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मतदान आंकड़े तत्काल बेवसाइट पर डालने संबंधी याचिका पर सुनवाई 17 मई को

मतदान आंकड़े तत्काल बेवसाइट पर डालने संबंधी याचिका पर सुनवाई 17 मई को

लोकसभा चुनावों में हर चरण के मतदान के बाद मतों का लेखा-जोखा तत्काल बेवसाइट पर अपलोड वाली पर सुनवाई 17 मई को

शैलजा और मंजू वारियर के खिलाफ लैंगिक टिप्पणी को लेकर आरएमपी नेता हरिहरन के खिलाफ मामला दर्ज

नई दिल्ली
 उच्चतम न्यायालय वर्ष 2024 के लोकसभा चुनावों में हर चरण के मतदान के बाद सभी मतदान केंद्रों पर दर्ज मतों का लेखा-जोखा तत्काल अपने बेवसाइट पर अपलोड करने का चुनाव आयोग को निर्देश देने की मांग वाली याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई करेगा।

न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दिपांकर दत्ता की पीठ ने एनजीओ एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की ओर से पेश अधिवक्ता प्रशांत भूषण के इस संबंध में 'विशेष उल्लेख' के दौरान तत्काल सुनवाई करने का  अनुरोध करने पर सहमति जताई और कहा कि इस मामले 17 मई को विचार किया जाएगा।

एडीआर की याचिका में प्रत्येक चरण के मतदान के बाद फॉर्म 17 सी. भाग-एक में दर्ज किए गए मतों की संख्या के पूर्ण आंकड़ों में सारणीबद्ध मतदान केंद्र-वार आंकड़े प्रदान करने का निर्देश चुनाव आयोग को देने की गुहार लगाई गई है। याचिका में फॉर्म 17सी. भाग-दो की स्कैन की गई सुपाठ्य प्रतियों को चुनाव आयोग की वेबसाइट पर अपलोड करने का भी अनुरोध किया गया, जिसमें 2024 के लोकसभा चुनावों के परिणामों के संकलन के बाद गिनती करने के उम्मीदवार-वार परिणाम शामिल थे।
एनजीओ ने अपनी याचिका में दलील दी कि जब तक सटीक आंकड़े सार्वजनिक नहीं किए जाते, प्रतिशत में दिए गए आंकड़े मतदाता के लिए अर्थहीन हैं।

याचिका में कहा गया है कि अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस ने छह मई 2024 को चुनाव आयोग को एक पत्र लिखकर प्रत्येक संसदीय निर्वाचन क्षेत्र में मतदाताओं की कुल संख्या, मतदाता सूचियों में दर्ज मतदाताओं की कुल संख्या और तदनुसार मतदाताओं की संख्या प्रकाशित करने का अनुरोध किया था।

इसी प्रकार से कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी अन्य राजनीतिक दलों को पत्र लिखकर मतदान प्रतिशत में वृद्धि और डाले गए मतों की संख्या का खुलासा न करने पर सवाल उठाया है। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव सीताराम येचुरी ने भी तीन मई को चुनाव आयोग को एक पत्र लिखकर मतदान के आंकड़े जारी करने में देरी और विसंगतियों पर चिंता जताई थी।

शैलजा और मंजू वारियर के खिलाफ लैंगिक टिप्पणी को लेकर आरएमपी नेता हरिहरन के खिलाफ मामला दर्ज

कोझिकोड
 केरल पुलिस ने मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) की वरिष्ठ नेता के के शैलजा और मलयालम फिल्म अभिनेत्री मंजू वारियर के खिलाफ कथित लैंगिक टिप्पणी को लेकर रिवोल्यूशनरी मार्क्सवादी पार्टी (आरएमपी) के नेता के एस हरिहरन के खिलाफ मामला दर्ज किया है।

वडकारा पुलिस ने वामपंथी संगठन ‘ऑल इंडिया डेमोक्रेटिक विमेन एसोसिएशन’ (एआईडीडब्ल्यूए) की शिकायत के आधार पर  रात मामला दर्ज किया।

 सत्तारूढ़ माकपा के युवा संगठन ‘डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन ऑफ इंडिया’ (डीवाईएफआई) ने भी पुलिस महानिदेशक के पास एक शिकायत दर्ज कराई और वरिष्ठ नेता के खिलाफ, उनकी कथित आपत्तिजनक टिप्पणी पर कार्रवाई की मांग की।

एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि हरिहरन पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 509 (महिला की गरिमा का अपमान करना) और धारा 153 (दंगा भड़काने के इरादे से जानबूझकर उकसाना) के तहत मामला दर्ज किया गया है।

मामला दर्ज होने पर रिवोल्यूशनरी मार्क्सवादी पार्टी (आरएमपी) की केंद्रीय समिति के सदस्य हरिहरन ने कहा कि वह मामले का कानूनी रूप से सामना करेंगे।

उन्होंने इस बात पर संदेह व्यक्त किया कि क्या  मलप्पुरम जिले के थेनहिप्पलम में स्थित उनके घर पर हुए हमले के पीछे सत्तारूढ़ माकपा का हाथ था।

रात करीब 8.15 बजे दोपहिया वाहन पर आए अज्ञात लोगों के समूह ने उनके पर कुछ विस्फोटक फेंके थे।

हरिहरन ने  कहा, ‘रात का समय होने के कारण मैं व्यक्तियों की पहचान नहीं कर सका। दोपहर में भी कार से आए कुछ लोगों को इलाके में घूमते देखा गया था।’

जब मीडिया ने उनसे पूछा कि क्या उनका मानना है कि उनके घर पर हमला, उनकी टिप्पणी को लेकर इन दिनों चल रहे विवाद से जुड़ा है, तो उन्होंने कहा कि माकपा नेतृत्व ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि मामले पर उनके खेद व्यक्त करने से मुद्दा समाप्त नहीं होगा।

नेता ने दावा किया कि आने वाले दिनों में ऐसे और भी हमले हो सकते हैं।

हरिहरन ने  वडकारा में एक बैठक को संबोधित करते हुए कथित तौर पर आपत्तिजनक टिप्पणी थी। बैठक का उद्घाटन विधानसभा में विपक्ष के नेता वीडी सतीसन ने किया था।

टिप्पणी से विवाद उठने पर उनकी अपनी पार्टी के आलाकमान और संयुक्त लोकतंत्रिक मोर्चा (यूडीएफ) ने खुले तौर पर उनकी आलोचना की और कहा कि हरिहरन को किसी भी महिला के खिलाफ ऐसी आपत्तिजनक टिप्पणी नहीं करनी चाहिए थी।

बाद में हरिहरन ने सोशल मीडिया मंच ‘फेसबुक’ पर एक पोस्ट में कहा कि दोस्तों और पत्रकारों ने उनका ध्यान इस ओर दिलाया कि उन्होंने भाषण के दौरान एक अनुचित टिप्पणी की थी। उन्होंने अपने पोस्ट में अपनी टिप्पणी को लेकर खेद भी जताया।