Madhya Pradesh

सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल की सांसदी पर मंडराय संकट के बादल! जानें किस बात पर मची BJP में खलबली

खंडवा
मध्य प्रदेश के लोकसभा चुनावों में 29 सीटे जीतने वाली बीजेपी की क्या मुश्किल बढ़ सकती है. क्या बीजेपी के एक सांसद मध्य प्रदेश में कम हो सकते हैं? क्या खंडवा से बीजेपी सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल की सांसदी जा सकती है. ये सवाल आजकल मध्य प्रदेश के राजनीतिक गलियारों में काफी गूंज रहे हैं. वजह है एक याचिका जो जबलपुर हाई कोर्ट में लगी है. क्या है पूरा मामला जानें इस रिपोर्ट में…

आपको बता दें कि मध्य प्रदेश में बीजेपी ने इस बार इतिहास रचा है. और 29 की 29 लोकसभा सीटों पर काबिज हो गई. कांग्रेस के हाथों एक भी सीट नहीं आई. लेकिन, अब खंडवा से बीजेपी सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल की मुश्किलें बढ़ती हुई दिखाई दे रही हैं. नौबत यह है कि उनकी सांसदी पर खतरा मंडराने लगा है.

सांसद पाटिल को जारी हुआ नोटिस

दरअसल मध्य प्रदेश की खंडवा संसदीय सीट से सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल की सांसदी को चुनौती देते हुए जबलपुर हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है. इस याचिका के दायर होने के बाद सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने सांसद पाटिल समेत रिटर्निंग ऑफिसर और दूसरे ऑफिसर्स को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. याचिका में आरोप लगाया गया है कि ज्ञानेश्वर पाटिल ने कुछ जानकारियां अपने नामांकन पत्र में छुपाई थी.

क्या बोले अधिवक्ता कुमार?

अधिवक्ता मनोज कुमान ने बताया "आज माननीय उच्च न्यायालय ने रेस्पोंडेंट श्री ज्ञानेश्वर पाटिल और रिटर्निंग ऑफिसर सहित अन्य रेस्पोंडेंट को को नोटिस के आदेश कर दिए हैं.  मूल रूप से यह याचिका मैंने उनका चुनाव निरस्त करने और द्वितीय नंबर पर रहे कांग्रेस प्रत्याशी श्री नरेंद्र पटेल जी को विजय बनाने के घोषित करने के लिए यह याचिका प्रस्तुत की थी. इसके अलावा रिटर्निंग ऑफिसर और ज्ञानेश्वर पाटिल के खिलाफ कारवाई की भी मांग की है. और स्पेशली मैं इसमें अपनी पैरवी मैं स्वयं कर रहा हूं.

4 सितंबर को होगी अगली सुनवाई

आपको बता दें कि यह याचिका बुरहानपुर जिले के अधिवक्ता मनोज कुमार अग्रवाल की ओर से हाई कोर्ट में दायर की गई है. खंडवा सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल की सांसदी रद्द करने की मांग इस याचिका में की गई है, साथ ही रिटर्निंग ऑफिसर पर कारवाई करने का भी आग्रह किया गया है. वहीं याचिकाकर्ता मनोज कुमार अग्रवाल खुद ही अपने मामले की पैरवी कर रहे हैं. इस पूरे मामले की अगली सुनवाई 4 सितंबर को होगी ऐसे में याचिकाकर्ता के पक्ष में अगर फैसला आता है. तो खंडवा सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल की की सांसद सदस्यता समाप्त हो सकती है. उनकी जगह पर कांग्रेस के नरेंद्र पटेल को सांसद बनाया जा सकता है.

फिलहाल. आपको बता दें कि बीजेपी सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल की सांसदी खतरे में है. यह पूरा मामला हाई कोर्ट में चल रहा है. आने वाले सितंबर को अगली पेशी है. जिसमें यह फैसला होगा कि आखिर उनकी सांसद रहती है या नहीं रहती है. लेकिन, फिलहाल इस याचिका के बाद से बीजेपी में खलबली मची हुई है.