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CM योगी का इंटरव्यू… बोले- दंगाई और तमंचावादी को तो धर्मात्मा नहीं बोल सकता…

इंपैक्ट डेस्क.

चुनावी रण में आप उतर चुके हैं। यूपी के चुनाव पर पूरे देश की निगाह लगी हुई है। आपने नारा भी दे दिया है- यूपी फिर मांगे भाजपा सरकार। इस चुनाव में किन वजहों को आप अपनी जीत का आधार मान रहे हैं?

भाजपा की डबल इंजन की सरकार ने यूपी के अंदर सुरक्षा, समृद्धि व सुशासन का जो मॉडल दिया है वह प्रत्येक व्यक्ति को भावनात्मक रूप से अपने साथ जोड़ता है। प्रधानमंत्री के सबका साथ सबका विकास, सबका विश्वास व सबका प्रयास के मंत्र को यूपी के प्रत्येक व्यक्ति ने अंगीकार किया है, जिसका लाभ भाजपा को इस चुनाव में भी प्राप्त होगा।

अखिलेश यादव ने राज्य कर्मचारियों की पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाली की बात कही है। यह कर्मचारियों की पुरानी मांग भी है। इस पर कर्मचारियों में खासी प्रतिक्रिया है। क्या यह मुद्दा चुनाव में आपके लिए बड़ी चुनौती होगा?
इससे बड़ा सफेद झूठ दूसरा हो ही नहीं सकता। न्यू पेंशन स्कीम मुलायम सिंह यादव ने प्रदेश का मुख्यमंत्री रहते हुए 2004 में लागू की थी। 2007 तक मुलायम मुख्यमंत्री थे। उन्होंने कर्मचारियों के लिए कुछ नहीं किया। 2012 से 2017 तक अखिलेश मुख्यमंत्री थे, तब उन्होंने कुछ नहीं किया। नई पेंशन में 10 प्रतिशत सरकार व 10 प्रतिशत कर्मचारी का अंशदान होता था। 2004 से 2018 तक 14 वर्षों का कर्मचारियों का अंशदान तक जमा नहीं किया गया था। जब हमारे संज्ञान में यह मामला लाया गया तो कर्मचारी अंशदान निधि में 10 हजार करोड़ रुपये जमा कराया गया। हर कर्मचारी का अकाउंट खोलने का काम शुरू किया गया। यही नहीं राज्य सरकार के अंशदान को 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 14 प्रतिशत मेरी ही सरकार ने किया। सपा सरकार कर्मचारियों का शोषण कर उन्हें बेवकूफ बना रही थी। इसलिए इससे बड़ा कोई धोखा हो ही नहीं सकता। वह अपना मुंह छिपाने के लिए और जगह बनाने के लिए इस तरह की बातें कर रहे हैं। सपा को पता है कि उनकी सरकार नहीं आनी है। इसलिए, वह प्रदेश में कहीं वर्ग संघर्ष की स्थिति पैदा कर रहे हैं, तो कहीं इस तरह के बयानों से लोगों को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन, प्रदेश की जनता-जनार्दन जानती है कि समाजवादी पार्टी और सत्य नदी के दो ध्रुव हैं। ये कभी एक नहीं हो सकते। सपा कभी सच बोल ही नहीं सकती।

सपा मुखिया अखिलेश ने 300 यूनिट फ्री बिजली देने का ऑफर दिया है। भाजपा क्या करेगी?
हर व्यक्ति जानता है कि सपा ने अपनी सरकार में प्रदेश को अंधेरे में रखा। सपा शासनकाल में बिजली बमुश्किल दो घंटे मिल पाती थी। हमारी सरकार प्रदेश के सभी 75 जिलों में 24 घंटे बिजली की आपूर्ति कर रही है। इसलिए, प्रदेश की जनता सपा के बहकावे में नहीं आने वाली है।

