मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने यूसीसी लागू होने पर कहा- ‘उन्हें जो करना है करने दीजिए’
जम्मू
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू होने पर कहा कि जब तक संसद में कानून नहीं बन जाता तब तक इसे राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में लागू नहीं किया जा सकता। उमर अब्दुल्ला ने उत्तराखंड में यूसीसी लागू होने के बारे में मीडिया द्वारा पूछे गए एक सवाल के जवाब में कहा, "जब तक राष्ट्रीय स्तर पर कानून नहीं बन जाता, तब तक इन्हें जो करना है करने दीजिए। आखिरकार इसका फैसला संसद में होगा। तब तक इसे राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में लागू नहीं किया जाएगा।"
उत्तराखंड में सोमवार को इतिहास रचा गया। उत्तराखंड देश का पहला ऐसा राज्य बन गया जहां समान नागरिक संहिता लागू की गई है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट में लिखा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के मार्गदर्शन में हमारी सरकार ने आज (सोमवार को) उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू कर दी है। आज का दिन उत्तराखंड वासियों के साथ ही समस्त देशवासियों के लिए भी विशेष है। मुझे विश्वास है कि उत्तराखंड से निकली समानता की यह धारा निकट भविष्य में संपूर्ण देश को अभिसिंचित करेगी।"
धामी ने लिखा कि 12 फरवरी 2022 को उन्होंने जनता के समक्ष यह वादा किया था कि हम प्रदेश के सभी नागरिकों को समान अधिकार देंगे और जनता ने हमें पूर्ण बहुमत दिया। आज प्रदेश में यूसीसी लागू किया जाना जनता के समक्ष लिए गए संकल्प को सिद्धि तक पहुंचाने में हमारी प्रतिबद्धता को परिलक्षित करता है।
उन्होंने कहा, "समान नागरिक संहिता लिव इन रिलेशनशिप में रहने वाले युवक-युवतियों की सुरक्षा भी सुनिश्चित करेगी। यूसीसी लागू होने के बाद अब किसी भी बहन-बेटी के साथ अन्याय नहीं होगा।" उन्होंने बताया कि जनमानस को ध्यान में रखते हुए पोर्टल को यूजर फ्रेंडली बनाया गया है, ताकि कोई भी नागरिक बिना किसी कठिनाई के पंजीकरण कर सके और शीघ्र अपना प्रमाणपत्र प्राप्त कर सके। उल्लेखनीय है कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पहले कई मौकों पर कह चुके हैं कि देश में यूसीसी लागू की जाएगी।