35 सरकारी परीक्षाओं में हुए नाकामयाब : फिर खुद पर रखा विश्वास और कलेक्ट्री का इम्तिहान पास करके ही लिया दम…
इम्पैक्ट डेस्क.
विजय वर्धन ने दिखाया है कि किसी की सफलता उसकी असफलताओं से तय नहीं होती। गलतियां करना सफलता के मंत्र का एक हिस्सा है। लेकिन, यह भी उतना ही महत्वपूर्ण है कि आप अपनी गलतियों को जस्टिफाई नहीं करें। बजाय इसके यह पता लगाने की कोशिश करें कि नतीजे अपेक्षा के अनुसार क्यों नहीं आए। विजय 35 सरकारी परीक्षाओं में असफल हुए। लेकिन, ये नाकामयाबियां उनका हौसला रत्तीभर न डिगा पाईं। उन्होंने कलेक्ट्री का इम्तिहान पास करके ही दम लिया। उनकी कहानी लाखों लोगों को प्रेरित करती है। आइए, यहां उनके बारे में जानते हैं।
उम्मीद की डोर थामे रखी
असफलताओं को स्वीकार करके उनसे आगे बढ़ने पर फोकस करें। अगर आप लगन और ईमानदारी से काम करेंगे तो जरूर आपको सफलता मिलेगी। जहां कुछ लोग एक या दो परीक्षाओं में असफल होने के बाद निराश हो जाते हैं। वहीं, हरियाणा से ताल्लुक रखने वाले विजय वर्धन ने 35 सरकारी परीक्षाओं में असफल होने के बावजूद भी उम्मीद की डोर थामकर रखी। वह सरकारी नौकरियों की परीक्षाओं में बार-बार असफल हुए। लेकिन, हार नहीं मानी। आखिरकार 2018 में यूपीएससी में उन्हें 104वां स्थान हासिल करने में सफलता मिली।
गलतियों से सीख लेते रहे
विजय वर्धन बार-बार असफलता मिलने से निराश नहीं हुए। अलबत्ता, अपनी गलतियों से सीख लेते रहे। हर असफलता के बाद पूरी ईमानदारी से उसका मूल्यांकन किया। वह पहले आईपीएस अधिकारी के रूप में चुने गए। लेकिन, इससे संतुष्ट नहीं हुए। उन्होंने और प्रयास किया। आखिरकार आईएएस अधिकारी बनकर दिखाया।
इलेक्ट्रॉनिक्स में इंजीनियरिंग की
वर्धन की स्कूली पढ़ाई हरियाणा के सिरसा में हुई। यहीं उनका जन्म हुआ। स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद उन्होंने हिसार से इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग की। इंजीनियरिंग की डिग्री लेने के बाद विजय वर्धन यूपीएससी की पढ़ाई करने के लिए दिल्ली चले गए। तैयारी के दौरान उन्होंने हरियाणा पीसीएस, यूपीपीएससी, एसएससी और सीजीएल सहित कम से कम 35 परीक्षाओं के लिए प्रयास किया। लेकिन उनमें से हर एक में असफल रहे। लेकिन, उन्होंने संघर्ष जारी रखा। विजय वर्धन ने 2014 में पहली बार यूपीएससी परीक्षा के लिए अटेम्प्ट दिया था। हालांकि, वह असफल रहे थे।
खुद पर रखा विश्वास
2018 में विजय वर्धन को सफलता मिल ही गई। उन्होंने यूपीएससी में 104वीं रैंक हासिल की। वह आईपीएस नियुक्त हुए। हालांकि, विजय वर्धन आईपीएस की पोजिशन से खुश नहीं थे। इसलिए 2021 में उन्होंने यूपीएससी परीक्षा के लिए फिर से आवेदन किया। इस बार वह आईएएस बनने में कामयाब हुए। विजय वर्धन कहते हैं कि आपके सबसे अच्छे इंस्ट्रक्टर आप ही हैं। इस वजह से जब भी आप कोई निर्णय लें तो आपको हमेशा अपनी क्षमताओं पर भरोसा रखना चाहिए।