छत्तीसगढ़ में सत्ता के बैक डोर एंट्री की सूची फाइनल… कभी हो सकती है घोषणा… संर्घष की बुनियाद पर मिलेगा कद और पद…
इम्पेक्ट न्यूज. रायपुर।
छत्तीसगढ़ में करीब डेढ़ बरस पहले सत्ताशीन कांग्रेस के कर्मठ कार्यकर्ताओं की सत्ता में हिस्सेदारी की मुराद पूरी होने में अब बस कुछ ही समय शेष है। पीसीसी चेयरमैन मोहन मरकाम और प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया ने रिपोर्ट आलाकमान को सौंप दी है। रिपोर्ट सौंपने के बाद पीसीसी चेयरमैन श्री मरकाम ने सीएम भूपेश बघेल को वस्तुस्थिति से अवगत करा दिया है।
छत्तीसगढ़ में सरगुजा से लेकर बस्तर तक सैकड़ों कार्यकर्ताओं की निगाह निगम—मंडल में जगह पाने को लेकर बनी हुई है। बीते पखवाड़े में अनलॉक की प्रक्रिया शुरू होने के बाद तेजी से कवायद शुरू हुईं। कई दौर की मिटिंग के बाद दो दफा सूची फाइनल हो गई। इस बार अंतिम कांट—छांट के साथ अंतिम लिस्ट को आलाकमान तक पहुंचा दिया गया है।
कांग्रेस के सूत्रों की मानें तो निगम मंडल की नियुक्तियों के साथ निर्वाचित विधायकों को संसदीय सचिव बनाकर मैनेज करने की कोशिश है। इसके पीछे बड़ी वजह है कि बल्क में विधायक निर्वाचित होने के बाद हर किसी को पद देना असंभव है। मंत्रिमंडल में 15 प्रतिशत से ज्यादा भागीदारी नहीं दी जा सकती। जबकि राजनीतिक संतुलन बनाए रखने के लिए ओबीसी, आदिवासी और जनरल के बीच संतुलन की जिम्मेदारी भी संगठन की हो गई है। सामान्य वर्ग के कई कद्दावर विधायक बनकर पूरा कार्यकाल व्यतीत करने में असहज हैं।
इसी के मद्देनजर राजनीतिक संतुलन की मूल अवधारणा के मुताबिक निर्वाचित विधायक और कर्मठ कार्यकर्ताओं के हिसाब से नई सूची को अंतिम रूप दिए जाने के संकेत मिले हैं। निगम मंडल में नियुक्तियों को लेकर सबसे ज्यादा बेचैनी उन सभी कांग्रेस समर्थकों की है। जिन्हें चुनाव के समय टिकट नहीं दिया गया। जिन्हें नगरीय निकाय निर्वाचन के दौरान बड़ी जिम्मेदारी दी गई। बताया जा रहा है कि अंतिम सूची में कांग्रेस के लिए संघर्ष करने वाले साथियों को बड़ा महत्व देने की कोशिश की जाएगी।
बहरहाल बस्तर में दंतेवाड़ा, जगदलपुर और कोंडागांव से कम से कम चार कार्यकर्ताओं को निगम—मंडल में स्थान के साथ एक विधायक को संसदीय सचिव बनाए जाने की चर्चा है।