cricket

ICC के सिंहासन पर होगा भारत का कब्जा… जय शाह बनेंगे नए चेयरमैन?

  नई दिल्ली
ICC (इंटरनेशनल क्रिकेट काउंस‍िल) की चार दिवसीय एनुअल जनरल मीटिंग (AGM) कोलंबो में शुक्रवार से होनी है. इसमें सभी की निगाहें बीसीसीआई सेक्रेटी जय शाह पर होंगी, जहां इस बात पर गंभीर चर्चा हो सकती है कि वह न्यूजीलैंड के ग्रेग बार्कले से इस पद को कब संभालेंगे.  

इस AGM में संयुक्त राज्य अमेरिका में टी20 वर्ल्ड कप खेलों की मेजबानी के लिए किए गए 20 मिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक के नुकसान पर चर्चा होने की उम्मीद है.  

PTI की रिपोर्ट में बताया गया है कि AGM के नौ-सूत्रीय एजेंडे में आयोजन के वित्तीय विवरण शामिल नहीं हैं, लेकिन इसमें पोस्ट इवेंट रिपोर्ट को लेकर चर्चा की जाएगी, जो एक स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर है. आईसीसी की सदस्यता, सहयोगी सदस्यों की बैठक की रिपोर्ट और आईसीसी डेवलपमेंट अवॉर्ड प्रजेंटेशन के साथ-साथ आईसीसी के नए एक्सट्रनल ऑड‍िटर अपॉइंटमेंट की नियुक्ति भी एजेंडे में है.

इस बावत सूत्र ने कहा कि आईसीसी में सभी के लिए दिलचस्पी का एक मुख्य क्षेत्र यह है कि शाह आख‍िरकर इस इंटरनेशनल क्रिकेट बॉडी की की बागडोर कब संभालेंगे?

सूत्र ने बताया, 'यह इस बारे में नहीं हैं कि यह कैसे होगा, बल्कि कब के बारे में है, क्योंकि बीसीसीआई सेक्रेटी जय शाह के रूप में उनके पास अभी भी एक साल बचा है, इससे पहले कि भारतीय बोर्ड में उनका कूलिंग ऑफ पीरियड संविधान के अनुसार 2025 में शुरू होगा. हालांकि, अगर उन्हें 2025 में पदभार संभालना है, ऐसे में बार्कले दिसंबर 2024 से दिसंबर 2026 तक दो साल का अपना तीसरा कार्यकाल पूरा नहीं कर पाएंगे.'

  वहीं सूत्र ने यह भी कहा कि एक विचारधारा यह है भी है कि अगर आईसीसी की अध्यक्षता का कार्यकाल दो-दो साल के तीन कार्यकाल से बदलकर तीन-तीन साल के दो कार्यकाल हो जाए, तो यह कार्यकाल छह साल रह सकता है.

ऐसे में यह माना जा रहा है कि अगर बार्कले का मौजूदा कार्यकाल तीन साल का हो जाता है, तो शाह बीसीसीआई सेक्रेटी के रूप में अपने छह साल पूरे कर सकते हैं और 2025 में आईसीसी चेयरमैन का पद संभाल सकते हैं. इसके बाद वे तीन साल के लिए बीसीसीआई में काम करना शुरू कर देंगे. फिर 2028 में वे वापस आकर बोर्ड अध्यक्ष का पद संभाल सकते हैं।

चैम्प‍ियंस ट्रॉफी में भारत के पाकिस्तान जाने पर चर्चा?
ICC की AGM में चैम्प‍ियंस ट्रॉफी के लिए 'भारत का पाकिस्तान न जाना' आधिकारिक एजेंडे का हिस्सा नहीं है, लेकिन इसे चेयरमैन की अनुमत‍ि के बाद इस पर चर्चा हो सकती है.