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10 महिने में बदला डिजिटल प्लेटफार्म — क्रमश: 3 : पढ़ई तुंहर द्वार के लिए बनाई गई वेबसाईट cgschool.in का सर्वर प्राइवेट! जमा किए जा रहे सरकारी डाटा के लिए हो सकता है खतरनाक… स्कूल शिक्षा विभाग की इस कार्यशैली पर बड़ा सवाल…

इम्पेक्ट न्यूज. रायपुर।

छत्तीसगढ़ शासन की महत्वाकांक्षी योजना पढ़ंई तुहंर द्वार की अधिकृत वेबसाइट का निर्माण और उपयोग शासकीय नियमों से परे है। इस साइट पर उपयोग हेतु दर्ज की जा रही समस्त जानकारी निजी सर्वर पर जा रही है। स्कूल शिक्षा विभाग की इस कार्यशैली पर बड़ा सवाल खड़ा हो गया है।

हम बीते दो अंकों से छत्तीसगढ़ सरकार के शिक्षा विभाग की गतिविधियों पर सवाल उठा रहे हैं कि आखिर जब एक शासकीय पोर्टल और उसका डाटा सरकार के पास सुरक्षित था और उसे इसी सरकार ने करीब 10 माह पहले लांच किया था तो उसे छोड़कर नए वेबसाइट के माध्यम से स्कूल शिक्षा को जोड़ने की जरूरत क्यों पड़ी?

इस कड़ी की पहली खबर… लिंक चटकाएं…

10 माह में ना मंत्री बदले, ना सरकार बदली… बदले बस अफसर… डिजिटल प्लेटफार्म बदलकर​ फिर हो रही खर्च की तैयारी… शिक्षक हलाकान…

सवाल बड़ा है और इसका जवाब बेहद आसान… स्कूल शिक्षा विभाग ने अपना जो नया वेबसाइट डवलप किया है वह पूरी तरह से असुरक्षित है। उसमें दिया जा रहा डाटा भी तब तक असुरक्षित है जब तक इस डाटा को पूरी तरह से सरकार हासिल कर उसे अपने पास संरक्षित नहीं कर लेती। इसके लिए कुछ तकनीकी बिंदुओं को जानने की जरूरत है।

इस कड़ी की दूसरी खबर… लिंक चटकाएं…

10 महिने में बदला डिजिटल प्लेटफार्म — क्रमश: 2 : छत्तीसगढ़ में शिक्षा, अफसरों की प्रयोगशाला बनी या चारागाह… अफसर बदलते बदल जाता है प्लेटफार्म… होते हैं शिक्षक हलाकान…

पहला भारत में सरकार द्वारा बकायदा आईटी एक्ट 2001 के द्वारा ऐसे सभी डिजिटल प्लेटफार्म के लिए नियमावली तैयार किया गया है। जिसके तहत gov.in, nic.in, chips.gov.in का प्रयोग किया जाता है। इसका मतलब है जिस वेब साइट पर इसका उल्लेख है उसके सारे डाटा सरकारी सर्वर पर सुरक्षित हैं। यानी सरकार के पास हैं। इसके अलावा यदि किसी प्राइवेट कंपनी के से वेब साइट डोमेन पंजीकृत किया जाता है तो इसमें इसका उल्लेख नहीं मिलेगा।

साथ ही ऐसे सभी वेब साइट निजी स्तर पर बनाए गए होते हैं और उसमें लिया जा रहा डाटा निजी सर्वर यानी godaddy, bigrock  जैसे निजी सर्वर पर सुरक्षित रखे जाते हैं। इसमें भी यदि सर्वर से स्पेस शेयरिंग आप्सन लिया जाता है तो एडमिन पार्ट सर्वर होस्ट के पास सुरक्षित रहता है। यानी वेबसाइट आपरेटर को केवल उस सर्वर का एक हिस्सा ही मिलता है।

यदि आप इस निजी सर्वर को पूरा लेना चाहते हैं तो उसके लिए प्रतिमाह या प्रतिवर्ष के हिसाब से किराया अदा करना होता है। यदि आप ऐसा नहीं करते हैं तो सर्वर का डेटा सर्वर उपलब्ध कराने वाले के पास ही रहता है।

छत्तीसगढ़ सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना cgschool.in का डोमेन प्राइवेट है। इसमें ली जा रही सभी जानकारी यानी छात्र उसके अभिभावक और शिक्षक का सारा डेटा निजी सर्वर पर जा रहा है। यह व्यवस्था बेहद खतरनाक साबित हो सकता है। इस सर्वर को godaddy से परचेस किया गया है। यानी इस वेब साइट का सर्वर godaddy के पास है।

स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा 26 मार्च को विभाग प्रमुख के आवास में जो बैठक की गई उसमें इस निजी सर्वर देयता से किसी वेब डोमेन को पंजीकृत कर लेने के लिए बकायदा निर्देशित किया गया। अब सवाल यह है कि विभाग के प्रमुख जो आगामी 31 मई को सेवा निवृत होने वाले हैं उन्होंने ऐसी व्यवस्था पर बल क्यों दिया जिसमें शासकीय डाटा के असुरक्षित होने का खतरा हो?

…और हां यदि किसी वेब साईट पर की गई कोडिंग में किसी प्रकार का डाटा चोरी होने का खतरा होता है तो जिन कम्प्यूटर्स पर एंटीवायरस लोड होता है वे इस साइट को खोलने की अनुमति नहीं देते हैं। सीजीइम्पेक्ट ने अपने कम्प्यूटर पर जब इस साइट को खोलने का प्रयास किया तो यह संदेश आया देखें स्क्रीन शॉट…

किसी भी सरकारी वेबसाइट में इंटर करने पर यह संदेश नहीं आता है। क्योंकि इसका सर्वर पूरी तरह से सुरक्षित होता है। ऐसे वेबसाइट के लिए की गई कोडिंग भी सुरक्षा संबंधित उपायों के आधारके साथ सरकार के नियंत्रण पर होती है।

शेष अगले अंक में…

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