कानून-व्यवस्था बेहतर होने को आप अपनी बड़ी सफलता के तौर पर प्रस्तुत कर रहे हैं? लेकिन क्या यह सिर्फ जीत का एक आधार होगा?
यूपी की आवश्यकता थी बेहतरीन कानून-व्यवस्था और कानून का राज। जनता चाहती थी कि हिस्ट्रीशीटर थाना न संचालित करें। बेटियों की सुरक्षा के सामने कोई संकट न आने पाए। गरीबों, व्यापारियों व संभ्रांत व्यक्ति की संपत्ति पर कोई माफिया कब्जा न करने पाए। यह हमारा संकल्प था और इसे पूरा किया। यह हमारी जिम्मेदारी थी। इसे पूरी ईमानदारी से पूरा किया। मैं जनता का आभारी हूं कि उसने कानून-व्यवस्था की बेहतर स्थिति को सराहा। हमने राष्ट्रवाद, सुशासन व विकास के जिन मुद्दों को लेकर 2017 के पहले लोक कल्याण संकल्प पत्र जारी किया था, हम उस पर आज भी पूरी प्रतिबद्धता के साथ अडिग हैं। उसी को आगे बढ़ाने के लिए कार्य कर रहे हैं। एक-एक मुद्दे का समाधान किया और एक-एक वादे को पूरा कर दिखाया है। इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट का काम हुआ है। सुशासन के लक्ष्य को पाने के प्रयास कर रहे हैं। किसानों को उनकी उपज का पूरा लाभ मिले, उनकी आय दोगुनी हो, गरीबों को मकान, शौचालय, रसोई गैस, फ्री राशन, विद्युत कनेक्शन व 5 लाख रुपये तक का स्वास्थ्य बीमा कवर देने जैसे काम हुए हैं।

विपक्षी भाजपा पर सांप्रदायिकता फैलाने का आरोप लगाते हैं। इस पर आपका क्या कहना है?
भाजपा का कोई नेता या प्रत्याशी सांप्रदायिकता नहीं फैलाता है। लेकिन, सांप्रदायिकता फैलाने वालों के मंसूबे पर पानी जरूर फेरता है। कैराना, मुजफ्फरनगर व सहारनपुर में किन लोगों को सपा ने आगे किया? 2014 के सिख दंगों के आरोपियों को सपा अपनी गोद में बैठा रही है, सम्मानित करती है। कैराना में पलायन के जिम्मेदार व्यक्ति को टिकट देती है। इसी तरह मुरादाबाद से बुलंदशहर, अमरोहा व रामपुर तक ऐसे ही सब चेहरों को आगे करती है। इनके बारे में कोई क्या कहेगा? जैसी करनी वैसी भरनी।

अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी

आप 80-20 पर चुनाव की बात करते हैं। सबका साथ-सबका विकास में ये 20 फीसदी क्यों नहीं आ पाते हैं?
हमारे संकल्प में सबका साथ और सबका विकास एक मूल मंत्र है। देश के सर्वांगीण विकास और प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में खुशहाली लाने का लक्ष्य है। लेकिन, कुछ लोग होते हैं जिन्हें विकास अच्छा नहीं लगता। गरीबों का कल्याण, इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास अच्छा नहीं लगता। शांति व सौहार्द अच्छा नहीं लगता। गरीबों व असहायों के हक पर डकैती डालना अपना अधिकार समझते हैं। कमजोरों का शोषण करना, व्यापारियों का उत्पीड़न करना, सरकारी संपत्तियों पर कब्जे करना, अपना जन्मसिद्ध अधिकार समझते हैं। हमारी सरकार अपराधियों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम करती है। आगे भी यह सिलसिला जारी रहेगा।

आवारा गोवंश की वजह से किसान परेशान हैं और बड़ी समस्या का जिक्र करते हैं। इस पर राज्य सरकार ने कुछ कदम उठाए हैं। लेकिन, अब भी आवारा पशु खेतों को नुकसान पहुंचा रहे हैं। क्या इस समस्या का कोई ठोस उपाय नहीं हो पाया है?
2017 में पहला फैसला बूचड़खानों को बंद करने का किया था। अवैध बूचड़खानों में निराश्रित गोवंश काटे जाते थे। तमाम अवैध गतिविधियां संचालित हो रही थीं। तस्करी भी रोकी। फिर गोवंश के संरक्षण के लिए सरकार तीन स्कीम लेकर आई। पहली, निराश्रित गो आश्रय स्थल की। इसमें सरकार गोशालाओं का सफलतापूर्वक संचालन कर रही है। दूसरी सहभागिता योजना। इसमें कोई भी किसान 4 गोवंश अपने यहां रख सकता है। हर गोवंश पर उसे 900 रुपये मिलते हैं। तीसरा पोषण मिशन के अंतर्गत है। इसमें कुंवारी कन्या, गर्भवती महिला आदि हंै और उनके पास कोई व्यवस्था नहीं है तो ऐसे परिवार को हम एक गाय देते हैं और उसके खर्च के लिए 900 रुपये महीना देते हैं। इससे वह गाय की सेवा कर सकती हंै। आठ लाख गोवंश इस समय गोशालाओं में हैं या सहभागिता योजना या पोषण मिशन के अंतर्गत हैं। हम अन्नदाता किसानों के सम्मान और समृद्धि के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं। हम न गाय कटने देंगे और न ही अन्नदाता की फसल नष्ट होने देंगे। इस संकल्प के साथ काम कर रहे हैं।

