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करुण नायर ने इंग्लैंड दौरे पर ठोका दोहरा शतक, भारत के लिए ‘तुरुफ का इक्का’ साबित हुआ ये खिलाड़ी

कैंटरबरी
 एक तरफ जहां हर किसी का ध्यान आईपीएल के प्लेऑफ मुकाबलों पर है, वहीं दूसरी तरफ भारत की ए टीम इंग्लैंड लायंस के खिलाफ अनऑफिशियल टेस्ट मैच में भिड़ रही है। इस मुकाबले में का आज दूसरा दिन है। मैच में पहले बल्लेबाजी करने आई भारतीय टीम के बल्लेबाजों ने इंग्लैंड के गेंदबाजों को जमकर धोया। पहले दिन शतक लगाकर नॉट आउट लौटे करुण नायर ने इस मैच के दूसरे दिन डबल सेंचुरी ठोक दी है। उन्होंने 204 रन की शानदार पारी खेली।

ट्रिपल सेंचुरी के बाद किया गया बाहर

8 साल बाद करुण नायर की भारतीय टीम में वापसी हुई है। 2017 में इंग्लैंड के खिलाफ तिहरा शतक बनाने के बाद, करुण को प्लेइंग XI से बाहर कर दिया गया था। उसके बाद से उन्हें टीम में शामिल नहीं किया गया। पिछले कुछ सालों में, उन्होंने घरेलू क्रिकेट में खूब रन बनाए। इस वजह से चयनकर्ताओं ने उन्हें इंग्लैंड के खिलाफ आगामी पांच मैचों की टेस्ट सीरीज के लिए चुना है।

    करुण नायर की डबल सेंचुरी

इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज से पहले, करुण ने कैंटरबरी में इंग्लैंड लायंस के खिलाफ इंडिया ए के मैच में भाग लिया। उन्होंने शानदार दोहरा शतक बनाया। अभिमन्यु ईश्वरन और यशस्वी जायसवाल के जल्दी आउट होने से टीम मुश्किल में थी। लेकिन करुण और सरफराज खान ने अच्छी बल्लेबाजी की और 181 रनों की साझेदारी की।

सरफराज 92 रन पर आउट हो गए। इसके बाद करुण और ध्रुव जुरेल ने मिलकर टीम को अच्छी स्थिति में पहुंचाया। दूसरे दिन, जुरेल 94 रन बनाकर आउट हो गए। लेकिन करुण ने रन बनाना जारी रखा और 272 गेंदों में अपना दोहरा शतक पूरा किया।

प्लेइंग 11 में दावा किया मजबूत

इस प्रदर्शन से उन्होंने पांच मैचों की सीरीज में प्लेइंग XI में अपनी जगह पक्की करने का दावा मजबूत कर दिया है। करुण के लिए यह दोहरा शतक व्यक्तिगत रूप से भी बहुत राहत देने वाला हो सकता है। वह लंबे समय से भारतीय टीम में वापसी का मौका ढूंढ रहे थे। अगर उन्हें 20 जून से शुरू होने वाले पहले टेस्ट में इंग्लैंड के खिलाफ प्लेइंग XI में जगह मिलती है, तो उनका फॉर्म टीम के लिए बहुत महत्वपूर्ण होगा।

करुण नायर ने घरेलू क्रिकेट में लगातार अच्छा प्रदर्शन किया। उन्होंने रनों का अंबार लगाया। इसी वजह से चयनकर्ताओं का ध्यान उनकी ओर गया। इंग्लैंड लायंस के खिलाफ दोहरा शतक उनकी प्रतिभा और दृढ़ संकल्प का प्रमाण है। उन्होंने मुश्किल परिस्थितियों में शानदार बल्लेबाजी की। सरफराज खान और ध्रुव जुरेल के साथ उनकी साझेदारी ने टीम को मजबूत स्थिति में पहुंचाया। करुण का दोहरा शतक न केवल उनके लिए, बल्कि पूरी टीम के लिए मनोबल बढ़ाने वाला है।