संरक्षित स्मारक को गिराकर बंगला बनाया : IAS अधिकारी को नोटिस…
इम्पैक्ट डेस्क.
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने बृहस्पतिवार को उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना को पत्र लिखा। इसमें उन्होंने जल विहार में एएसआई संरक्षित स्मारक के विध्वंस और 600 मीटर के बंगले के निर्माण पर ध्यान दिलाया है। उन्होंने कहा कि यह बंगला जल बोर्ड की ओर से तत्कालीन सीईओ उदित प्रकाश के निर्देश पर बनवाया गया था। बताया जाता है कि इस मामले में आईएएस अधिकारी को नोटिस जारी किया गया है।
उन्होंने कहा कि यह चौंकाने वाला है कि जल बोर्ड ने 2021 के कोविड काल के दौरान संरक्षित स्मारक को ध्वस्त करने का कृत्य किया और उसके बाद तेजी से उस पर बंगला बना दिया। इतना ही नहीं 15 करोड़ रुपये का बजट भी निर्माण के लिए पास किया गया। इस मामले में तत्कालीन प्रभारी मंत्री सत्येंद्र जैन की भूमिका की जांच होनी चाहिए। यह भी आश्चर्य की बात है कि जल बोर्ड ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की मंजूरी के बिना निडरता से संरक्षित स्मारक को ध्वस्त कर दिया। मुख्यमंत्री के बंगले के सौंदर्यीकरण में 45 करोड़ का घोटाले के एक दिन बाद इसका खुलासा हुआ है। यह केजरीवाल सरकार की संवेदनहीनता को दर्शाता है।
सेवा ब्रेक देकर नियमितीकरण की राह कठिन की
प्रदेश भाजपा ने बृहस्पतिवार को कहा कि दिल्ली सरकार के एजेंडे पर काम कर रहीं मेयर शैली ओबरॉय निगम में कांट्रैक्ट कर्मियों को हटाकर अपने कार्यकर्ताओं को नौकरी देना चाहती हैं। यही वजह है कि पुराने कर्मियों का नियमितीकरण नही होने दे रही हैं। प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर ने कहा कि भाजपा की शंका सही साबित हुई है। निगम ने 2012 से लगातार बिना ब्रेक काम कर रहे 3112 डीबीसी कर्मियों को सेवा विस्तार देते हुए दो दिन का ब्रेक दे दिया। इस ब्रेक की वजह से अब इन कर्मचारियों के सेवा नियमितीकरण की राह कठिन हो गई है।