CPI के नेशनल सेक्रेटरी अतुल कुमार अंजान का लखनऊ में हुआ निधन
लखनऊ
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) के राष्ट्रीय सचिव अतुल कुमार अंजान का कैंसर से लंबी लड़ाई के बाद शुक्रवार सुबह निधन हो गया। वह 70 वर्ष के थे। बीते एक महीने से लखनऊ के एक निजी अस्पताल में ही उनका इलाज चल रहा है।
बता दें कि अतुल अंजान ने अपना राजनीतिक सफर 1977 में शुरू किया था। वह सबसे पहले लखनऊ विश्वविद्यालय छात्र संघ के अध्यक्ष चुने गए थे। वह सबसे प्रतिभाशील और सक्रिय कम्युनिस्ट नेताओं में से एक थे। इन्होंने समाज में एक सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में भी अपनी पहचान बनाई।
इन्होंने किसानों और श्रमिकों के हितों में बहुत काम किया। इसी सादगी के दम पर इन्होंने समाज में बहुत इज्जत कमाई थी। उन्होंने राजनीति क्षेत्र में एक विशिष्ट स्थान हासिल किया था।
CPI के बड़े चेहरों में थे शामिल
अतुल कुमार अंजान की गिनती सीपीआई के बड़े नेताओं में होती थी. वह टीवी डिबेट में और कई दूसरे राजनीतिक कार्यक्रमों में लगातार पार्टी का प्रतिनिधित्व करते थे. अपनी राजनीति का लोहा इन्होंने कॉलेज के दिनों से ही मनवा लिया था. छात्र राजनीति में इनके कद का अंदाजा इसी बात से लगा सकते हैं कि अतुल कुमार अंजान 20 साल की उम्र में नेशनल कॉलेज स्टूडेंट्स यूनियन के अध्यक्ष बन गए थे. अतुल कुमार लगातार चार बार लखनऊ विश्वविद्यालय छात्र संघ के अध्यक्ष चुने गए. यूनिवर्सिटी के समय से ही वह लेफ्ट की विचारधारा पर चलते थे.
करीब 5 साल तक जेल में भी रहे
राष्ट्रीय राजनीति में बेशक पूरा देश उन्हें न जानता हो, लेकिन वामपंथी राजनीति की समझ रखने वाले अतुल कुमार का कद अच्छे से जानते हैं. अतुल कुमार ने अपने शुरुआती दिनों में हमेशा युवाओं और आम लोगों की आवाज उठाई. वह उत्तर प्रदेश के प्रसिद्ध पुलिस-पीएसी विद्रोह के प्रमुख नेताओं में से एक थे. इस आंदोलन की वजह से वह चार साल नौ महीने जेल में भी रहे.
अतुल कुमार के पिता थे स्वतंत्रता सेनानी
अतुल कुमार अंजान के पिता डॉ. ए.पी. सिंह ने देश की आजादी में अपना योगदान दिया था. वह एक स्वतंत्रता सेनानी थे. जानकारी के मुताबिक, इनके पिता हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन से जुड़े रहे थे. उन्होंने इसकी कई गतिविधियों में अपना योगदान दिया था.