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सस्ती होगी शराब, एयरपोर्ट्स और मॉल्स में मिलेगी रिटेल में… घर पर बनाने के लिए मिलेंगे लाइसेंस…

इंपेक्ट डेस्क.

मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार ने वर्ष 2022-23 के लिए नई आबकारी नीति को मंजूरी दे दी है। इसके तहत प्रदेश के सभी एयरपोर्ट्स और चार महानगरों के चुनिंदा मॉल्स में शराब रिटेल में बेची जाएगी। साथ ही एक करोड़ रुपये या अधिक की सालाना आय वालों को घर पर होम बार बनाने का लाइसेंस भी दिया जाएगा। सरकार ने घर पर रखी जाने वाली शराब की बोतलों की छूट भी बढ़ा दी है। 

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में कैबिनेट ने मंगलवार को यह निर्णय लिया। इसके तहत 20 प्रतिशत तक शराब सस्ती होगी। ताकि उसकी कीमतों को व्यवहारिक बनाया जा सके। कैबिनेट ने मध्य प्रदेश हेरिटेज लिकर पॉलिसी को भी मंजूरी दे दी है। नई पॉलिसी के तहत इंदौर, भोपाल, जबलपुर और ग्वालियर में फिक्स फी पर चुनिंदा सुपरमार्केट्स में शराब बेची जा सकेगी। साथ ही सभी एयरपोर्ट्स पर भी आउटलेट खोले जा सकेंगे। एक करोड़ रुपये से अधिक की सालाना आय वाले व्यक्तियों को 50 हजार रुपये की सालाना फीस पर होम बार लाइसेंस दिया जाएगा। पॉलिसी के तहत इको-टूरिज्म बोर्ड और पर्यटन विकास निगम की अस्थायी यूनिट्स पर रियायती दरों पर बार लाइसेंस जारी होंगे। 

शराब आयात प्रक्रिया आसान होगी
राज्य सरकार ने इंदौर और भोपाल में माइक्रोब्रेवरीज को शुरू करने की अनुमति दी है। साथ ही शराब के आयात की प्रक्रिया को आसान बनाया जाएगा। नगर निगम से अनापत्ति प्रमाण पत्र लेना होगा। साथ ही पर्यावरणीय मंजूरी लेने के बाद बिजली विभाग से भी एनओसी लगेगी। अवैध शराब की बिक्री रोकने के लिए सभी शराब दुकानों को कम्पोजिट शॉप्स के तौर पर विकसित किया जाएगा। यहां देशी, विदेशी के साथ-साथ बियर भी बिक सकेगी। 

शराब दुकानों की जगह बदलने का अधिकार स्थानीय समिति को
जिला स्तरीय हाई-पॉवर कमेटी को शराब दुकानों की जगह बदलने का अधिकार होगा। इन समितियों में कलेक्टर, स्थानीय विधायक होंगे। मध्य प्रदेश में पैदा होने वाले अंगूरों के साथ-साथ जामुन से बनाई जाने वाली वाइन ड्यूटी फ्री होगी। नई आबकारी नीति में टेट्रा-पैकिंग लिकर पैकिंग का प्रावधान भी है। क्यूआर कोड होगा, जिसे स्कैन कर उस प्रोडक्ट की ऑथेंटिसिटी देखी जा सकेगी। 

महुआ से शराब बना सकेंगे आदिवासी
 मध्य प्रदेश कैबिनेट हेरिटेज लिकर पॉलिसी को भी मंजूरी दे दी है। इसके तहत पिछले साल नवंबर में शिवराज सिंह चौहान ने आदिवासियों को महुआ के फूलों से पारंपरिक शराब बनाने की अनुमति देने का ऐलान किया था। इस पॉलिसी को कैबिनेट सब-कमेटी के सामने रखा जाएगा, जो हेरिटेज लिकर प्रोजेक्ट पर चर्चा करेगी।