PDS घोटाले की जाँच को लेकर पूर्व सीएम डा.रमन ने भूपेश सरकार पर उँगली उठाई… कहा – दाग़दार को सरकार का संरक्षण
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इम्पेक्ट न्यूज़। रायपुर।
पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने नान घोटाला केस में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि भूपेश बघेल SIT जांच में दखल दे रहे हैं। आरोपी IAS अफसर अनिल टुटेजा और आलोक शुक्ला के खिलाफ केस को कमजोर करने की कोशिश की जा रही है। रमन सिंह ने यह आरोप नान घोटाले मामले में मनी लॉन्ड्रिंग के एंगल की जांच कर रही प्रवर्तन निदेशालय (ED) की ओर से सुप्रीम कोर्ट में दिए गए जवाब के हवाले से लगाया है।
डॉ रमन सिंह ने कहा कि इन दोनों अधिकारियों को मुख्यमंत्री का संरक्षण प्राप्त है। आलोक शुक्ला के रिटायर होने के बाद भी संविदा पर उन्हें प्रमुख सचिव के पद पर काम पर रखा गया है। वर्तमान में अनिल टुटेजा उद्योग विभाग के सचिव हैं। इन दोनों अधिकारियों पर नान घोटाले का आरोप हैं।
रमन सिंह ने कहा कि जब नान घोटाला उजागर हुआ, तो प्रदेश में भाजपा की सरकार थी। कांग्रेस विपक्ष में थी और तब कांग्रेस ने इस मामले की जांच की मांग की थी और इन अफसरों पर कार्रवाई के लिए केंद्र सरकार को पत्र लिखा था। अब इस प्रकरण की जांच को कमजोर किया जा रहा है और अधिकारियों को संरक्षण दिया जा रहा है।
रमन सिंह ने कहा कि ED ने सुप्रीम कोर्ट के सामने कुछ दस्तावेज और मोबाइल मैसेज भी पेश किए हैं। इसमें यह बातें सामने आई है कि भूपेश बघेल ने जांच में हस्तक्षेप किया है। कुछ गवाहों को धमकाने की कोशिश भी की गई है। ED के वकील कानू अग्रवाल ने अपने हलफनामे में कहा है कि मैसेज में छत्तीसगढ़ की सत्ता का दुरुपयोग साफ समझ में आता है। रमन सिंह ने कहा कि मुझे समझ नहीं आता कि मुख्यमंत्री भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारियों को बचाने में क्यों लगे हैं? ऐसे अधिकारियों को संरक्षण देना प्रदेश की जनता और जनादेश का अपमान है। ऐसे अधिकारियों को तत्काल बर्खास्त कर जांच एजेंसी को निष्पक्ष जांच करने की स्वतंत्रता देनी चाहिए।