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US राष्ट्रपति की रेस में ट्रम्प से आगे निकलीं कमला हैरिस, सिर्फ एक महीने में उन्होंने न केवल ट्रंप के साथ मुकाबला बराबर कर लिया है

वाशिंगटन
कमला हैरिस ने अपनी ताकत और आत्मविश्वास का प्रदर्शन करते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति बनने के लिए एक अभियोजक की तरह अपनी बात रखी: जनता बनाम डोनाल्ड ट्रंप. यह प्रभावी, संक्षिप्त और उन मीडिल क्लास अमेरिकियों को टारगेट कर बढ़ाया गया कदम था, जिनकी संख्या वहां सबसे अधिक है. कमला हैरिस ने अपने जीवन का सबसे महत्वपूर्ण भाषण दिया, जिसे सुनने के बाद डेमोक्रेट्स खुश हैं, लेकिन अब यह देखना बाकी है कि यह चुनाव में कितना प्रभावी साबित होगा. फिलहाल, हैरिस इस बात का जश्न मना सकती हैं कि उन्होंने अपना पहला बड़ा काम सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है.

कमला हैरिस के भाषण में एक 'योद्धा' वाली झलक भी देखने को मिली, खासतौर पर विदेश नीति और वैश्विक नेतृत्व के मामलों पर. उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि अमेरिका स्पेस और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में चीन से आगे रहेगा. साथ ही उन्होंने नाटो और यूक्रेन के लिए मजबूत समर्थन जताया, और इजराइल और गाज़ा के बीच संतुलन बनाकर रखा. 2024 की हैरिस साफ तौर पर 2019 की हैरिस से अलग हैं. तब वो एक अच्छे चुनावी अभियान के लिए संघर्ष करती दिखी थीं. वे लगभग चार साल से US की उपराष्ट्रपति हैं. लेकिन, अब भी बहुत से मतदाता, खासकर वे जिन्होंने अबतक वोट डालने को लेकर फैसला नहीं लिया है, उनके बारे में ज्यादा नहीं जानते हैं. ट्रंप ने उन्हें एक कट्टरपंथी वामपंथी के रूप में पेंट करने की कोशिश की और उनकी उदारवादी विचारधारा के लिए उन्हें 'कॉमरेड कमला' कहा. लेकिन कमला हैरिस के भाषण का उद्देश्य वामपंथी लेबल को हटाकर, 'रक्षक' होने का लेबल चिपकाना था. रक्षक- सभी प्रकार के अधिकारों की रक्षक, खासकर महिलाओं के लिए.

इस भाषण का उद्देश्य था कि वे एक समझदार, सुरक्षित और संतुलित उम्मीदवार के रूप में सामने आएं. एक ऐसी उम्मीदवार जो विश्वसनीय, व्यावहारिक और सामान्य समझ वाली हों. कमला हैरिस ने ऐसा इतनी सफलतापूर्वक निभाया कि ट्रंप हिल गए. उन्होंने हैरिस के भाषण के दौरान ही फॉक्स न्यूज को कॉल किया और शिकायत की. लेकिन भाषण के दैरान जब हैरिस ने कहा कि वो गंभीर व्यक्ति नहीं हैं और उनके व्हाइट हाउस में होने के काफी गंभीर परिणाम होगें, तब स्पष्ट रूप से ट्रंप को यह बात बुरी लगी. फॉक्स न्यूज को ट्रंप को 10 मिनट के बाद रोकना पड़ा क्योंकि वे बातचीत के दौरान भटक रहे थे.

पहचान की राजनीति से परे
हैरिस डेमोक्रेट्स द्वारा सबसे ऊंचे पद के लिए नामांकित होने वाली दूसरी महिला हैं. इससे पहले हिलेरी क्लिंटन 2016 में अमेरिकी राष्ट्रपति पद का चुनाव लड़ चुकी हैं लेकिन तब उन्हें हार का सामना करना पड़ा था. काफी समझदारी से हैरिस ने अपने महिला होने या फिर अपनी मूल विरासत को मुद्दा नहीं बनाया, बल्कि दोनों का उपयोग अमेरिका की संभावनाओं को प्रदर्शित करने के लिए किया. यह क्लिंटन के नजरिए से अलग है. वो जेंडर के मुद्दों में उलझ गई थीं, जिससे उन्हें नुकसान उठाना पड़ा. हैरिस का यह मानना कि उनके पास राष्ट्रपति बनने का अधिकार है और इसका उनके जेंडर या फिर वो कहां से आती हैं, इससे कोई लेना नहीं है, उनकी जीत में अहम रणनीति साबित हो सकती है.  अपने भाषण में हैरिस ने अपनी मां श्यामला गोपालन को एक शानदार, पांच फुट लंबी, ब्राउन महिला के रूप में श्रद्धांजलि दी, जो मजबूत और साहसी थीं. हैरिस ने अपनी मां की कहानी को संक्षेप में बताने के लिए पर्याप्त विवरण दिया, जिसमें माइग्रेशन, भेदभाव, संकल्प और सफलता की कहानी छिपी थी.

ट्रंप से आगे निकलीं कमला हैरिस
हैरिस को इस सम्मेलन के बाद सर्वेक्षणों में निश्चित रूप से बढ़त मिलेगी. सिर्फ एक महीने में उन्होंने न केवल ट्रंप के साथ मुकाबला बराबर कर लिया है, बल्कि राष्ट्रीय और कुछ महत्वपूर्ण स्विंग राज्यों में थोड़ी बढ़त भी हासिल कर ली है. एक पोल ट्रैकर FiveThirtyEight ने दिखाया कि हैरिस 47 प्रतिशत के साथ आगे हैं, जबकि ट्रंप 43.7 प्रतिशत पर हैं. उनकी लोकप्रियता की रेटिंग नीचे से चढ़कर एक सम्मानजनक 45 प्रतिशत तक पहुंच गई है, जबकि ट्रंप की पहले के मुकाबले घट गई है. इस सम्मेलन ने साबित कर दिया कि एक हतोत्साहित पार्टी को प्रेरित किया जा सकता है. थके हुए में फिर से जोश भरा जा सकता है. डेमोक्रेट्स ने महसूस किया है कि देशभक्ति को रिपब्लिकन की संपत्ति नहीं बनने देना चाहिए. यह चतुराई है. अगर आप मध्य वर्ग का दिल जीतना चाहते हैं तो झंडे का अनादर मत करो.