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दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने की CM पद छोड़ने की घोषणा… LIVE UPDATE

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इम्पेक्ट न्यूज। डेस्क।

सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने CM पद छोड़ने की घोषणा कर दी है। तिहाड़ से 13 सितंबर को रिहा होने के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल रविवार को पहली बार आम आदमी पार्टी के ऑफिस पहुंचकर कार्यकर्ता को संबोधित कर रहे हैं। इस दौरान उनके साथ AAP नेता मनीष सिसोदिया, संजय सिंह और आतिशी भी मौजूद हैं।

केजरीवाल ने कहा- आज मैं जनता की अदालत में हूं। आपसे पूछता हूं कि मुझे ईमानदार मानते हो या गुनहगार मानते हो। दोस्तों, 2 दिन के बाद सीएम की कुर्सी से इस्तीफा देने जा रहा हूं। तब तक उस कुर्सी पर नहीं बैठूंगा, जब तक जनता अपना फैसला ना सुना दे। जनता ना कह दे कि केजरीवाल ईमानदार है, जब तक सीएम की कुर्सी पर नहीं बैठूंगा।

शराब नीति केस में भ्रष्टाचार से जुड़े मामले में केजरीवाल को 13 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दी थी। उन्हें CBI ने 26 जून को गिरफ्तार किया था। इसके पहले केजरीवाल को ED ने 21 मार्च को गिरफ्तार किया था। 10 दिन की पूछताछ के बाद 1 अप्रैल को तिहाड़ जेल भेजा गया। 10 मई को 21 दिन के लिए लोकसभा चुनाव में प्रचार के लिए रिहा किया गया। ये रिहाई 51 दिन जेल में रहने के बाद मिली थी। 2 जून को केजरीवाल ने तिहाड़ जेल में सरेंडर कर दिया था। इस तरह से वे 156 दिन जेल में बिता चुके हैं।

अंग्रेजों ने भी नहीं सोचा होगा कि आजादी के अंग्रेजों से भी ज्यादा क्रूर और अत्याचारी शासक आएगा। भगत सिंह और बटुकेश्वर ने असेंबली में बम फेंका था। दोनों को एक ही जेल में अगल-बगल वाली कोठरी में रखा गया था। उन्होंने बटुकेश्वर की बहन प्रमिला को खत लिखा था- कल रात बटु को किसी दूसरी जेल में भेज दिया गया है। उनकी जुदाई मेरे लिए असहनीय हो रही है। आज पहला दिन है, जब मेरे लिए हर मिनट बोझ हो गया है। सगे भाई से भी ज्यादा प्रिय थे।

केजरीवाल ने कहा कि आज एक किताब लेकर आया हूं। यह भगत सिंह की जेल डायरी। भगत सिंह के बाद आजादी के बाद एक क्रांतिकारी मुख्यमंत्री जेल गया। मैंने सिर्फ एक खत एलजी को लिखा। 15 अगस्त को दिल्ली सरकार का मुख्यमंत्री झंडा फहराता है। 3 दिन पहले एलजी को चिट्ठी लिखी कि मेरी जगह आतिशी जी को झंडा फहराने की इजाजत मिले। ये चिट्ठी एलजी तक नहीं पहुंचाई गई। मुझे वॉर्निंग भी दी गई कि दूसरी बार एलजी साहब को चिट्ठी लिखने की हिम्मत की तो आपकी जो फैमिली मुलाकात है, उसे बंद कर दिया जाएगा।

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