स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को सहयोग कर प्रदेश को फाईलेरिया मुक्त बनायें : उप मुख्यमंत्री शुक्ल
भोपाल
उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने ग्वालियर से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से राष्ट्रीय फाईलेरिया उन्मूलन अभियान (मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन) का शुभारंभ किया। उप मुख्यमंत्री श्री शुक्ल ने प्रदेश के सभी संबंधित जिलों के अधिकारियों, स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं एवं अन्य विभागों के मैदानी कर्मचारियों को अभियान के सफल क्रियान्वयन के लिए निर्देशित किया। उन्होंने कहा कि फाईलेरिया उन्मूलन के लिए जनभागीदारी अत्यंत आवश्यक है। प्रदेश में 10 फरवरी से 25 फरवरी तक 9 जिलों के 23 चिन्हित विकासखण्डों में प्रशिक्षित दवा सेवकों के माध्यम से बूथ डे एवं घर-घर भ्रमण के द्वारा फाईलेरिया रोधी दवा का सेवन निःशुल्क कराया जाएगा। उप मुख्यमंत्री श्री शुक्ल ने आमजन से अपील की है कि वे स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के निर्देशानुसार डीईसी, एल्बेंडाजोल और आइवरमेक्टिन दवाओं का सेवन अवश्य करें और अभियान को सफल बनाने में सहयोग प्रदान करें।
शत प्रतिशत लक्षित जनसमुदाय का दवा सेवन करें सुनिश्चित
उप मुख्यमंत्री श्री शुक्ल ने स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं एवं विभिन्न विभागों के कर्मचारियों का उत्साहवर्धन किया और पूर्ण मनोयोग एवं समर्पण से अभियान को सफल बनाने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग के साथ सभी विभागों के समन्वित प्रयास से ही यह सफल हो सकता है। उन्होंने विभिन्न विभागों के मैदानी कार्यकर्ताओं को प्रेरित किया कि वे समर्पण के साथ कार्य करें और शत प्रतिशत लक्षित जनसमुदाय द्वारा दवा सेवन सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि फाईलेरिया उन्मूलन के इस महत्वपूर्ण अभियान को सफल बनाने के लिए सभी विभागों के समन्वित प्रयास आवश्यक हैं, ताकि वर्ष-2030 तक प्रदेश को फायलेरिया से मुक्त बनायें।
राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम के तहत मध्य प्रदेश के 9 जिलों – मउगंज, पन्ना, छतरपुर, उमरिया, दतिया, कटनी, टीकमगढ़, निवाड़ी एवं शहडोल के 23 विकासखंडों में दिनांक 10 फरवरी से 25 फरवरी तक मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एमडीए) अभियान का संचालन किया जाएगा। एमडीए अभियान के अंतर्गत 23 चिन्हित ब्लॉकों की 58,08,577 की आबादी में से 52,85,805 लाभार्थियों को दवा खिलाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इस दौरान 10 फरवरी एवं 14 फरवरी को बूथ-डे गतिविधि आयोजित की जाएगी, जहां लक्षित जनसमुदाय को दवा सेवन कराया जाएगा। 15 फरवरी से 21 फरवरी तक स्वास्थ्य कार्यकर्ता घर-घर जाकर दवा वितरित करेंगे और समक्ष में दवा सेवन कराएंगे। जो व्यक्ति इन तिथियों में दवा सेवन नहीं कर पाएंगे, उनके लिए 22 फरवरी से 25 फरवरी तक मॉप-अप राउंड का संचालन होगा।
अभियान के तहत 2 वर्ष से अधिक आयु के सभी बच्चों एवं वयस्कों को डीईसी 100 मिग्रा. (उम्र अनुसार 1 से 3 टैबलेट) एवं एल्बेंडाजोल 400 मिग्रा. (1 टैबलेट) की दवा स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं द्वारा समक्ष में सेवन कराई जाएगी। मउगंज, पन्ना, छतरपुर, उमरिया, कटनी और टीकमगढ़ जिलों में लक्षित जनसमुदाय को ऊंचाई के अनुसार आइवरमेक्टिन दवा भी दी जाएगी। 90 सेमी से अधिक ऊंचाई वाले व्यक्तियों को 1 से 4 टैबलेट दी जाएंगी। 2 वर्ष से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती महिलाओं, गंभीर बीमारियों से ग्रसित व्यक्तियों एवं धात्री माताओं (जिनका हाल ही में प्रसव हुआ है) को दवा का सेवन नहीं कराया जाएगा।
अभियान के सुचारु क्रियान्वयन के लिये स्वास्थ्य विभाग द्वारा जागरूकता अभियान भी चलाया जाएगा। पंचायतों एवं सार्वजनिक स्थलों पर जनजागरूकता शिविर आयोजित किए जाएंगे। स्थानीय जनप्रतिनिधियों, स्वयंसेवी संगठनों एवं स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की सहायता से लोगों को फायलेरिया रोग के लक्षण एवं रोकथाम की जानकारी दी जाएगी।