मध्यप्रदेश अब देश का डिजिटल स्टेट बनने की ओर तेजी से अग्रसर
भोपाल
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में बढ़ते विश्वास के साथ आईटी क्षेत्र में निवेश के सकारात्मक रूझान और प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों के लिए लागू की गई नई नीतियों से मध्यप्रदेश अब देश का डिजिटल स्टेट बनने की ओर तेजी से अग्रसर है। पिछले एक वर्ष में हुई रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव , देश के विभिन्न महानगरों के साथ अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर यूके, जर्मनी और जापान में रोड-शो के जरिये उद्योगपतियों और निवेशकों को मध्यप्रदेश में निवेश के लिए आमंत्रित किया गया। इसी के साथ गत फरवरी माह में भोपाल में हुई ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (जीआईएस) के सफल परिणामों ने मध्यप्रदेश के औद्योगिक क्षेत्र को नई ऊंचाइयां प्रदान की हैं। इसमें सबसे प्रमुख रहा आईटी सेक्टर, जो प्रदेश को आईटी क्षेत्र में एक नई पहचान देने का माध्यम बना। मुख्यमंत्री डॉ. यादव की इसी पहल के तहत रविवार को इंदौर के ब्रिलिएंट कन्वेंशन सेंटर में प्रदेश के पहले "एमपी टेक ग्रोथ" कॉन्क्लेव-25 का आयोजन होने जा रहा है, जिसमें देश-दुनिया के टेक दिग्गज शामिल होंगे।
मध्यप्रदेश डिजिटल नवाचार की दिशा में आगे बढ़ते हुए राज्य के 02 शहरों को AI सिटी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मॉडल पर विकसित करने जा रहा है। इस पायलेट प्रोजेक्ट को मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने भी सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है। राज्य में अभी एग्रीटेक, स्कूल एजुकेशन, वन, बिजली और पुलिस महकमें में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग किया जा रहा है।
ग्वालियर में देश का पहला टेलीकॉम मैनुफैक्चरिंग जोन (TMZ),12 हजार करोड़ के निवेश और 5 हजार नौकरियों के साथ जल्द आकार लेगा। यह TMZ देश में अपनी तरह का पहला जोन होगा। इसमें सिम, चिप, एंटीना और अन्य उपकरण निर्मित होंगे। यहाँ सभी एसेसरीज सिस्टम्स, कम्पोनेंटस, वाइ-फाई, ऑप्टिकल्स, मोबाइल डिवाइसेज, सिमकार्ड, एंटीना, टेलीकॉम चिप्स सहित टेलीकॉम सेक्टर में नई 6जी टेक्नॉलाजी के लिए अनुसंधान एवं विकास के कार्य भी किए जाएंगे। टेलीकॉम सेक्टर की डिक्सॉन, वॉयकॉन, आईबीएम, निक्सन एवं एरिक्सन जैसी सभी बड़ी कम्पनियां यहां निवेश करने के लिए आएंगी।
ग्वालियर आईटी पार्क में लगभग 70 एकड़ एवं साडा ग्वालियर क्षेत्र में 300 एकड़ भूमि की मांग निवेशकों द्वारा की गई है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर साडा ग्वालियर की 271 हेक्टेयर भूमि औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग को हस्तांतरित करने का निर्णय हो चुका है। नवीन आईटी नीतियां मध्यप्रदेश में निवेशकों को आकर्षित करने के लिए बेहद अनुकूल हैं। टेलीकॉम मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र में उभरते सभी अवसरों का लाभ उठाने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है।
इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर (ईएमसी) 2.0 देश में इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए एक अग्रणी पहल है। यह योजना एक गेम चेंजर है और निश्चित रूप से इस क्षेत्र को अगले स्तर पर ले जाएगी। ईएमसी 2.0 योजना में भोपाल के बैरसिया रोड पर बांदीखेड़ी में और जबलपुर में इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर डेवलप होगा ।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने जीआईएस – भोपाल में प्रदेश में बेहतर निवेश के लिए निवेशकों को आकर्षित करने के लिए कई प्रभावी कदम उठाए हैं। इस तारतम्य में लिए गए निर्णयों का नतीजा है नीति क्रियान्वयन और आधारभूत संरचना विकास। विभागीय सक्रियता ने राज्य को आईटी, आईटीईएस और ईएसडीएम क्षेत्रों में एक संभावित निवेश स्थल से वास्तविक और समृद्ध निवेश-स्थल में परिवर्तित कर दिया है।
जीआईएस- भोपाल में लगभग 100 आईटी कंपनियों के लगभग 34 हजार करोड़ राशि के निवेश प्रस्ताव से दो लाख से अधिक रोजगार के अवसर सृजित होंगे। इनमें से 28 प्रोजेक्ट दो माह में मूर्तरूप ले रहे हैं।
राज्य के दो उभरते तकनीकी केंद्र इंदौर और भोपाल इन क्षेत्रों में निवेश के लिये आकर्षण का केंद्र बन रहे हैं। इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग और नॉलेज प्रोसेस आउटसोर्सिंग (केपीओ), बिजनेस प्रोसेस आउटसोर्सिंग (बीपीओ) और डाटा सेंटर की स्थापना के लिए निवेशकों को आकर्षित किया है।
राज्य में डाटा सेंटर के क्षेत्र में कंपनियां आ रहीं हैं , जिससे निवेश का आकार लगातार बढ़ रहा है। सेन्ट्रल ऑफ एक्सीलेंस, इन्क्यूबेशन सेन्टर और आईटी स्टार्ट-अप का मध्यप्रदेश में बेहतर ईको सिस्टम विकसित हो रहा है।
"एमपी टेक ग्रोथ कॉन्क्लेव – 2025" में स्टेक होल्डर डिजिटल एक्सपर्टस एवं निवेशकों को प्रदेश के तकनीकी और डिजिटल नवाचार और उससे संबंधित आर्थिक दृष्टिकोण बारे में बताया जायेगा। इस अवसर पर नीतिगत घोषणाएं , ग्लोबल कैपेसिटी सेंटर्स, सेमीकंडक्टर्स, कॉमिक्स और एक्सटेन्डेड रियलिटी और ड्रोन्स से संबंधित गाइडलाइन्स जारी की जाएंगी। राज्य की जीसीसी, आईटी, आईटीईस, सेमीकंडक्टर्स, ड्रोन्स और एवीजीस-एक्सआर पॉलिसी मध्यप्रदेश को देश के डिजिटल स्टेट के रूप में उभारने में बेहद कारगर होंगी। एमपी टेक ग्रोथ कॉन्क्लेव-2025, जहाँ डिजिटल भारत की दिशा में अग्रणी भूमिका निभाएगा वहीं प्रदेश देश का डिजिटल स्टेट बनकर उभरेगा।
डिजिटल इंडस्ट्री के क्षेत्र में कार्य कर रहे उद्योगपतियों के साथ समन्वय, स्टार्ट-अप में उद्यमिता की संस्कृति को विकसित करने, प्राकृतिक गैस पर टैक्स कम करने और प्रदेश में स्टार्ट-अप कम्युनिटी को बढ़ावा देने का काम कर रही है। वॉक-टू-वर्क सुविधा के साथ आईटी पार्क विकसित करने, प्रदेश में डिजिटल इकोनॉमी मिशन प्रारंभ करने के साथ ही AI -आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित गतिविधियों की अन्य उद्योगों में स्वीकार्यता बढ़ाने की दिशा में भी राज्य सरकार कार्य कर रही है। एमपी टेक ग्रोथ कॉन्क्लेव डिजिटल इंडस्ट्री के क्षेत्र में कार्य कर रहे उद्योगपतियों के बीच मजबूत रिश्तों का आधार बनेगी और सबके सहयोग से मध्यप्रदेश आईटी सेक्टर में अपनी विशेष पहचान स्थापित करेगा।