आपके कुछ नेता काशी व अयोध्या के बाद मथुरा की बात कर रहे हैं। मथुरा पर सरकार का क्या प्लान है?
मथुरा, काशी या अयोध्या भारत के सनातन धर्म के अनुयायियों की आस्था के केंद्र हैं। इन आस्था के केंद्रों का सम्मान करना व यहां की आध्यात्मिक व सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करते हुए उसके आर्थिक उन्नयन के लिए सरकार पूरी तन्मयता से कार्य कर रही है। अयोध्या, मथुरा, काशी, विंध्यवासिनी धाम, प्रयागराज, बौद्ध सर्किट से जुड़े स्थलों के भौतिक विकास के साथ आध्यात्मिक उन्नयन के लिए पूरी ईमानदारी व प्रतिबद्धता से काम कर रहे हैं।

यूपी को अग्रणी राज्य बनाकर लाएंगे खुशहाली

यदि अगली बार सत्ता में आए तो क्या प्राथमिकताएं होंगी?
यूपी को एक अग्रणी राज्य के रूप में स्थापित करना। 2017 से 2022 के बीच जिन लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए कदम बढ़ाए गए, उन्हें प्राप्त करने के लिए काम करना ताकि यूपी की 25 करोड़ जनता के जीवन में खुशहाली व चेहरे पर चमक लाई जा सके।

पश्चिमी यूपी से चुनाव शुरू हो रहा है। यह माना जाता है कि वहां से बना माहौल पूरे यूपी के शेष चुनाव पर असर डालता है, लेकिन इस बार वहां सपा व रालोद का गठबंधन है। किसान आंदोलन से नाराजगी की बात कही जाती है। इसे भाजपा के लिए बड़ी चुनौती माना जा रहा है। पार्टी इससे कैसे निपटेगी?
यह आशंका 2019 में भी व्यक्त की जा रही थी। तब महागठबंधन था। सपा-बसपा और रालोद सब मिलकर भाजपा के खिलाफ लड़ रहे थे। परिणाम आया, जनता ने भाजपा को प्रचंड बहुमत से जिताने में योगदान दिया। सबका साथ और सबका विकास के मंत्र को जनता-जनार्दन ने अंगीकार किया। 2022 विधानसभा चुनाव से पहले यह महागठबंधन टूटकर गठबंधन में बदल गया है। जनता 2012 की सपा सरकार व उसके पूर्व की सरकारों के कार्यकाल को भूली नहीं है। बुनियादी फर्क है। 2017 में भाजपा की सरकार आई थी तो मैंने पहला फैसला लिया था कि अवैध बूचड़खानों को बंद करेेंगे, बेटियों की सुरक्षा के लिए एंटी रोमियो स्क्वॉयड का गठन किया और 86 लाख किसानों का 36 हजार करोड़ रुपये कर्ज माफ किया। समाजवादी पार्टी की सरकार 2012 में आई थी। तब उसका पहला फैसला था, राम जन्मभूमि पर आतंकी हमला करने वाले आतंकवादियों के मुकदमे को वापस लेने का। न्यायालय ने हस्तक्षेप किया और सपा के मंसूबों को पूरा नहीं होने दिया। वरना क्या मंजर होता, यह सोचकर लोगों की रूह कांपती है। भाजपा सरकार ने प्रदेश को जिस दंगा, अपराध व अराजकता से मुक्त किया है, सपा के मंसूबे उसके ठीक विपरीत हैं। सपा की पहली व दूसरी सूची में पलायन के जिम्मेदार अपराधियों को टिकट देकर, मुजफ्फरनगर के दंगाइयों को टिकट देकर, बुलंदशहर के उपद्रवियों को टिकट देकर अपने मंसूबे को फिर से उजागर कर दिया है। लोनी से लेकर मुरादाबाद तक दंगा, अपराध, अराजकता की एक लंबी फेहरिस्त जिनके नाम है और जिनके जींस का हिस्सा है, सपा ने उन्हें टिकट देकर अपनी मंशा स्पष्ट कर दी है। यूपी का कोई व्यक्ति आज दंगा, अराजकता नहीं चाहता, बल्कि सौहार्द व विकास के माध्यम से यूपी को देश की नंबर एक की अर्थव्यवस्था बनाना चाहता है। जनता-जनार्दन सपा के मंसूबों को पूरा नहीं होने देगी।

