Madhya Pradesh

मंत्री विजय शाह के एक बयान के बाद विवाद बढ़ा, जिसके चलते उनके पोस्टर्स सरकारी कार्यक्रम से हटा दिए गए

इंदौर
 मध्य प्रदेश के जनजातीय कार्य मंत्री विजय शाह एक बार फिर विवादों में घिरते नजर आ रहे हैं। इंदौर में 'वन अधिकार अधिनियम 2006 के तहत जिला स्तरीय वन अधिकार समितियों की प्रशिक्षण कार्यशाला' आयोजित की गई। इसमें उस समय अफरा-तफरी मच गई, जब कार्यक्रम स्थल पर लगे होर्डिंग्स में मंत्री विजय शाह की मुस्कुराती तस्वीर दिखी। इस पर अधिकारियों ने ऑब्जेक्शन लिया गया तो उसे हटाया गया।

वर्कशॉप में मंत्री का फोटो वाला पोस्टर देखा तो अफसरों के बीच इसी की चर्चा होने लगी। इसके बाद मंत्री को हटा कर उनकी जगह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की फोटो चिपका दी गई। मौके पर पहुंचे सीनियर अधिकारियों ने नाराजगी जाहिर करते हुए पोस्टर तुरंत हटवाए और संबंधित जिम्मेदारों को फटकार लगाई।

क्या है पूरा मामला

पूरा घटनाक्रम इंदौर के ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर के फीनिक्स हॉल का है। यहां गुरुवार को ट्रेनिंग प्रोग्राम रखा गया। इसमें अशासकीय सदस्यों, वन अधिकारी समिति के सदस्यों को प्रशिक्षण दिया गया। इस दौरान वर्कशॉप के लिए पोस्टर लगाए गए। जिसमें, सीएम मोहन यादव के साथ मंत्री विजय शाह की फोटो लगी थी। इस वर्कशॉप कार्यक्रम में इंदौर उज्जैन के कलेक्टर, वन के मंडल अधिकारी, मुख्य कार्यपालन अधिकारी मौजूद थे। वहीं, कार्यक्रम जनजाति कार्य विभाग ने आयोजित कराया था। इसके मंत्री विजय शाह हैं। इसी कार्यक्रम से फोटो हटाई गई।

क्यों हटाई गई तस्वीर

हाल ही में मंत्री विजय शाह ने सेना की अधिकारी कर्नल सोफिया कुरैशी पर विवादित टिप्पणी की थी। जिसके चलते हाई कोर्ट के आदेश पर उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज हो चुकी है। इस प्रकरण के बाद मंत्री को विरोध का सामना करना पड़ रहा है। यही कारण माना जा रहा है कि आयोजन में उनकी तस्वीर को हटा दिया गया।

प्रोटोकॉल का हुआ उल्लंघन

कार्यशाला में जब इंदौर संभाग के कमिश्नर दीपक सिंह की नजर इन होर्डिंग्स पर पड़ी, तो उन्होंने नाराजगी जाहिर की। आनन-फानन में अधिकारियों ने मंत्री विजय शाह की तस्वीर को पीएम मोदी की फोटो से ढंक दिया। जिससे न केवल प्रोटोकॉल का उल्लंघन हुआ बल्कि आयोजकों की कार्यशैली पर भी सवाल उठ खड़े हुए।

नियमों के अनुसार, किसी भी सरकारी आयोजन में नेताओं की तस्वीरों का तय क्रम होता है। जिसमें प्रधानमंत्री का स्थान सर्वोच्च होता है। यहां पीएम मोदी की फोटो दूसरे स्थान पर और मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव की पहले स्थान पर रही, जो स्पष्ट रूप से अनुचित था।

शाह की तस्वीर पर सफेद फ्लेक्स चिपका दिया

अधिकारियों ने तत्काल पोस्टर से उनकी तस्वीर हटाने के निर्देश दिए। आनन-फानन में स्टाफ ने शाह की तस्वीर पर सफेद फ्लेक्स चिपका दिया। बाद में उक्त स्थान पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तस्वीर को चस्पा किया गया। सुबह 11 बजे वन अधिकार अधिनियम को लेकर ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर में कार्यशाला का शुभारंभ हुआ।

लोगों ने उठाई थी आपत्ति

आयोजन प्रदेश सरकार के जनजाति कार्य विभाग ने किया था। पोस्टर में मुख्यमंत्री मोहन यादव और मंत्री विजय शाह की तस्वीर नजर आ रही थी। पोस्टर में मंत्री शाह की बड़ी सी मुस्कुराती तस्वीर थी। कुछ लोगों ने आपत्ति उठाई और मंत्री शाह की तस्वीर पोस्टर पर क्यों है, तो अफसरों ने तुरंत कार्रवाई की।

सरकारी कार्यक्रमों से दूर

इस घटना ने साफ कर दिया कि मंत्री शाह अब सिर्फ जनता की नजरों से ही नहीं, बल्कि सरकारी कार्यक्रमों से भी दूर किए जा रहे हैं। अफसर भी उनके साथ सार्वजनिक रूप से जुड़ना नहीं चाह रहे। भले ही उन्होंने इस्तीफा नहीं दिया है, लेकिन उनकी स्थिति बेहद कमजोर नजर आ रही है।

संभागीय कार्यशाला शुरू

वन अधिकार अधिनियम 2006 के प्रभावी क्रियान्वयन और सामुदायिक वन अधिकारों को मजबूत करने की दिशा में एक और कदम बढ़ाते हुए गुरुवार से दो दिनी संभागीय कार्यशाला की शुरुआत ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर में हुई। इसमें वन समितियों की भूमिका को लेकर भी चर्चा की गई। वक्ताओं ने ग्रामीणों को जंगल की जमीन पर अतिक्रमण रोकने पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि जंगल में ग्रामीणों को वन अधिकार के अंतर्गत पट्टे दिए जाते हैं।

सिर्फ खेती करने में भूमि का उपयोग करें, जबकि कुछ पट्टे से लगी जमीन पर भी अतिक्रमण करते हैं, यह बिलकुल गलत है। शुभारंभ जनजातीय कार्य विभाग के प्रमुख सचिव गुलशन बामरा और संभागायुक्त दीपक सिंह ने किया। सचिव बामरा ने बताया कि राज्य शासन वन अधिकार अधिनियम के अंतर्गत सामुदायिक अधिकारों को सशक्त बनाने की दिशा में गंभीर प्रयास कर रहा है।