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बंगाल के मंत्री चंद्र नाथ सिन्हा पर ED ने कसा शिकंजा, टीचर भर्ती घोटाले में रेड, 40 लाख कैश बरामद

कलकत्ता

श्चिम बंगाल (West Bengal) के कैबिनेट मंत्री चंद्र नाथ सिन्हा के आवास पर ईडी ने छापेमारी की है और यहां से 40 लाख कैश जब्त किया गया है. ईडी सूत्रों के मुताबिक मंत्री कैश का स्रोत नहीं बता पाए. सबूत जुटाने के लिए ईडी ने उनका मोबाइल फोन भी जब्त कर लिया है. बता दें कि शुक्रवार शिक्षक भर्ती घोटाले के मामले में ईडी ने मंत्री चंदानाथ सिन्हा के बीरभूम के बोलपुर स्थित आवास समेत कई जगहों पर छापेमारी की थी. मैराथन छापेमारी और पूछताछ करीब 13 घंटे तक चली और रात करीब 10.30 बजे खत्म हुई. ईडी की टीम शुक्रवार सुबह करीब 9 बजे चंद्र नाथ सिन्हा के आवास में दाखिल हुई है.

ईडी सूत्रों के मुताबिक ईडी को टीएमसी यूथ विंग के नेता कुंतल घोष के पास से एक रजिस्टर बरामद मिला था. उस रजिस्टर से उन्हें चंद्र नाथ सिन्हा का नाम मिला. शिक्षक भर्ती घोटाले में कुंतल घोष को ईडी ने पहले गिरफ्तार किया था.

इस मामले में पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी सहित कई लोग हिरासत में हैं।अदालत ने मुख्य सचिव को 3 अप्रैल तक एक रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है।

राज्य के पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी, पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग के पूर्व सचिव अशोक साहा, पश्चिम बंगाल सेकंडरी शिक्षा बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष कल्याणमय गांगुली और एसएससी के पूर्व अध्यक्ष सुबीर भट्टाचार्य की जमानत याचिकाओं पर कोर्ट में सुनवाई हुई।

पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी के खिलाफ मुकदमा चलाया जाए
अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल अशोक चक्रवर्ती ने सुनवाई के दौरान बताया गया कि सरकार की मंजूरी नहीं मिलने से मुकदमा रुका हुआ है। इसलिए अदालत ने पहले CBI निदेशक को मंजूरी देने का निर्देश दिया था।

चक्रवर्ती ने कोर्ट को सूचित किया कि पश्चिम बंगाल के राज्यपाल ने पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी है।

हालांकि, बार-बार अनुरोध के बावजूद, राज्य के मुख्य सचिव ने अभी तक अशोक साहा, सुबीरेश भट्टाचार्य और कल्याणमय गांगुली के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी देने पर फैसला नहीं किया है।

ED ने TMC के मंत्री चंद्रनाथ सिन्हा के घर पर छापा मारा
शिक्षक भर्ती घोटाले के सिलसिले में शुक्रवार (22 मार्च) की सुबह ED ने पश्चिम बंगाल के मंत्री चंद्रनाथ सिन्हा के घर पर छापा मारा है। मीडिया रेपोर्ट्स के मुताबिक ED का कहना है कि शिक्षक भर्ती घोटाले में करोड़ों रुपए का लेनदेन किया गया था। हालांकि रुपए अभी बरामद नहीं हुए हैं।

8 मार्च 2024 को भी ED की टीम ने राज्य के उत्तर 24 परगना जिले के दमदम शहर समेत कई जगहों पर छापे मारे थे। इससे पहले घोटाला मामले में पश्चिम बंगाल के पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी समेत शिक्षा विभाग से जुड़े अन्य लोगों को गिरफ्तार किया गया था।

