Madhya Pradesh

लोक भारती का बंग्लाभाषी हिंदू समाज पर हो रहे अत्याचार के विरोध में उग्र प्रदर्शन

लोक भारती का बंग्लाभाषी हिंदू समाज पर हो रहे अत्याचार के विरोध में उग्र प्रदर्शन

आज बंग्लाभाषी हिंदुओं पर विपत्ति भारी है, यदि हम मौन रहे तो कल हमारी बारी :- अशोक त्रिपाठी

भोपाल
 बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार किया जा रहा है, जिसकी अलग-अलग तस्वीरें सामने आई। बांग्लादेश की घटना को लेकर भारत के हिंदुओं में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। वही राजधानी भोपाल के नीलम पार्क में लोक भारती के सहयोगी संगठन बंगो लोकभारती के नेतृत्व में बंग्लादेश में बंग्लाभाषी हिंदुओं पर हो रहे जघन्य अत्याचार के विरोध में प्रदर्शन किया। ओर केन्द्र सरकार से हस्तक्षेप करने के आग्रह का ज्ञापन  महामहिम राज्यपाल और मुख्यमंत्री के नाम सौंपा।

लोक भारती के केंद्रीय पदाधिकारी अशोक त्रिपाठी ने कहा कि आज बंग्लाभाषी हिंदुओं पर विपत्ति भारी है, यदि हम मौन रहे तो कल हमारी बारी है,उन्होंने कहा कि भारत ने सम्पूर्ण विश्व में शान्ति की स्थापना और मानवाधिकारों की रक्षा के लिए हमेशा आगे रहकर नेतृत्त्व किया है. विश्व में शान्ति की स्थापना की है, लेकिन आज के इस समय में अल्पसंख्यक हिन्दू धर्म के लोगों पर बांग्लादेश में हो रहे अत्याचार बहुत ही गम्भीर है, जिसकी हम सब आलोचना करते हैं,भारत देश विश्च मंच पर संयुक्त राष्ट्र संघ और अन्य मानवतावादी देशों के जरिये हिन्दुओं पर हो रहे अत्याचार को रोकने की तत्काल कार्यवाही करे जिससे धर्म के नाम पर फैली हिंसा को रोक कर हिन्दुओं और मानव मूल्यों की रक्षा हो सके,उन्होंने कहा कि भारत सरकार बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार को लेकर कदम उठाए उनकी सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करे,जबतक सरकार इस मामले को लेकर कोई निर्णय नहीं लेती तबतक बंगो लोक भारती का संघर्ष जारी रहेगा। इस कार्यक्रम में लोकभारती के केन्द्रीय पदाधिकारी अशोक त्रिपाठी, बंगो लोकभारती के वरिष्ठ पदाधिकारी संजीत सरकार पन्ना, संजीव राय बैतूल, सपन कुमार दास भोपाल, परिमल विश्वास, एसके दत्ता, श्याम छाली, गणेश सरकार, माखन राय, गणेश धरामी, सुभाषचंद्र दास, मिरी कविराज, बीएन दास, वनमाली हलदार, मिथुन मंकड़, दीपक मंडल, डीजे लालवाला  वरिष्ठ पत्रकार एमपी व्यास, सुधांशु द्विवेदी, डॉ आनंद शुक्ला, राजकुमार द्विवेदी, सुरेन्द्र श्रीवास्तव संस्कृति बचाओ मंच के अध्यक्ष चंद्र शेखर तिवारी सहित बड़ी संख्या में बंगो लोक भारती के पदाधिकारी उपस्थित रहे।