सचिन पायलट को सताए जाने से दुखी हूं, राजस्थान के सियासी संकट पर बोले ज्योतिरादित्य सिंधिया…
इम्पेक्ट न्यूज. डेस्क।
राजस्थान में जारी सियासी संकट पर राज्यसभा से भाजपा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने रविवार (12 जुलाई) को कहा कि वे अपने पूर्व सहयोगी सचिन पायलट को साइडलाइन होते देखकर दुखी हैं। इसके साथ ही उन्होंने कांग्रेस और राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर भी निशाना साधा। उन्होंने ट्वीट में कहा, “मैं यह देखकर दुखी हूं कि मेरे साथी रहे सचिन पायलट को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा दरकिनार किए जाने के साथ ही सताया जा रहा है। यह दिखाता है कि कांग्रेस पार्टी में क्षमता और प्रतिभा को बहुत कम अहमियत दी जाती है।”
Sad to see my erstwhile colleague, @SachinPilot too, being sidelined and persecuted by Rajasthan CM, @ashokgehlot51 . Shows that talent and capability find little credence in the @INCIndia .
— Jyotiraditya M. Scindia (@JM_Scindia) July 12, 2020
दरअसल, राजस्थान कांग्रेस संकट में घिरी है। उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट और उनके समर्थक विधायकों के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से रिश्ते अच्छे नहीं हैं। पायलट और कांग्रेस के कुछ विधायक फिलहाल दिल्ली में हैं और पार्टी आलाकमान से मुलाकात की मांग कर रहे हैं। दोनों शीर्ष नेताओं के बीच तकरार की वजह राज्य की पुलिस द्वारा विधायकों की ”खरीद-फरोख्त” मामले की जांच का आदेश देना और पायलट को नोटिस भेजना है, जिसे लेकर पायलट नाराज हैं।
राजस्थान पुलिस ने गहलोत और पायलट को भी नोटिस जारी कर कांग्रेस सरकार गिराने की कथित कोशिशों के संबंध में बयान दर्ज कराने के लिए कहा है। पुलिस के विशेष कार्यबल (एसओजी) ने सरकार के मुख्य सचेतक महेश जोशी को भी बयान देने के लिए बुलाया है। एसओजी ने शुक्रवार (10 जुलाई) को हिरासत में लिए गए दो लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी, जो गहलोत सरकार गिराने के लिए कांग्रेस विधायकों की खरीद-फरोख्त में कथित रूप से शामिल थे।
गहलोत ने शनिवार (11 जुलाई) को विपक्षी भाजपा पर आरोप लगाया था कि वह उनके विधायकों को बड़ी रकम देकर सरकार गिराने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा था कि उनकी सरकार न केवल स्थिर है बल्कि वह अपना पांच साल का कार्यकाल भी पूरा करेगी। वहीं भाजपा ने गहलोत से इन आरोपों को साबित करने के लिए कहा है।
तीन निर्दलीय विधायकों ने किया कांग्रेस से किनारा
सत्ताधारी कांग्रेस सरकार ने शनिवार (11 जुलाई) को तीन निर्दलीय विधायकों खुशवीर सिंह, ओमप्रकाश हुडला, और सुरेश टॉक से अपने आप को दूर कर लिया। तीनों विधायकों के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरों ने भाजपा की ओर से सरकार को अस्थिर करने के लिए विधायकों को कथित तौर पर धन प्रलोभन देने के मामले में प्रारंभिक जांच का मामला दर्ज किया था। राज्य में सत्ताधारी कांग्रेस सरकार को सभी 13 निर्दलीय विधायकों का समर्थन प्राप्त है। इन सभी विधायकों ने पिछले महीने राज्य सभा के चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी के समर्थन में मतदान किया था, लेकिन अब सरकार इनसे दूरी बना रही है। सूत्रों के अनुसार सरकार इन्हें अब समर्थक नहीं मान रही है।