विपक्ष को सीख और आपातकाल का जिक्र, संसद सत्र से पहले क्या बोले PM मोदी
नई दिल्ली
18वीं लोकसभा का पहला सत्र शुरू होने से पहले पीएम मोदी ने अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि आज का दिवस गौरवमय है, यह वैभव का दिन है। आजादी के बाद पहली बार हमारी अपनी नई संसद में ये शपथ समारोह हो रहा है। अक्सर ये प्रक्रिया पुराने सदन में हुआ करती थी। आज के महत्वपूर्ण दिवस पर मैं सभी नवनिर्वाचित सांसदों का हृदय से स्वागत करता हूं, सबका अभिनंदन करता हूं और सबको अनेक अनेक शुभकामनाएं देता हूं। संसद का ये गठन भारत के सामान्य मानवी के पूर्ति का है, नए उमंग, नए उत्साह के साथ नई गति और नई ऊंचाई प्राप्त करने के लिए ये अत्यंत महत्वपूर्ण अवसर है, 2047 का विकसित भारत का लक्ष्य है।
'आज से 18वीं लोकसभा का प्रारंभ हो रहा'
पीएम मोदी ने कहा कि आज 18वीं लोकसभा का प्रारंभ हो रहा है, विश्व का सबसे बड़ा चुनाव बहुत ही शानदार तरीके से बहुत ही गौरवमय तरीके से संपन्न होना ये हर भारतीय के लिए गौरव की बात है। करीब 65 करोड़ से ज्यादा मतदाताओं ने मतदान में हिस्सा लिया। ये चुनाव इसलिए भी बहुत महत्वपूर्ण बन गया है कि आजादी के बाद दूसरी बार किसी सरकार को लगातार तीसरी बार सेवा करने के लिए देश की जनता ने अवसर दिया है। ये अवसर 60 साल के बाद आया है, ये अपने आप में बहुत बड़ी गौरवपूर्ण घटना है।
जनता ने हमारी नीतियों पर मुहर लगाई- PM
प्रधानमंत्री ने कहा कि जब देश की जनता ने तीसरे कार्यकाल के लिए इस सरकार को पसंद किया मतलब उसकी नीयत पर मुहर लगाई है। उसके नीतियों पर मुहर लगाई है, जनता जनार्दन के प्रति उनसके समर्पण भाव को मुहर लगाई है। पिछले 10 साल में हमने देश को आगे बढ़ाने का निरंतर प्रयास किया है। मैं मानता हूं कि सरकार चलाने के लिए बहुमत होता है देश चलाने के लिए सहमति जरूरी है, इसलिए हमारा प्रयास रहेगा कि हर किसी को साथ लेकर मां भारती की सेवा करें। 140 करोड़ देशवासियों की आशा को पूर्ण करेंगे।
हम सबको साथ लेकर चलना चाहते हैं- पीएम मोदी
पीएम मोदी ने कहा कि हम सबको साथ लेकर चलना चाहते हैं, सबको साथ लेकर संविधान का पालन करते हुए निर्णयों को गति देना चाहते हैं। 18वीं लोकसभा में युवा सांसदों की संख्या अच्छी है। हम जब 18 की बात करते हैं तो भारत की जो सांस्कृतिक विरासत से जो परिचित हैं उनको पता है कि हमारे यहां 18 अंकों का बहुत सात्विक मूल्य है। गीता का 18 अध्याय है, कर्म, कर्तव्य और करुणा का संदेश इस भाव से मिलता है। हमारे यहां पुराणों और उपपुराणों की संख्या भी 18 है, 18 का मूलांक 9 है और 9 पूर्णता की गारंटी देता है। 18 वर्ष की आयु में हमारे यहां मताधिकार मिलता है। 18वीं लोकसभा का गठन वो भी एक शुभ संकेत है।
ये बहुत ही महान विजय है और बहुत ही भव्य विजय है। आपने हमें तीसरी बार सरकार चलाने का आदेश दिया है हम विश्वास दिलाते हैं कि तीसरे कार्यकाल में हम पहले तीन गुना ज्यादा मेहनत करेंगे, हम परिणामों को भी तीन गुना लाकर रहेंगे। इस संकल्प के साथ हम नए कार्यभार को लेकर आगे चलेंगे।
सभी सांसदों से बहुत सी अपेक्षाएं- PM
प्रधानमंत्री ने कहा कि सभी सांसदों से देश को बहुत सी अपेक्षाएं हैं। मैं सभी सांसदों से आग्रह करूंगा कि जनहित के लिए लोकसेवा के लिए हम इस अवसर का उपयोग करें और हम संभव हम जनहित में कदम उठाएं। देश की जनता विपक्ष से अच्छे कदमों की अपेक्षा रखती है। अबतक तो निराशा मिली है, शायद इस 18वीं लोकसभा में विपक्ष देश के सामान्य नागरिकों की अच्छी भूमिका की अपेक्षा करता है, लोकतंत्र की गरिमा को बनाए रखने की अपेक्षा रखता है, मैं आशा करता हूं कि विपक्ष उसपर खरा उतरेगा।
आपातकाल का जिक्र कर कांग्रेस पर अटैक
पीएम मोदी ने इस दौरान आपातकाल की याद दिलाते हुए कांग्रेस पर अटैक किया। उन्होंने कहा कि आज हम 24 जून को मिल रहे हैं कल 25 जून है जो लोग इस देश की संविधान की गरिमा को समर्पति हैं जो लोग देश की परंपराओं की निष्ठा रखते हैं उनके लिए 25 जून न भूलने वाला दिवस है, कल 25 जून को भारत का लोकतंत्र के लिए जो काला धब्बा लगा था उसके 50 वर्ष हो रहा है, भारत की नई पीढ़ी इस बात को कभी नहीं भूलेगी कि भारत के संविधान को पूरी तरह नकार दिया गया था। लोकतंत्र को पूरी तरह दबोच दिया गया था। उस दिन के 50 साल इस संकल्प हैं कि हम गौरव के साथ हम संविधान की रक्षा करते हुए भारत के लोकतंत्र और पारंपरिक परंपराओं की रक्षा करते हुए देशवासी संकल्प लेंगे कि भारत में कोई भी ऐसी हिम्मत नहीं करेगा जो 50 साल पहले की गई थी और लोकतंत्र पर काला धब्बा लगा दिया गया था। हम संकल्प करेंगे जीवंत लोकतंत्र का, भारत के संविधान की दिशा के अनुसार जन सामान्य के सपनों को पूरा करना।
भर्तृहरि महताब ने ली प्रोटेम स्पीकर शपथ
पीएम मोदी ने विपक्ष से सत्र चलाने की अपील की। वहीं लोकसभा सत्र शुरू होने से ठीक पहले कटक से बीजेपी सांसद भर्तृहरि महताब को प्रोटेम स्पीकर की शपथ दिलाई गई। राष्ट्रपति भवन में उनका शपथ ग्रहण हुआ। प्रोटेम स्पीकर ही नवनिर्वाचित सदस्यों को शपथ दिलाएंगे। हालांकि, सत्र से पहले प्रोटेम स्पीकर के चुनाव को लेकर सियासी घमासान देखने को मिला।