दीपिका ने दिखाई दुनिया के 100 असरदार लोगों के बीच अपनी दमक… बोलीं– गलतियों से सीखने में ही असली खूबसूरती…
इंपैक्ट डेस्क.
खूबसूरती क्या है? इस सवाल का अक्सर जवाब यही होता है कि ये देखने वाले की नजर पर निर्भर करता है लेकिन हिंदी सिनेमा में अरसे तक नंबर वन पोजीशन पर कायम रहीं अभिनेत्री दीपिका पादुकोण से पूछें तो ये गलतियों से सबक लेने का ही दूसरा नाम है। दुबई में बीते महीने ही खुले और दुनिया की सबसे खूबसूरत इमारतों में शुमार म्यूजियम ऑफ द फ्यूचर में सोमवार की रात हुए टाइम100 इम्पैक्ट अवार्ड्स में दीपिका पादुकोण अरसे बाद अपनी चिर परिचित पहचान साड़ी में दिखीं और पूरी शाम इस महफिल में उनके ही चर्चे सबसे ज्यादा होते दिखे। अपनी पिछली फिल्म ‘गहराइयां’ के प्रमोशन से पहले और फिल्म की रिलीज के बाद भी दीपिका ने काफी तड़क भड़क वाली फैशनेबल कॉस्ट्यूम्स पहने लेकिन उनके प्रशंसकों ने उन्हें फिर से साड़ी में देखते ही मानों सिर आंखों पर बिठा लिया।
टाइम100 इम्पैक्ट अवार्ड्स दुनिया भर की उन 100 शख्सीयतों को दिया गया है जिन्होंने अपनी लोकप्रियता के प्रभाव का प्रयोग एक बेहतर भविष्य का निर्माण करने के लिए किया। वर्ल्ड गवर्नमेंट सम्मिट की तरफ से प्रायोजित इन पुरस्कारों में यूएई की आधुनिक तकनीक मंत्री सारा अल अमीरी, घाना के मूल निवासी ब्रिटिश आर्किटेक्ट डेविड अडजाये, समाजसेवी टोनी एल्यूमेलू, गीतकार व गायक एली गाउलिंडग, इराकी अमेरिकी मेकअप कलाकार हुदा कट्टन, ब्यूटी ब्लॉगर हुडा ब्यूटी और दीपिका पादुकोण शामिल रहीं। दीपिका ने इस मौके पर कहा कि जीवन की असली खूबसूरती दूसरों के काम आने में और अपनी गलतियों से जीवन के अहम सबक सीखने में ही है।
इस मौके पर दीपिका पादुकोण ने बताया कि ये पुरस्कार मिलने की सूचना उन्हें महीने भर पहले एक ऐसे दिन मिली, जब वह काफी निराश महसूस कर रही थीं। और, ये सूचना पाकर महसूस हुआ कि जिंदगी इतनी बुरी भी नहीं है। दीपिका के मुताबिक, ‘मैं अपना जीवन और इसका हर एक दिन हरसंभव प्रामाणिकता के साथ जीती हूं। मैं हमेशा चैतन्य जीवन जीने में यकीन रखती हूं। मै हर रोज सुबह उठती हूं तो एक उद्देश्य मेरे में रहता है। इनमें से कुछ दिन बहुत ही शानदार होते हैं और कुछ शानदार नहीं भी होते हैं। लेकिन, यही तो यात्रा है।’
अपने ऊर्जावान पति रणवीर सिंह के साथ समारोह में पहुंची दीपिका पादुकोण ने कहा, ‘कभी कभी हमें अपने ही उद्देश्यों पर सवाल उठाने का भी मन होता है। लेकिन, फिर टाइम जैसी संस्था से पुरस्कार मिलने पर महसूस होता है कि हमने सही रास्ता चुना।’ बीते साल उनकी प्रेरणा क्या रही? ये पूछे जाने पर दीपिका कहती हैं, ‘दुनिया में बहुत कुछ घट रहा है और बीते कुछ समय में बहुत कुछ घटा भी है। अगर हममें से हर शख्स अपने जीवन को प्रामाणिकता और सत्य के साथ जीने की आदत डाल ले तो मुझे लगता है कि दुनिया जो कुछ भी है उससे बेहतर स्थान तो जीने के लिए जरूर हो जाएगी।’
यूक्रेन युद्ध का नाम लिए बिना दीपिका पादुकोण ने कहा, ‘हर शख्स ने किसी ने किसी कठिन दिन को देखा है, भले ये महामारी रही हो, युद्ध रहा हो या कुछ जो हमने देखा या उससे परे भी, हर कोई अपना युद्ध खुद लड़ रहा है। लेकिन लोगों में चीजों को लचीलेपन के साथ स्वीकार करने की जो क्षमता है, उसने मुझे बहुत प्रेरित और प्रभावित किया है।’ दीपिका पादुकोण को पुरस्कार देते समय टाइम ने भी दीपिका को एक ऐसी ही शख्सीयत माना। टाइम के शब्दों में, ‘दीपिका जितना संभव हो उतनी प्रामाणिकता के साथ जीना चाहती हैं।’ टाइम ने मानसिक स्वास्थ्य को लेकर उनके अपने संघर्ष और इस बारे में उनके कामों की भी सराहना की।