हाथ में था पास पर मिट गई बुजुर्ग के जीवन की आस… मध्य प्रदेश से निकला और छत्तीसगढ़ की सीमा पर प्रवेश के इंतज़ार में दम तोड़ दिया…
न्यूज डेस्क. कोरिया।
छत्तीसगढ़-मध्य प्रदेश की सीमा पर एक बुजुर्ग की जान चली गई। बीमार पिता को लेकर उपचार के लिए ई-पास लिए बेटा सिस्टम से मिन्नते करता रहा। लेकिन कोरोना संक्रमण से बचाने नाका ड्यूटी कर रहे पुलिसकर्मियों ने बैरिकेट नहीं खोला। वजह थी सरकार का वह आदेश जिसमें साफ कहा गया है रेड जोन से किसी को प्रवेश नहीं दिया जाएगा।
बुजुर्ग की तबियत खराब होने से परिवार वहां तैनात अधिकारियों से मिन्नतें करता रहा। नियम आड़े आया वो मदद करने की बजाय रास्ते सुझाते रहे। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक इस दौरान बुजुर्ग भी गाड़ी से उतरे और हाथ जोड़े। करीब डेढ़ घंटे चली इस जद्दोजहद के बाद बुजुर्ग की जिंदगी हार गई। उन्होंने कार में ही हार्टअटैक आने के बाद दम तोड़ दिया। घटना कोरिया जिले के घुटरी टोला बैरियर की है।
मध्य प्रदेश के उमरिया निवासी नीलेश मिश्रा कोरबा स्थित एसईसीएल में मैनेजर हैं। वे मंगलवार को अपने भाई राकेश और मां के साथ 78 वर्षीय पिता केशव प्रसाद मिश्रा को इलाज के लिए बिलासपुर ले जा रहे थे। रास्ते में अचानक केशव मिश्रा की तबीयत बिगड़ गई। इस पर उन्होंने कार मनेंद्रगढ़ की ओर घुमा दी। जैसे ही वे घुटरी टोला पहुंचे, उन्हें छत्तीसगढ़ में प्रवेश करने से रोक दिया गया। इस पर उन्होंने प्रशासन की ओर से जारी ई-पास भी दिखाया। बावजूद इसके पुलिसकर्मियों ने आगे नहीं जाने दिया।
रास्ते पर पिता बात करते आए…
पिता की मौत से परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल था। बेटे नीलेश ने कहा, पिता जी पूरे रास्ते बात करते हुए आए। सोचा नहीं था, कि इस तरह बीच रास्ते छोड़कर चले जाएंगे। उन्हें बिलासपुर ले जा रहे थे। एसईसीएल का मनेंद्रगढ़ आमाखेरवा में अस्पताल है। तबीयत अचानक बिगड़ी तो हमने रास्ता बदलते हुए वहां पहुंचने के लिए गाड़ी घुमा दी। पूरे रास्ते किसी ने नहीं रोका। यहां पर पुलिसकर्मियों ने जिद के कारण नहीं जाने दिया। जबकि हर जगह से हम लोग ई-पास दिखाकर जाते रहे।
जब मोबाइल पर ई-पास दिखाने के बाद भी पुलिस नहीं जाने दे रही थी तो कार में बैठे-बैठे केशव मिश्रा ने भी हाथ जोड़े। लेकिन फिर भी पुलिसकर्मी नहीं माने। वो बार-बार नियमों का हवाला देते रहे।