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ओलंपिक में इतिहास रचने वाली मनु भाकर का स्वदेश वापसी पर भव्य स्वागत

नई दिल्ली
स्टार पिस्टल निशानेबाज मनु भाकर किसी एक ओलंपिक में दो पदक जीतने की ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल करने के बाद बुधवार को जब स्वदेश पहुंची तो लगातार हो रही बूंदाबांदी के बावजूद सैकड़ों समर्थकों और उनके परिजनों ने यहां उनका भव्य स्वागत किया।

मनु को पेरिस से दिल्ली लाने वाली एयर इंडिया की उड़ान (एआई 142) एक घंटे की देरी से सुबह करीब नौ बजकर 20 मिनट पर इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुंची। शहर में सुबह से हो रही बूंदाबांदी के बावजूद उनके आगमन से काफी पहले से हवाई अड्डे पर इंतजार कर रहे सैकड़ों लोगों ने उनका और उनके कोच जसपाल राणा का जोरदार स्वागत किया।

इस 22 वर्षीय खिलाड़ी ने महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल में कांस्य और फिर सरबजोत सिंह के साथ मिलकर 10 मीटर एयर पिस्टल मिश्रित टीम स्पर्धा में भी कांस्य पदक जीता। वह स्वतंत्रता के बाद किसी एक ओलंपिक खेल में दो पदक जीतने वाली पहली भारतीय खिलाड़ी है।

उनसे पहले, केवल ब्रिटिश मूल के भारतीय एथलीट नॉर्मन प्रिचार्ड ने 1900 ओलंपिक में 200 मीटर स्प्रिंट और 200 मीटर बाधा दौड़ में रजत पदक जीतकर यह उपलब्धि हासिल की थी। मनु ने भारत रवाना होने से पहले कहा था कि वह भव्य स्वागत की उम्मीद कर रही हैं और बुधवार को उन्हें कोई निराशा नहीं हुई।

यह युवा खिलाड़ी जैसे ही हवाई अड्डे से बाहर निकली उनका गुलदस्ताें, मालाओं और ढोल बजाकर स्वागत किया गया। मनु और उनके कोच जसपाल राणा के बाहर निकलने पर उन पर फूलों की पंखुड़ियां बरसाई गई। मनु और राणा को इसके बाद लोगों ने अपने कंधों पर उठा दिया। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए बड़ी संख्या में पुलिस बल भी तैनात था।

विश्व कप में कई बार स्वर्ण पदक जीत चुकी मनु मुस्कुरा कर लोगों का अभिवादन स्वीकार कर रही थी तथा पूरे गर्व के साथ पेरिस ओलंपिक में जीते गए अपने दोनों पदक लोगों को दिखा रही थी। मनु का स्वागत करने के लिए उनके माता-पिता राम किशन और सुमेधा तथा उनके गृह राज्य हरियाणा, राजस्थान और उत्तराखंड के खेल प्रेमी और अधिकारी भी पहुंचे थे। हवाई अड्डे पर जसपाल के पिता नारायण सिंह राणा की उपस्थित थे।

उत्तराखंड के पूर्व खेल मंत्री नारायण सिंह राणा ने कहा, ‘‘यह हमारे लिए गर्व की बात है कि भारत की एक बेटी ओलंपिक में दो पदक जीतकर इतिहास रचकर वापस आ रही है। ऐसा पहले कभी नहीं हुआ। वह केवल 22 साल की है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ वह अपने कोच जसपाल राणा के साथ आ रही हैं। वह मेरा बेटा है। उसने निशानेबाजी में भारत के लिए खेलकर गौरव बढ़ाया। इसकी शुरुआत जसपाल राणा और अभिनव बिंद्रा ने की थी।’’ मनु के प्रशंसक उनके आगमन से बहुत पहले हवाईअड्डे पर एकत्र हो गए थे। उन्होंने मनु और राणा की तस्वीरों वाले बैनर लेकर गीत और नृत्य के साथ उनकी उपलब्धि का जश्न मनाया।

मनु दोपहर में खेल मंत्री मनसुख मांडविया से मुलाकात करेंगी। वह रविवार को होने वाले समापन समारोह में भाग लेने के लिए शनिवार को पेरिस वापस जाएंगी जहां वह भारत के ध्वजवाहकों में से एक होंगी।