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माइग्रेन एक प्रकार का सिरदर्द, आज ही छोड़ दें ये चीजें नहीं तो बन जाएंगे माइग्रेन के मरीज

माइग्रेन एक प्रकार का सिरदर्द है जो बहुत ही दर्दनाक और परेशान करने वाला हो सकता है। यह दर्द आमतौर पर एक तरफ सिर में होता है और इसमें कई अन्य लक्षण भी शामिल हो सकते हैं।

यह दर्द इतना खतरनाक होता है कि कई बार दवा खाने के बाद भी आपको राहत नहीं मिलती। दर्द होने के बाद कई बार इंसान को खुद होश नहीं रहता कि वह कहां पर है। ऐसे में इस दर्द के पीछे होने वाले कारण या किन खानपान से ये दर्द होता है जानना बहुत अहम है।

कैफीन
बहुत अधिक कैफीन माइग्रेन या सिरदर्द का कारण बन सकता है। लेकिन कई विशेषज्ञ यह भी बताते हैं कि  कैफीन वास्तव में कुछ लोगों के लिए आने वाले माइग्रेन के हमलों को रोकने में मदद कर सकता है। इसके कभी-कभार इस्तेमाल से सिरदर्द से भी राहत मिल सकती है। लेकिन इसका बहुत ज्यादा इस्तेमाल भी आपको माइग्रेन की तरफ ले जाता है। कॉफी, चाय और चॉकलेट में कैफीन पाया जाता है।

आर्टिफिशियल स्वीट्स
आमतौर पर यह देखा जाता है कि कई खाद्य पदार्थों में कृत्रिम मिठास होती है। ये चीनी के विकल्प हैं जिन्हें मिठास बढ़ाने के लिए खाद्य पदार्थों और पेय पदार्थों में मिलाया जाता है। लेकिन ये मिठास माइग्रेन के दौरे को ट्रिगर कर सकती है। विशेष रूप से फ्लेवर स्वीट्स को माइग्रेन के हमलों को ट्रिगर करने वाला माना जाता है।

शराब
अगर आप शराब का सेवन कर रहे हैं तो यह शौक आपको माइग्रेन की तरफ ले जाएगा। शराब पीने के बाद नशे में इंसान सब कुछ भूल जाता है। लेकिन लगातार जब आप शराब पीते हैं तो यह आपके सिरदर्द की वजह बन जाता है। फिर यही सिर दर्द धीरे-धीरे आपके माइग्रेन में कंवर्ट हो जाता है।

लंबे समय से रखा चीज
लंबे समय से फ्रिज में रखा चीज भी माइग्रेन का कारण बन सकता है। पुरानी चीज में टायरामाइन नामक पदार्थ होता है। यह तब बनता है जब बैक्टीरिया भोजन में प्रवेश कर जाते हैं। बता दें कि पनीर जितना अधिक समय तक पुराना रहेगा, टायरामाइन की मात्रा उतनी ही अधिक होगी। टायरामाइन एक रसायन है जो सिरदर्द और माइग्रेन को ट्रिगर करने से जुड़ा हुआ है।

माइग्रेन के दर्द को कम कैसे करें
– दर्द निवारक दवाएं
– ट्राइप्टन्स
– एर्गोटामाइन्स
– लाइफस्टाइल में बदलाव, जैसे कि नियमित व्यायाम, स्वस्थ आहार, और पर्याप्त नींद लेकर भी इसके दर्द को कम किया जा सकता है।

माइग्रेन के दर्द को कम करने के लिए प्राकृतिक उपचार
– पेपरमिंट तेल
– लैवेंडर तेल
– अदरक
– विटामिन बी2
– मैग्नीशियम