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प्रदेश में करारी हार के बाद निशाने पर आए कमलनाथ, जीतू का होगा इस्तीफा!

भोपाल

लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने जहां कई राज्यों में लंबे समय बाद अच्छा प्रदर्शन किया तो मध्य प्रदेश में पार्टी की उम्मीदों का बड़ा झटका लगा। इस बार कांग्रेस का यहां पूरी तरह सूपड़ा साफ हो गया और भाजपा ने सभी 29 सीटों पर कब्जा कर लिया। कांग्रेस की एकमात्र सीट छिंदवाड़ा भी छिन जाने के बाद अब पार्टी में सवाल उठने शुरू हो गए हैं। कुछ दबी जुबान में बात कर रहे हैं तो कुछ खुलकर बोलने लगे हैं। निशान पर हैं पूर्व सीएम कमलनाथ।

 पूर्व नेता विपक्ष और चुरहट सीट से विधायक अजय सिंह राहुल ने कमलनाथ पर खुलकर सवाल उठाए हैं और कहा कि हार के लिए वे नेता जिम्मेदार हैं जिन्होंने पार्टी को हाईजै कर लिया है। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह के बेटे अजय सिंह ने पार्टी हाईकमान से स्थिति की समीक्षा की मांग की है।  

अजय सिंह ने कहा, 'केवल इस चुनाव में नहीं, व्यवस्थित तरीके से धीरे-धीरे एक-दो नेताओं ने पार्टी को हाईजैक कर लिया। 2018 में हमारे पास एक निर्वाचित सरकार थी जो 15 महीने भी नहीं चली।' कमनलाथ का नाम लिए बिना उन पर निशाना साधते हुए अजय सिंह ने चुनाव से पहले पूर्व सीएम के भाजपा में जाने की उड़ी खबरों का भी जिक्र किया।  

कांग्रेस नेता ने कहा, 'चुनाव से एक महीने पहले वह भाजपा में शामिल होने जा रहे थे। आम कार्यकर्ता भी अपने भविष्य को लेकर सोचने पर मजबूर थे। पहले उन्होंने कहा कि जा रहे हैं फिर कहा नहीं जा रहा। इसका मध्य प्रदेश में कार्यकर्ताओं पर बड़ा असर हुआ। इतने बड़े नेता भाजाप में शामिल होना चाहते थे और दूसरे उनके साथ जाना चाहते थे।' उन्होंने कहा कि पार्टी को इस पर भी चर्चा करनी चाहिए कि क्यों चुनाव से पहले बड़ी संख्या में कांग्रेस नेताओं ने साथ छोड़ा। सिंह ने कहा, 'जब 2013 में मैं विपक्ष का नेता था और सरकार नहीं बनी तो मुझे इस्तीफा देने को कहा गया था।'

 रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से यह भी बताया गया है कि हार के बाद मध्य प्रेदश कांग्रेस प्रमुख जीतू को इस्तीफा देने को कहा गया है। एक वरिष्ठ नेता ने इसे अनुचित बताते हुए कहा, 'उन्हें चुनाव से कुछ महीने पहले ही कमान दी गई थी। ऐसे समय पर बड़ी चुनौती दी गई जब कई नेताओं ने लालच या केंद्रीय एजेंसियों की जांच के डर से पार्टी छोड़ दी।' माना जा रहा है कि पहले विधानसभा चुनाव और अब लोकसभा चुनाव में बड़ी हार के बाद मध्य प्रदेश कांग्रेस में बड़े बदलाव दिख सकते हैं।