हरा सोना में डकैती कर गए ठेकेदार… सिस्टम में कमीशन का खेल… गरीब आदिवासी संग्राहक अपने हक की तलाश में…
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वनविभाग ने तेंदूपत्ता के वास्तविक संग्रहण का 28 फीसदी ही आंकड़ों में दिखाया, 2 समिति के 5 फड़ में ही 70 लाख से ज्यादा का गड़बड़झाला: मनीष कुंजाम
इम्पेक्ट न्यूज़। सुकमा।
वनमंडल के तेंदूपत्ता समिति एर्राबोर अ के जग्गावरम, कट्टमगुड़ा, मूलाकिसोली, वंजामगुड़ा व मेटागुड़ा फड़ के लगभग 300 आदिवासी परिवार के संग्राहकों को 742996 तेंदूपत्ता गड्डी का भुगतान अब तक नहीं हुआ है।
इसकी बड़ी वजह यह है कि समिति के प्रबंधक ने इन 5 फड़ों में ठेकेदार के साथ सांठगांठ कर तेंदूपत्ता के वास्तविक संग्रहण 1028516 तेंदूपत्ता गड्डी की जगह सरकारी आंकड़ों में सिर्फ 285700 गड्डी तेंदूपत्ता का ही संग्रहण होना बताया है। जो कि वास्तविक तेंदूपत्ता संग्रहण से लगभग 28 फीसदी ही है।
ग्रामीणों से तेंदूपत्ता संग्रहण की राशि नहीं िमलने की शिकायत के बाद गुरुवार को एर्राबोर समिति के गांवों में मामले की पड़ताल में सीपीआई नेताओं मामले की पड़ताल में पाया कि आदिवासियों के संग्रहण कार्ड में दर्ज तेंदूपत्ता की मात्रा और जिला वनोपज सहकारी युनियन मर्यादित सुकमा कार्यालय से मिले आंकड़ों में 72 फीसदी का अंतर है।
भाकपा नेता मनीष कुंजाम ने बताया कि एक समिति के सिर्फ 5 फड़ों की जांच में 70 लाख रुपए से ज्यादा का गड़बड़झाला सामने आया है। वनमंडल की 25 समितियों में कुल 48 लाट हैं। 48 लाट में 651 फड़ हैं। इस साल 27 लाट की नीलामी हुई थी। जिसमें 375 तेंदूपत्ता फड़ हैं।
एर्राबोर अ व एर्राबोर ब दोनों लाट में कुल 28 फड़ हैं। एर्राबोर समिति के अ लाट में तेंदूपत्ता क्रय का ठेका 10368 रुपए प्रति मानक बोरा की दर से मेसर्स साहिद इंटरप्राइजेस को मिला था। एर्राबोर समिति के अ लाट में कुल 1359 तेंदूपत्ता संग्राहक हैं।
इस सीजन जिला वनोपज सहकारी यूनियन मर्यादित सुकमा ने एर्राबोर समित के अ लाट के लिए 1730 मानक बोरा यानी 1730000 गड्डी तेंदूपत्ता संग्रहण का लक्ष्य निर्धारित किया था। मनीष कुंजाम ने कहा कि शुरुआती जांच में ही अ लाट के 14 फड़ में से सिर्फ 5 फड़ में 742996 तेंदूपत्ता गड्डी की हेराफेरी का खुलासा हुआ है। ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि कितने बड़े पैमाने में यह पूरा घोटाला हुआ है। मामले को लेकर थाने में एफआईआर दर्ज कराने की बात मनीष कुंजाम ने कही।