आप इन मुद्दों को लेकर और भी आक्रामक हो रहे हैं। तमंचावादी, दंगाई, कैराना पलायन आदि जैसे मुद्दे खुलकर उठा रहे हैं?
जो व्यक्ति दंगाई है, सत्ता से कोसों दूर है, अभी से जनता-जनार्दन को धमका रहा है कि हमें सत्ता में आने दो, देख लेंगे। उन्हें हम और क्या कहें? एक दंगाई, अपराधी और तमंचावादी। उसे धर्मात्मा तो नहीं बोलूंगा। वह जो है, उस रूप में बोलने में मुझे कोई संकोच नहीं है।

गरीबों को फ्री राशन, फ्री उपचार, फ्री वैक्सीन …सब मिल रहा है

महंगाई का मुद्दा सरकार को चुनाव में कितना परेशान करेगा। विशेषकर रसोई गैस और खाद्य तेल के दाम काफी ऊपर हैं। इससे निपटने के क्या उपाय होंगे?
पूरी दुनिया में महंगाई के हालात हैं। यह सिर्फ भारत की समस्या नहीं है। दुनिया की सबसे बड़ी महामारी की समस्या का सामना हम कर रहे हैं, लेकिन सरकार ने दीपावली की रात में डीजल और पेट्रोल की कीमत में 12 रुपये प्रति लीटर की कमी की। इससे पहले कभी नहीं हुआ। आम पब्लिक को राहत व गरीबों को फ्री राशन, फ्री में उपचार, फ्री में वैक्सीन व अन्य योजनाआें का लाभ देने की पहल की गई।

बेरोजगारी भी एक बड़ा मुद्दा है। युवाओं को रोजगार पर क्या सरकार पर्याप्त कार्य कर पाई है। आगे इस पर आपका क्या फोकस रहेगा?
हमारा युवा स्मार्ट है। एक करोड़ युवाओं को स्मार्टफोन व टैबलेट दे रहे हैं। 2017 में बेरोजगारी दर 18 प्रतिशत से अधिक थी। आज यह 5 प्रतिशत से कम है। हमने 5 लाख नौजवानों को सरकारी नौकरी दी है। पूरी पारदर्शिता के साथ 1.61 करोड़ युवाओं को निजी क्षेत्र में निवेश के जरिए नौकरी के साथ रोजगार से जोड़ा है। 60 लाख युवाओं को स्वत: रोजगार से जोड़ा गया है। यह सभी कार्य भाजपा सरकार ने पूरी ईमानदारी व प्रतिबद्धता के साथ िकए हैं। मुझे नहीं लगता कि विपक्ष इस तरह के मुद्दों के आधार पर कहीं कोई सफलता प्राप्त कर सकता है। युवा को पता है कि उनके हित के लिए कोई ईमानदारी से कार्य करेगा तो वह भाजपा की सरकार ही करेगी।

अखिलेश सरकार के मुकाबले आपकी सरकार भ्रष्टाचार पर कितना अंकुश लगा पाई है। इस पर सरकार की बड़ी उपलब्धि क्या है?
हमारी सरकार में यदि अपराध व अपराधी के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति है तो भ्रष्टाचार व भ्रष्टाचारियों के खिलाफ भी जीरो टॉलरेस के हिसाब से काम किया है। सरकार ने किसी भी भ्रष्टाचारी को बख्शा नहीं है। चाहे वह प्रशासनिक सेवा का हो या सामान्य कर्मी हो, ऐसे सैकड़ों कर्मियों को सेवा से बर्खास्त किया गया है। बहुत सारे लोगों को जेल भेजा गया। भ्रष्टाचार को बढ़ावा देकर कॉमनमैन का जिसने शोषण किया, उसके खिलाफ कार्रवाई में कोई संकोच नहीं किया गया।

सपा मुख्यिा 400 सीटें जीतने का दावा कर रहे हैं। बीजेपी कितनी सीटें ला रही है?
हर दल को अपनी बात करने का अधिकार है। भाजपा 2017 के अपने आंकड़ों को दोहराने का काम करेगी।

उन्नाव, हाथरस व लखीमपुर की तीन घटनाएं हुईं। क्या इससे सरकार की छवि को नुकसान पहुंचा है?
सरकार की इनमें से किसी में कोई भूमिका नहीं है। दो मामलों की सीबीआई जांच कर रही है और तीसरे की देखरेख उच्चतम न्यायालय के निर्देशन पर एक न्यायिक आयोग व एसआईटी कर रही है। पूरी विवेचना के बाद जो तथ्य आएंगे, उस पर कार्रवाई होगी।

