कोलोरेक्टल कैंसर की पहचान के लिए महत्वपूर्ण उपाय
महिलाओं में पीरियड एक नेचुरल प्रोसेस है। इस दौरान यूट्रस की एंडोमेट्रियम लाइन टूटती है, जिसके चलते ब्लीडिंग होती है। कभी-कभी ब्लीडिंग के दौरान क्लॉट्स यानी खून के थक्के भी दिखाई देते हैं, जिन्हें मेंस्ट्रुल क्लॉट कहा जाता है। मेंस्ट्रुअल क्लॉट जमे हुए खून, टिश्यू और जेल जैसी खून की बूदों की तरह होते हैं। ये अक्सर पीरियड के दौरान यूट्रस से बाहर निकल जाते हैं। इनका रंग हल्के लाल से गहरे लाल रंग का हो सकता है। पर सवाल यह है कि क्या पीरियड्स के दौरान क्लॉट आना नॉर्मल बात है। आइए जानते हैं इसका कारण और रोकने के उपाय।
क्या होता है नॉर्मल व अबनॉर्मल क्लॉट
मेंस्ट्रुअल क्लॉट का मुख्य कारण है हैवी ब्लीडिंग। अगर खून के थक्के एक चौथाई से बड़े नहीं है, तो यह नॉर्मल मेंस्ट्रुअल क्लॉट है। क्योंकि नसों में बनने वाले थक्कों के विपरीत, मेंस्ट्रुल क्लॉट खतरनाक नहीं होते।
लेकिन अगर आपको नार्मल से ज्यादा ब्लीडिंग होती है, तो यह अबनॉर्मल मेंस्ट्रुअल क्लॉट कहलाता है। पीरियड्स के दौरान खून के थक्के के साथ हैवी ब्लीडिंग, असहनीय मेंस्ट्रुअल क्रैंप के साथ क्लॉट का साइज बढ़ने लगे, तो इसे इग्नोर नहीं करना चाहिए। यह स्थिति किसी गंभीर समस्या का संकेत देती है।
मेंस्ट्रुल क्लॉट का कारण
पीरियड्स में खून के थक्के कई कारणों से हो सकते हैं। इसमें ओवेरियन सिस्ट, फाइब्रॉएड, हार्मोनल इंबैलेंस, पीसीओएस, एडिनोमायोसिस और डिस्फंक्शन यूटरिन ब्लीडिंग शामिल है। इसके अलावा, थायराइड, विटामिन-बी 12 और हीमोग्लोबिन की कमी भी मेंस्ट्रुल क्लॉट की वजह बन सकती है। इसके चलते व्यक्ति को थकान के अलावा स्लीप साइकिल भी गड़बड़ा सकती है। इसके अलावा कई बार हैवी वर्कआउट करने या फिर वजन बढ़ने के कारण भी हैवी ग् ब्लीडिंग की संभावना बढ़ जाती है।
मेंस्ट्रुअल क्लॉटिंग की जटिलताएं
– थकान
– कमजोरी
– पीलापन
– सांस लेने में कठिनाई
– छाती में दर्द
कैसे होता है इलाज
मेंस्अ्रुअल क्लॉटिंग की समस्या को हार्मोन के जरिए ठीक किया जा सकता है। उपचार के दौरान डॉक्टर हार्मोन्स को संतुलित करने के लिए दवा या फिर बर्थ कंट्रोल पिल्स भी दे सकता है। कई बार ऐंठन, दर्द और असुविधा जैसे लक्षणों को कम करने के लिए डॉक्टर नॉनस्टेरॉइडल एंटी-इंफ्लेमेटरी ड्रग्स लेने की सलाह भी देते हैं। अगर ये समस्या 45 से 55 की उम्र के बीच होती है, तो यह कैंसर का संकेत भी हो सकता है। कैंसर का निदान करने के लिए डॉक्टर टेस्ट भी करा सकते हैं।
हैवी पीरियड्स को मैनेज करने के तरीके
– पीरियड्स के दिनों में टैम्पॉन और पैड का इस्तेमाल करें।
– रात में बेडशीट पर वाटरप्रूफ पैड या टॉवेल का यूज करें।
– किसी प्रकार के लीकेज से बचने के लिए गहरे रंग के कपड़े पहनें।
– स्वस्थ आहार लें और हाइड्रेटेड रहें।
– खूब पानी पिएं और आयरन से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन करें।
मेंस्ट्रुअल क्लॉट पीरियड का अनुभव करने वाली महिलाओं की रिप्रोडक्टिव लाइफ का हिस्सा है। छोटे थक्के होना आम हैं, यहां तक बड़े थक्कों से भी डरने की जरूरत तब तक नहीं है, जब तक की ये हर बार न हों। अगर नियमित रूप से मेंस्ट्रुअल क्लॉट दिखे, तो डॉक्टर को दिखाएं। वह हैवी ब्लीडिंग को रोकने के लिए कई प्रभावी तरीके बता सकता है।