चिकित्सकों और स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा के लिए छत्तीसगढ़ के अस्पतालों में बंदूकधारी सुरक्षाकर्मी तैनात होंगे
रायपुर
पश्चिम बंगाल के आरजी कर अस्पताल में महिला ट्रेनी डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और हत्या की घटना के बाद अब चिकित्सकों और स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा के लिए छत्तीसगढ़ के अस्पतालों में बंदूकधारी सुरक्षाकर्मी तैनात होंगे। स्वास्थ्य मंत्री ने श्याम बिहारी जायसवाल ने शुक्रवार को आंबेडकर अस्पताल और डीकेएस हॉस्पिटल की समीक्षा बैठक में यह फैसला लिया।
समीक्षा बैठक के बाद स्वास्थ्य मंत्री जायसवाल ने मीडिया से बातचीत में बताया कि प्रदेश के सबसे बड़े आंबेडकर अस्पताल की सुरक्षा लिए 24 बंदूकधारी सुरक्षाकर्मियों की तैनाती होगी। इसमें 12 बंदूकधारी सुरक्षाकर्मी आंबेडकर अस्पताल में तैनात होंगे, जबकि 12 बंदूकधारी सुरक्षाकर्मी हॉस्टल की निगरानी करेंगे। यह कदम चिकित्सकों और स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है।
स्वास्थ्य मंत्री ने यह भी बताया कि अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने के लिए सीसीटीवी कैमरे भी पर्याप्त मात्रा में लगाए जाएंगे। इन कैमरों की निगरानी स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी करेंगे। इसके साथ ही अस्पतालों के बाहरी और आंतरिक सौंदर्यीकरण पर भी ध्यान दिया जाएगा।
साथ ही स्वास्थ्य मंत्री जायसवाल ने कहा, पोस्टमार्टम रिपोर्ट जल्द से जल्द मिले, इसके लिए आधुनिक मशीनों की खरीदारी की योजना बनाई जा रही है। यह कदम पोस्टमार्टम प्रक्रिया को तेज और सुचारू बनाने के लिए उठाया गया है।
मेकाहारा में एम्स जैसी सुविधा
मंत्री जायसवाल ने कहा, प्रदेश के सबसे बड़े आंबेडकर अस्पताल में मरीजों को उत्कृष्ट चिकित्सा सुविधा मिल सके, इसके लिए प्रयास किए जा रहे हैं। मेकाहारा अस्पताल में भी एम्स जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराने की योजना है, जिससे मरीजों को उच्चस्तरीय स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकें।
डीकेएस हॉस्पिटल के लिए महत्वपूर्ण निर्णय
स्वास्थ्य मंत्री ने डीकेएस हॉस्पिटल के लिए भी कई महत्वपूर्ण घोषणाएं कीं। इसमें ऑर्गन ट्रांसप्लांट के लिए उपकरण और लैब की मंजूरी शामिल है, जिसे अगले 6 महीनों में लागू करने का लक्ष्य रखा गया है।
बस्तर में घायल जवानों के लिए सुविधाएं
छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बस्तर संभाग में नक्सलियों के साथ मुठभेड़ में घायल जवानों को अब रायपुर शिफ्ट नहीं किया जाएगा। सभी आवश्यक चिकित्सा सुविधाएं जगदलपुर के अस्पताल में उपलब्ध कराई जाएंगी, जिससे जवानों को स्थानीय स्तर पर ही बेहतर इलाज मिल सके।