मध्य प्रदेश में किसी प्रभावी मौसम प्रणाली के सक्रिय नहीं रहने के कारण लगातार वर्षा का सिलसिला थम गया
भोपाल
फिलहाल मध्य प्रदेश में किसी प्रभावी मौसम प्रणाली के सक्रिय नहीं रहने के कारण लगातार वर्षा का सिलसिला थम गया है। हालांकि कहीं-कहीं हल्की से मध्यम वर्षा हो रही है। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक पूरे प्रदेश में कहीं-कहीं इस तरह की वर्षा होती रहेगी। बुधवार से वर्षा की गतिविधियों में कुछ तेजी आने लगेगी। उधर बंगाल की खाड़ी में पश्चिम बंगाल के पास हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात बन गया है। इसके प्रभाव से गुरुवार से अच्छी वर्षा का दौर फिर शुरू होने की संभावना है।
कहां, कितनी वर्षा
उधर पिछले 24 घंटों के दौरान मंगलवार सुबह साढ़े आठ बजे तक छिंदवाड़ा में 17.2, मंडला में 15.8, रतलाम एवं मलाजखंड में नौ, पचमढ़ी में 7.4, भोपाल में 5.2, धार में 2.6, ग्वालियर में 2.3, रायसेन में दो, उमरिया में 1.8, उज्जैन में 1.6, दमोह में एक, इंदौर में 0.9, सागर में 0.8, नर्मदापुरम एवं गुना में 0.4 मिलीमीटर वर्षा हुई। बता दें कि इस सीजन में एक जून से छह अगस्त की सुबह साढ़े आठ बजे तक मप्र में 623.7 मिमी. वर्षा हो चुकी है। जो सामान्य वर्षा (519.8 मिमी.) की तुलना में 20 प्रतिशत अधिक है। इसमें पूर्वी मध्य प्रदेश में अब तक 664.5 मिमी. वर्षा हुई। जो सामान्य वर्षा (569.9 मिमी.) के मुकाबले 17 प्रतिशत अधिक है। पश्चिमी मप्र में अभी तक 592.4 मिमी. वर्षा हुई है। जो सामान्य वर्षा (481.3 मिमी.) के मुकाबले 23 प्रतिशत अधिक है।
ये वेदर सिस्टम सक्रिय
मौसम विज्ञान केंद्र से मिली जानकारी के मुताबिक कम दबाव का क्षेत्र वर्तमान में पाकिस्तान के मध्य में पहुंच गया है। मानसून द्रोणिका इस मौसम प्रणाली से होकर बंगाल की खाड़ी तक जा रही है। इसी मौसम प्रणाली से लेकर पूर्वी बिहार तक भी एक द्रोणिका बनी हुई है। पश्चिम बंगाल के गांगेय क्षेत्र में हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात बन गया है। दक्षिणी-गुजरात से लेकर केरल तक बनी अपतटीय द्रोणिका कमजोर स्थिति में अभी भी बनी हुई है।
मौसम विज्ञान केंद्र के पूर्व वरिष्ठ मौसम विज्ञानी अजय शुक्ला ने बताया कि अलग-अलग स्थानों पर बनी मौसम प्रणालियों के प्रभाव से नमी आ रही है। इस वजह से प्रदेश के विभिन्न जिलों में हल्की से मध्यम वर्षा होने का सिलसिला बना हुआ है। बुधवार से वर्षा की गतिविधियों में कुछ और तेजी आने लगेगी। वर्तमान में गांगेय क्षेत्र एवं उससे लगे पश्चिमी बंगाल पर हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात बन गया है। इस मौसम प्रणाली के आगे बढ़ने से गुरुवार से मध्य प्रदेश में एक बार फिर अच्छी वर्षा का सिलसिला शुरू होने की भी संभावना है।