कोरोना… जीवन और जीविका दोनों बचाने में जुटी सरकार

चुनाव प्रचार के बीच कोविड प्रबंधन के लिए अस्पतालों का भी दौरा कर रहे हैं, क्या स्थिति है?
कोविड की तीसरी लहर चल रही है। इसमें पब्लिक का संबल महत्वपूर्ण है। वहां जाकर कोविड प्रबंधन की स्थिति, वैक्सीनेशन की प्रगति, लोगों को किसी तरह की असुविधा तो नहीं व जागरूकता के लिए क्या कर सकते हैं? यह सब देख रहा हूं। तीसरी लहर दूसरी की तुलना में कम खतरनाक है, लेकिन जागरूकता के जरिए जीवन और जीविका को बचाने का काम सरकार कर रही है।

ऐसे कौन से काम हैं, जो आप 5 साल में नहीं कर पाए?
यूपी को नंबर वन की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसकी कार्ययोजना बनाकर लागू की है। इसमें समय लग सकता है। लेकिन, सरकार यूपी को नंबर एक की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए जिस तरह प्रयास कर रही है, हम बहुत जल्द यह लक्ष्य प्राप्त करेंगे।

इस चुनाव में बसपा को कितनी बड़ी चुनौती मानते हैं?
एक राजनीतिक दल के रूप में बसपा यूपी में काम कर रही है। लोकसभा चुनाव में सपा-बसपा-रालोद का गठबंधन था। बसपा दूसरे नंबर पर पहुंची थी। सपा तीसरे पर थी। चुनाव चल रहे हैं। नतीजों का इंतजार कीजिए।

कुुछ अधिकारियों ने ठीक से काम नहीं किया और सरकार की छवि को नुकसान पहुंचाया?
जनता-जनार्दन को फैसला करने दीजिए। आरोप-प्रत्यारोप के लिए कोई मतलब नहीं रह जाता है।

पांच साल सरकार चलाने के दौरान कोई विशेष अनुभव जिसे शेयर करना चाहें?

  • प्रदेश सरकार ने स्वास्थ्य और विकास के बुनियादी ढांचे के लिए जो कार्य किए हैं वे अभूतपूर्व हैं। 1947 से 2017 तक प्रदेश में केवल डेढ़  एक्सप्रेसवे थे। आज सात एक्सप्रेसवे पर काम कर रहे हैं। पूर्वांचल एक्सप्रेसवे का उद्घाटन हो गया और बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे तेजी से बन  रहा है। गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे भी तेजी से बन रहा है। गंगा एक्सप्रेसवे का शिलान्यास हो चुका है। बलिया लिंक एक्सप्रेसवे, लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेसवे और दिल्ली-मेरठ पेरीफेरल एक्सप्रेसवे पर काम चल रहे हैं। इस समय पांच शहरों में मेट्रो का संचालन हो रहा है। 2017 के पहले केवल दो किमी. मेट्रो का संचालन गाजियाबाद में था।
  • प्रदेश में इंटर स्टेट कनेक्टिविटी बेहतर करने व बिजली की निर्बाध आपूर्ति का काम किया है। यह भाजपा सरकार है, जिसने डेवलपमेंट इंफ्रास्ट्रक्चर को लेकर बड़े पैमाने पर काम किए हैं। यही नहीं 43 लाख गरीबों  को मकान दिया है। 2.61 करोड़ गरीबों को शौचालय उपलब्ध कराए गए हैं। एक करोड़ गरीबों को 1000-1000 रुपये वृद्धावस्था, महिला व दिव्यांग पेंशन दे रही है। 1.56 करोड़ किसानों को निशुल्क विद्युत कनेक्शन दिया गया है। महिलाओं को रसोई गैस के कनेक्शन दिए गए हैं। भाजपा ने राष्ट्रवाद, सुशासन व विकास के जिन मुद्दों पर काम किया था, उसमें व्यक्ति की सुरक्षा है तो आस्था का सम्मान भी है।

क्या योगीजी को तनाव या थकान होती है? यदि नहीं तो इसका राज क्या है?
तनाव और थकान, हम लोगों के जीवन में कोई महत्व नहीं रखता। क्योंकि जब ध्येय राष्ट्र आराधना का हो, हम केवल राष्ट्रधर्म का पालन ही अपना दायित्व मानते हैं। उसी पवित्र भाव के साथ हम काम कर रहे हैं। नियमित दिनचर्या, योगाभ्यास व प्राणायाम के जरिये थकान पर नियंत्रण रखते हैं।