‘पाक आतंकियों को घुसने मत दो…’, भारत के समर्थन में उतरे गीर्ट विल्डर्स
नई दिल्ली
जम्मू कश्मीर के रियासी जिले में रविवार शाम को आतंकियों नए घात लगाकर तीर्थयात्रियों की बस पर हमला किया. इस घटना में अब तक दस लोगों की मौत हो गई है जबकि 30 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं. अब इस घटना पर नीदरलैंड्स के दक्षिणपंथी नेता और सांसद गीर्ट विल्डर्स (Geert Wilders) ने प्रतिक्रिया दी है.
गीर्ट ने रियासी हमले के लिए सीधे तौर पर पाकिस्तानी आतंकियों को लताड़ लगाई है. उन्होंने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा है कि हिंदुओं को मारने के लिए पाकिस्तानी आतंकियों को कश्मीर घाटी में घुसने नहीं दे. भारत अपने लोगों को बचाओ. गीर्ट ने इस पोस्ट के साथ 'हैशटैग ऑल आइज ऑन रियासी' भी लिखा है.
बता दें कि जम्मू कश्मीर के रियासी में ये घटना रविवार शाम करीब 6:15 बजे के आसपास हुई. घात लगाकर बैठे आतंकियों ने बस पर फायरिंग की, जिसके बाद बस अनियंत्रित होकर गहरी खाई में जा गिरी. बस पर हमले करने वाले आतंकी पहाड़ी इलाके में छुपे हुए हैं.
लश्कर से जुड़े आतंकी समूह TRF ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है. ये आतंकी पिछले एक महीने में राजौरी और पुंछ में कई हमले कर चुके हैं. सूत्रों का कहना है कि इस हमले में दो से तीन आतंकी शामिल थे. सूत्रों के अनुसार रियासी में तीर्थयात्रियों की बस पर हमला करने वाले आतंकी पाकिस्तानी थे. ये आतंकियों का वही ग्रुप है, जो पीर पंजाल के दक्षिण में पिछले दो सालों से सक्रिय है.
चश्मदीदों का आंखों देखा हाल
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, बस में सवार एक पीड़ित ने बताया कि बस पर 25 से 30 गोलियां चलीं और बस खाई में गिर गई. जबकि दूसरे पीड़ित ने बताया कि उसने लाल मफलर पहने एक नकाबपोश हमलावर को बस पर गोलियां चलाते देखा. तेरयथ अस्पताल में भर्ती बनारस के एक घायल तीर्थयात्री ने कहा कि हमें शाम 4 बजे निकलना था, लेकिन बस शाम 5.30 बजे निकली और अचानक गोलीबारी होने लगी.
जिला अस्पताल में भर्ती उत्तर प्रदेश के संतोष कुमार ने बताया कि मैं बस चालक के बगल में बैठा था और एक गाड़ी घने जंगलों से नीचे की ओर आ रही था, तभी मैंने देखा कि अपने चेहरे और सिर को काले कपड़े से ढके एक व्यक्ति ने बस के सामने आकर अंधाधुंध गोलीबारी की.
उन्होंने कहा कि गोलीबारी में ड्राइवर घायल हो गया और बस खाई में जा गिरी. उन्होंने कहा कि आतंकवादी बहुत देर तक बस पर गोलियां बरसाते रहे. पीडि़त ने बताया कि हम खाई में असहाय पड़े थे, उसके बाद कुछ स्थानीय लोग वहां पहुंचे और हमारी मदद की. बाद में कुछ पुलिसकर्मी भी वहां पहुंचे.