X (Twitter) के सामने पेश करनी होगी सरकारी ID… लाइव सेल्फी से होगा वेरिफिकेशन…
इम्पैक्ट डेस्क.
लोकप्रिय सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पहले Twitter) की ओर से कई बदलाव किए जा रहे हैं और अब यह एक नए ID वेरिफिकेशन फीचर पर काम कर रहा है। नए फीचर के साथ यूजर्स को उनके गवर्मेंट अप्रूव्ड ID प्रूफ की फोटो अपलोड करनी होगी और इसके साथ लाइव सेल्फी शेयर करते हुए पहचान वेरिफाइ करने को कहा जाएगा। यह फीचर अभी डिवेलपमेंट मोड में है लेकिन इसकी मदद से पहचान की चोरी और फेक अकाउंट्स पर रोक लगाई जा सकेगी।
ऐप रिसर्चर Nima Owji ने X पर मिलने वाले नए ID वेरिफिकेशन की जानकारी दी है और स्क्रीनशॉट शेयर किया है। उन्होंने बताया है कि X पर ID वेरिफिकेशन की पूरी प्रक्रिया में करीब 5 मिनट का वक्त लगेगा और यूजर को ID कार्ड की फोटो के अलावा सेल्फी भी अपलोड करनी होगी। X का यह ID वेरिफिकेशन फीचर मौजूदा वेरिफाइड स्टेटस से पूरी तरह अलग है, जिसमें भुगतान करने पर यूजर्स के अकाउंट पर ब्लूटिक दिखने लगता है।
ब्लू टिक खरीदने के लिए ID जरूरी नहीं
माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म पर वेरिफाइड स्टेटस के लिए किसी ID वेरिफिकेशन की जरूरत नहीं पड़ती और केवल Blue सेवा के लिए भुगतान करना होता है। हालांकि, इसका गलत इस्तेमाल ना किया जाए इसलिए कुछ शर्तें रखी गई हैं। यूजर्स को बताया जाता है कि कुछ खास अकाउंट्स के पीछे कौन से संगठन हैं। इसके अलावा अकाउंट में जरूरी डीटेल्स कब बदली गई हैं। साथ ही किसी सिलेब्रिटी के पैरोडी या फैन अकाउंट में नाम के आगे पैरोडी या फैनपेज लिखने पर ही ब्लूटिक मिलता है।
ऐसे काम करेगा नया ID वेरिफिकेशन फीचर
ID वेरिफिकेशन के लिए यूजर्स को उन्हें सरकार की ओर से जारी किए गए या अप्रूव किए गए ID की फोटो अपलोड करनी होगी। इसके अलावा लाइव सेल्फी क्लिक करनी होगी। इस तरह फोटो और सेल्फी का मिलान करते हुए तय किया जाएगा कि यूजर ने अपनी असली पहचान के साथ अकाउंट बनाया है या नहीं। इस तरह फेक अकाउंट्स और बॉट आधारित अकाउंट्स पर रोक लगाई जा सकेगी। इस वेरिफिकेशन के लिए थर्ड-पार्टी प्लेटफॉर्म्स की मदद ली जाएगी।
यूजर्स को बताया गया है कि अकाउंट वेरिफिकेशन के लिए उनकी ओर से शेयर की गईं फोटोज और बायोमेट्रिक डाटा को 30 दिनों तक के लिए स्टोर किया जाएगा। इस डाटा को Au10tix आइडेंटिटी वेरिफिकेशन कंपनी के साथ शेयर किया जाएगा और इस पूरी प्रक्रिया में यूजर्स की प्राइवेसी का पूरा ध्यान रखा जाएगा। इस डाटा का इस्तेमाल ‘सेफ्टी और सिक्योरिटी’ के लिए भी किया जाएगा।