनुसूचित जनजाति की 47 और छत्तीसगढ़ में 29 सीटें आरक्षित हैं। भाजपा को उम्मीद है कि पीएम मोदी की ओर से किए गए नए ऐलान से ना सिर्फ आगामी विधानसभा चुनाव बल्कि 2024 में होने जा रहे लोकसभा चुनाव में भी लाभ होगा।