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सोडियम क्रांति में जुटा चीन : इलेक्ट्रिक वाहनों की बदल जाएगी दुनिया…

इम्पैक्ट डेस्क.

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग जैसी तकनीकों में बढ़त हासिल करने वाला चीन अब दुनिया में नई क्रांति लाने की तैयारी कर रहा है। चीन के सुदूर शहर चांगशा में इन दिनों हजारों केमिस्ट, इंजीनियर और मैन्युफैक्चरिंग वर्कर बैटरियों का भविष्य तय करने में जुटे हैं। अब तक लिथियम बैटरियों को तैयार करने में महारत रखने वाला चीन नई क्रांति की कोशिश में है। चीन ने एक्सपर्ट्स को सोडियम के जरिए बैटरियां तैयार करने में लगाया है। यदि यह प्रयोग सफल हुआ तो बेहद सस्ते दामों पर बैटरियां तैयार हो जाएंगी। जानकारों का कहना है कि लिथियम के मुकाबले सोडियम बेहद सस्ता होगा।

पूरी दुनिया में नमक के एक हिस्से के तौर पर सोडियम पाया जाता है। केमिकली लिथियम और सोडियम में बड़ी समानता रही है। लेकिन लिथियम के मुकाबसे सोडियम का दाम महज 3 फीसदी तक ही रहा है यानी लिथियम की कीमत यदि 100 रुपये है तो सोडियम सिर्फ 3 रुपये में ही मिल सकता है। चीन के एक्सपर्ट्स का कहना है कि सोडियम की बैटरियों को सालों तक हर दिन चार्ज किया जा सकता है। इसके अलावा इनकी ताकत में भी इजाफा किया जा सकेगा। चांगशा की सेंट्रल साउथ यूनिवर्सिटी के छात्र इन दिनों इसी तकनीक पर काम कर रहे हैं। 

चीन की बैटरी इंडस्ट्री से जुड़े लोगों ने बताया कि हमने बीते साल ही इस तकनीक का पता लगाया था कि कैसे लिथियम बैटरियों की तर्ज पर सोडियम से बैटरियां तैयार की जाएं। इन्हें उन्हीं उपकरणों से तैयार किया जाएगा, जिनसे लिथियम बैटरियों को तैयार किया गया है। इलेक्ट्रिक कार बैटरियों की सबसे बड़ी निर्माता चीनी कंपनी CATL का कहना है कि उसने सोडियम सेल और लिथियम सेल को एक साथ एक ही बैटरी में इस्तेमाल करने की तकनीक हासिल कर ली है। कंपनी का कहना है कि इसकी कीमत कम होगी और पर्यावरण को भी इससे कोई नुकसान नहीं होगा। कंपनी ने कहा कि हम इन बैटरियों को अब बड़े पैमाने पर तैयार करना चाहते हैं।

चीनी कंपनी CATL के रिसर्च इंस्टिट्यूट के डीन हुआंग किसेन ने कहा कि हम इसका औद्योगिकरण करने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम जल्दी ही बड़े पैमाने पर सोडियम बैटरियों की असेम्बलिंग शुरू करेंगे। उन्होंने कहा कि दुनिया भर की कई कंपनियों ने सोडियम से बैटरियों की तकनीक पर काम शुरू किया है। उनके अलावा दुनिया की सबसे बड़ी खनन कंपनी बीएचपी के चीफ एग्जिक्यूटिव माइक हेनरी ने कहा कि इसके बाद लिथियम बैटरियों की मांग में कमी आएगी। फिलहाल इसकी मांग पीक पर है। उन्होंने कहा कि हमें भरोसा है कि कई तकनीकों में लिथियम की बजाय सोडियम का इस्तेमाल शुरू हो जाएगा।