चमत्कार! इंसान के शरीर में लगाई गई सुअर की किडनी… डॉक्टर बोले, आने वाले दिनों में बदलेगी ट्रांसप्लांट की दुनिया…
इम्पैक्ट डेस्क.
क्या भविष्य में जानवरों के अंगों को मानव शरीर में ट्रांसप्लांट किया जा सकेगा? प्रत्यारोपण के लिए अंगों की कमी को देखते हुए अकसर यह सवाल पूछा जाता है और इसका जवाब हां भी हो सकता है। दरअसल हाल ही में न्यूयॉर्क में डॉक्टरों की एक टीम ने सुअर की किडनी मानव शरीर में डाल दी, जो बीते एक महीने से सामान्य ढंग से काम कर रही है। इससे मेडिकल साइंस में एक नई क्रांति की उम्मीद जगी है। यह प्रत्यारोपण ब्रेन डेड शरीर में किया गया है। जानवरों के अंगों से मानव जीवन को बचाने की कोशिश के तहत यह एक बड़ा प्रयोग माना जा रहा है।
न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी ने इस एक्सपेरिमेंट के बारे में जानकारी दी। शोधकर्ताओं का कहना है कि वह एक और महीने तक देखेंगे कि आखिर अल्बेट नाम के मृत व्यक्ति के शरीर में वह किडनी कैसे काम करती है। न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी के ट्रांसप्लांट इंस्टिट्यूट के डायरेक्टर डॉ. रॉबर्ट मॉन्टगोमरी ने बताया, ‘क्या यह मनुष्य के अंग के तौर पर ही काम कर रहा है? अभी तक तो ऐसा ही लगता है।’ उन्होंने कहा कि यहां तक कि सुअर की लगाई किडनी तो मनुष्य के अंग से भी ज्यादा बेहतर ढंग से काम कर रही है।
डॉक्टर ने बताया कि 14 जुलाई को अल्बेट के शरीर से उनकी वास्तविक किडनी को निकालकर सुअर की किडनी ट्रांसप्लांट की गई थी। इसके तुरंत बाद देखा गया कि यह किडनी काम कर रही थी और यूरिन का प्रॉसेस जस का तस था। इससे यह संभावना पैदा हुई है कि प्रत्यारोपण के लिए मानव अंगों की कमी सुअर की किडनी से पूरी की जा सकती है। ब्रेन डेड अल्बेट की बहन ने कहा कि मेरे भाई चाहते थे कि वह दुनिया की मदद करें। इसलिए हमने उनकी इच्छा का सम्मान करते हुए उनके शरीर को प्रयोग के लिए डोनेट किया। उन्होंने कहा कि वह तो अब मेडिकल की किताबों में जगह पाएंगे और हमेशा जिंदा रहेंगे।
दशकों से वैज्ञानिक जानवरों के अंगों को मानव शरीर में प्रत्यारोपित करने के प्रयास करते रहे हैं, लेकिन असफलता हाथ लगी है। अब शोधकर्ता जेनेटिकली मोडिफाइड सुअरों का इस्तेमाल कर रहे हैं। इस ट्रायल ने उन्हें सफलता की एक किरण दिखाई और इस दिशा में आगे बढ़ा जा सकता है।