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जितनी चिंता हमारी करते हैं, उतनी प्रदेश की करते तो इनका काल जंगलराज के रूप में नहीं जाना जाता : चिराग पासवान

पटना
राजद नेता तेजस्वी यादव के आरक्षण की समझ नहीं वाले बयान पर लोजपा (रामविलास) के प्रमुख चिराग पासवान ने पलटवार करते हुए कहा कि वे जितनी चिंता हमारी करते हैं, उतनी प्रदेश की करते तो इनका काल जंगलराज के रूप में नहीं जाना जाता। पत्रकारों से बातचीत के दौरान शुक्रवार को चिराग पासवान ने कहा कि वे जितनी चिंता हमारी और हमारे प्रधानमंत्री की करते हैं, उसका 10 प्रतिशत चिंता भी अपने प्रत्याशियों के लिए और अपने प्रदेश के लिए की होती तो इनके काल को जंगलराज के नाम से नहीं जाना जाता।

उन्होंने सलाह देते हुए कहा कि आज भी अगर अपने प्रत्याशियों की चिंता कर लेंगे तो संभवतः उनकी कम से कम जमानत बचा पाएंगे। आज हम सभी चुनाव में हैं। हमारे घर, हमारे परिवार में क्या हुआ, वह हमारी चिंता है। हमारी व्यक्तिगत चिंता है। चुनाव में यह मुद्दा तो नहीं है कि चिराग पासवान के घर का क्या हुआ? मैं आज भी प्रदेश के रोडमैप के साथ आगे बढ़ रहा हूं। वे बोलते रहते हैं, हम नौकरी दे दिए और हम इतनी नौकरी देंगे। रेवेन्यू कहां से जनरेट करेंगे, वह विजन क्या आपके पास है। सबसे बड़ी बात राजस्व कैसे बढ़ाया जा सकता है।

इससे पहले तेजस्वी यादव ने चिराग पासवान को नादान बताते हुए कहा था कि उन्हें आरक्षण और आरएसएस के इतिहास के बारे में जानकारी नहीं है। उन्होंने जानकारी प्राप्त करने के लिए पिता रामविलास पासवान के भाषणों को सुनने की नसीहत दी थी।
तेजस्वी यादव ने कहा था कि प्रधानमंत्री मोदी ने चिराग के पिताजी की मूर्ति फेंकवाई, आवास खाली करवाया, चाचा और भतीजे में लड़ाई लगवाई, इसके बावजूद वे उनके हनुमान बने हुए हैं। कोई भी खुदगर्ज आदमी ऐसा नहीं करता, वह पीएम मोदी के साथ नहीं रहता।