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बीजापुर के AJKV उपायुक्त के खिलाफ एफआईआर… गीदम थाने में महिला ने दर्ज करवाई है शिकायत… मामला शारीरिक शोषण का…

इम्पेक्ट न्यूज। गीदम।

दक्षिण बस्तर में एक सनसनीखेज मामले में बीजापुर के आदिम जाति कल्याण विभाग के उपायुक्त आनंद जी सिंह के खिलाफ गीदम थाने में एक एफआईआर दर्ज की गई है। मामला कथित तौर पर शादी का झांसा देकर शारीरिक शोषण का बताया जा रहा है। हालांकि यह भी कहा जा रहा है कि यह मामला एक बड़े ​सिंडिकेट द्वारा हनीट्रेप जैसा भी है।

इसमें विडियो बनाकर ब्लैक मेलिंग जैसी बात भी कही जा रही है। यह जांच का विषय है कि आखिर विडियो किसने तैयार की और कौन ब्लैक मेलिंग कर रहा था। इसमें गीदम के कुछ प्रतिष्ठित लोगों के शामिल होने का भी संदेह जताया जा रहा है। फिलहाल पुलिस की जांच चल रही है।

इस मामले में शामिल ​कुछ लोगों का दावा है कि आनंद जी सिंह से लाखो रुपए की वसूली भी ​की गई है। इम्पेक्ट से चर्चा में आनंद जी सिंह ने यह कहते हुए स्वीकार किया है कि ‘मैनें अपनी क्षमता से ज्यादा राशि दिया है।’ इस राशि को लेकर अलग—अलग तरह के कई दावे भी हैं।

दरअसल सार्वजनिक जीवन में आनंद जी सिंह की छवि एक साफ सुथरे सामाजिक विद्वान की रही है। वे कई तरह के पुरस्कारों से नवाजें जा चुके हैं। किसी को इस बात पर भरोसा ही नहीं हो रहा है कि वे इस तरह के किसी कृत्य में शामिल हो सकते हैं। दरअसल करीब दो दशक से आनंद जी सिंह बस्तर संभाग में ही कई पदों पर रहे हैं। वे पहले जनपद सीईओ थे, फिर सहायक आयुक्त बने उसके बाद फिलहाल आदिम जाति कल्याण विभाग में उपायुक्त के पद पर बीजापुर में पदस्थ हैं।

करीब डेढ़ माह पहले आनंद जी सिंह के कई ठिकानों पर छत्तीसगढ़ एंटी करप्शन ब्यूरो और ईओडब्ल्यू की ​टीम ने छापा भी मारा था। जिसकी जांच फिलहाल चल ही रही है। आय से अधिक संपत्ति के मामले में उनके ठिकानों पर छापा की कार्रवाई के बाद वे पहली बार विवादों के साथ जुड़े। छापों की इस कड़ी में गीदम के दीपेंद्र शर्मा के निवास पर भी एसीबी की टीम पहुंची थी। हासिल क्या हुआ इसकी जानकारी किसी के पास नहीं है।

माना जा रहा है कि इन छापों से पहले से ही महिला के साथ संबंधों को लेकर किसी तरह की बात सार्वजनिक हो चुकी थी। जिसके बाद ही आशंका जताई जा रही है कि राशि के लेन—देन का सवाल आया होगा। यदि आनंद जी सिंह के बयान को सही माना जाए तो यह भी साफ है कि बिना वजह कोई भी किसी पर कोई राशि खर्च क्यों करेगा? पर इस सब बातों के बीच में यह सबसे बड़ा सवाल है कि आखिर ऐसी क्या वजह हो गई कि महिला को सामने आकर थाने में एफआईआर दर्ज करवाना पड़ा?

फिलहाल अपराध क्रमांक 0051 बीएनएस की धारा 64(1) और 351(2) के तहत पंजीबद्ध किया गया है। अपराध की तिथि 21 मार्च 2018 सो 18 अप्रेल 2025 के बीच की बताई गई है। जिसमें महिला द्वारा यह कथन है कि तीन बार उसका अबार्शन के लिए मजबूर किया गया है।