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10 लाख के इनामी हार्डकोर नक्सली ने पत्नी सहित बीजापुर में किया सरेंडर… झारखंड रीजनल कमेटी में सक्रिय था…

इम्पैक्ट डेस्क.

छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। फोर्स के दबाव में 10 लाख रुपये के इनामी नक्सली दंपति ने सरेंडर कर दिया। दोनों नक्सली झारखंड रीजनल कमेटी में सक्रिय थे। दंपति ने माओवादी संगठन छोड़ने के पीछे प्रेम प्रसंग और भेदभाव की नीति को जिम्मेदार बताया है। माओवादी दंपति छत्तीसगढ़, झारखंड और बिहार में पुलिस पार्टी को नुकसान पहुंचाने सहित 12 बड़ी घटनाओं में शामिल रहे हैं। दोनों नक्सलियों ने डीआईजी कमलोचन कश्यप, बीजापुर एसपी आंजनेय वार्ष्णेय और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के अफसरों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया।

मिली जानकारी के अनुसार झारखंड रीजनल कमेटी के सदस्य लालू मोडियाम ने अपनी पत्नी अनुप्रिया के साथ पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है। लालू मोडियाम 10 लाख रुपये का इनामी हार्डकोर नक्सली है। लालू छत्तीसगढ़ बिहार और झारखंड में हुईं कई नक्सली घटनाओं में शामिल रहा है। बीजापुर जिले के पेद्दा कोरमा का रहने वाला लालू साल 2009 में गंगालूर एरिया कमेटी में पीएलजीए सदस्य के रूप में भर्ती हुआ था। 2010 में पदोन्नत हुआ और 2014 में सीसीएम सुधाकर का अंगरक्षक बना। अप्रैल-2015 में संगठन ने लालू को बिहार-झारखंड कैडर में गतिविधियों को संचालित करने की बड़ी जिम्मेदारी सौंपी। लालू को 2018 में झारखंड रीजनल कमेटी का सदस्य भी बनाया गया। 

प्रेम प्रसंग के बाद छोड़ा माओवादी संगठन
एसपी आंजनेय वार्ष्णेय ने बताया कि 2021 तक संगठन में सक्रिय रहते लालू ने छत्तीसगढ़ सहित बिहार और झारखंड में कई नक्सली घटनाओं को अंजाम दिया है। लालू ने माओवादी संगठन छोड़ने के पीछे प्रेम प्रसंग और ओहदे को लेकर भेदभाव की नीति को जिम्मेदार भी बताया है। बीजापुर में सरेंडर करने पर माओवादी दंपति को 10,000 रुपये की प्रोत्साहन राशि दी गई। एसपी ने बताया कि लालू के समर्पण से पुलिस को छत्तीसगढ़ समेत झारखंड-बिहार में नक्सली नेटवर्क के संबंध में अहम जानकारियां मिलने की उम्मीद है। दोनों नक्सलियों को शासन की पुनर्वास नीति का लाभ दिया जाएगा। एसपी ने बताया कि माओवादी संगठन के हार्डकोर नक्सली या तो मुठभेड़ में मारे जा रहे हैं या फिर फोर्स के दबाव में लगातार सरेंडर कर रहे हैं।