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गहलोत के हाथ से जाएगी CM की भी कुर्सी? पलटने लगे विधायक, अब पायलट मंजूर…

इम्पैक्ट डेस्क.

राजस्थान की राजनीति में जादूगर कहे जाने वाले अशोक गहलोत ने हाल के दिनों तक जब जो दांव चला, सब उनके पक्ष में जाता रहा। लेकिन सचिन पायलट को रोकने के लिए इस बार जो पासा उन्होंने फेंका वह कामयाब नहीं होता दिख रहा है। उलटे गहलोत ही चौतरफा घिर गए हैं। एक तरफ कांग्रेस अध्यक्ष बनाए जाने की संभावनाओं पर विराम लगता दिख रहा है तो दूसरी तरफ अब राजस्थान में भी उनकी मुश्किलें बढ़ने लगी हैं। हाईकमान का मूड भांपते हुए विधायकों ने पलटी मारना शुरू कर दिया है। पिछले 24 घंटे में कई विधायक सामने आ चुके हैं, जिन्होंने खुलकर मीडिया के सामने कहा है कि पार्टी आलाकमान का हर फैसला उन्हें मंजूर है और पायलट को सीएम बनाए जाने से उन्हें कोई दिक्कत नहीं है।

कल तक गहलोत कैंप में शामिल विधायक खुशवीर सिंह जोजावर ने मंगलवार को सुबह एएनआई से बातचीत में कहा कि वह आलाकमान के साथ हैं और जो भी फैसला किया जाएगा वह उन्हें मंजूर है। उन्होंने कहा है कि वह राजनीति में रहें या ना रहें लेकिन आलाकमान के फैसले को सहर्ष स्वीकार करेंगे। उन्होंने यह भी माना कि हस्ताक्षर करने वालों में वह भी शामिल थे। जोजावर ने कहा कि उन्हें सोनिया गांधी जी ने ही टिकट दिया था, इसलिए वह उनके खिलाफ इस जन्म में तो नहीं जा सकते हैं। 

विधायक जितेंद्र सिंह ने भी कहा है कि वह आलाकमान के साथ हैं और जिसे भी सीएम बनाया जाएगा उसको समर्थन करेंगे। उन्होंने साफतौर पर गहलोत के फैसले का विरोध किया है। उन्होंने एक वीडियो जारी करते हुए कहा, ”आलाकमान जो भी राजस्थान में फैसला करेगा, जिसको भी सीएम के रूप में प्रोजेक्ट करेगा, मैं साथ हूं। ये जो त्यागपत्र की नीति अपनाई गई है मैं उससे सहमत नहीं हूं। मैं आलाकमान का सम्मान करता हूं और उनके साथ हूं।”

धारीवाल के घर हुई गहलोत कैंप की बैठक में शामिल रहे मदन प्रजापति ने भी अब अपना रुख बदल लिया है। उन्होंने पायलट को सीएम बनाने की मांग की है। सवाई माधोपुर जिले की बामनवास विधानसभा सीट से कांग्रेस विधायक इंदिरा मीणा ने सोमवार को ही कह दिया था कि उन्होंने कागज पर साइन जरूर किया था, लेकिन यह नहीं पढ़ा था कि इसमें क्या लिखा है। इंदिरा ने कहा कि वह पार्टी नेतृत्व के साथ हैं और पायलट को सीएम बनाए जाने पर उन्हें कोई आपत्ति नहीं है।

अशोक गहलोत गुट की समर्थक विधायक गंगा देवी ने भी अपने फैसले पर यू-टर्न ले लिया है। उन्होंने इस्तीफे की बात से इनकार करते हुए कहा है कि आलाकमान का हर फैसला उन्हें मंजूर होगा। 2-4 दिन पहले तक गहलोत के समर्थक रहे मंत्री राजेंद्र गुढ़ा भी पायलट का गुणगान कर रहे हैं। उन्होंने यहां तक कह दिया है कि राजस्थान में मुख्यमंत्री के लिए पायलट से बेहतर कोई विकल्प नहीं है। उन्होंने इस बात से भी इनकार किया है कि गहलोत के समर्थन में 80 से अधिक विधायकों ने इस्तीफा दिया है। उन्होंने इसे नाटक करार देते हुए कहा कि 40 से अधिक विधायक सीएम आवास में ही बैठे थे।