क्या है शिक्षक भर्ती घोटाला
मई 2022 में, CBI को 2014 और 2021 के बीच पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) और पश्चिम बंगाल सेकंडरी एजुकेशन बोर्ड द्वारा गैर-शिक्षण कर्मचारियों (ग्रुप सी और डी) और शिक्षण कर्मचारियों की नियुक्ति की जांच करने का निर्देश दिया गया था। लेकिन, सिलेक्शन टेस्ट में फेल होने के बाद नौकरी पाने के लिए नियुक्त लोगों ने 5 लाख रुपये से 15 लाख रुपये तक की रिश्वत दी थी।

सीबीआई के अनुसार, 2014 और 2021 के बीच राज्य भर के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों और कर्मचारियों की नौकरी पाने के लिए उम्मीदवारों से TMC के नेताओं ने 100 करोड़ रुपये से ज्यादा रुपए लिए थे।

शिक्षक भर्ती घोटाले को लेकर प्रवर्तन निदेशालय (ED) बीरभूम जिले में बंगाल के मंत्री चंद्रनाथ सिन्हा के आवास पर छापेमारी कर रही है. इससे पहले ईडी ने 11 घंटे की लंबी पूछताछ के बाद बिजनेसमैन प्रसन्ना रॉय को गिरफ्तार कर लिया था. सूत्रों की मानें तो उन्होंने पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी समेत कई प्रभावशाली नेताओं और नौकरी के इच्छुक उम्मीदवारों के बीच मीडिएटर की भूमिका निभाई थी.

घर के अलावा और कई जगहों पर चल रही छापेमारी

ईडी ने शुक्रवार को शिक्षक भर्ती घोटाले को लेकर चंद्रनाथ सिन्हा के आवास पर छापा मारा. मंत्री के आवास के अलावा और कई जगहों पर भी जांच एजेंसी छापेमारी कर रही है. जानकारी के मुताबिक सुबह करीब 9:10 बजे ईडी की 5 सदस्यीय टीम सेंट्रल फोर्स-महिला फोर्स के साथ दाखिल हुई.

इस छापेमारी के दौरान एमएसएमई विभाग के मंत्री चंद्रनाथ सिन्हा घर पर नहीं हैं. उनका घर गिरफ्तार हो चुके टीएमसी के कद्दावर नेता अणुब्रत मंडल के घर से थोड़ी दूर है. पीले रंग का दो मंजिला घर हर वक्त सीसीटीवी की नजर में रहता है.

ईडी ने बिजनेसमैन प्रसन्ना रॉय को किया गिरफ्तार

इससे पहले ईडी ने बुधवार को बिजनेसमैन प्रसन्ना रॉय को कोलकाता के सीजीओ कॉम्प्लेक्स में पूछताछ के लिए बुलाया था. 11 घंटे की लंबी पूछताछ के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया. सूत्रों का दावा है कि उन्होंने शिक्षक भर्ती घोटाले में उम्मीदवारों और पूर्व शिक्षा मंत्री समेत कई नेताओं के बीच बातचीत में अहम भूमिका निभाई थी. पिछले साल प्रसन्ना को सीबीआई ने गिरफ्तार किया था लेकिन उन्हें सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई थी.

क्या है पूरा मामला?

कलकत्ता हाई कोर्ट की ओर से पारित आदेश के बाद ईडी और सीबीआई दोनों एजेंसियां कथित शिक्षक भर्ती में हुई अनियमितताओं की जांच कर रही हैं. जांच के दौरान प्रसन्ना रॉय का नाम सामने आया था, जिसके बाद पिछले साल दिसंबर में प्रवर्तन निदेशालय ने शिक्षक भर्ती घोटाला मामले में कोलकाता में चार्टर्ड अकाउंटेंट, व्यापारियों सहित अन्य लोगों के घर और ऑफिस पर छापेमारी की थी. इसी मामले में आरोपी पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी और कई तृणमूल कांग्रेस के नेता, राज्य शिक्षा विभाग के अधिकारी जेल में है