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भारत के मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड़ ने सुनवाई में बाधा डालने के लिए वरिष्ठ अधिवक्ता मैथ्यूज नेदुम्परा की खिंचाई की

नई दिल्ली
भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में NEET-UG से संबंधित याचिकाओं की सुनवाई में बाधा डालने के लिए वरिष्ठ अधिवक्ता मैथ्यूज नेदुम्परा की खिंचाई कर दी। दरअसल मैथ्यूज नेदुम्परा एक अन्य वरिष्ठ अधिवक्ता नरेंद्र हुड्डा द्वारा रखी जा रही दलीलों के बीच में बाधा डाल रहे थे। इस पर सीजेआई चंद्रचूड़ भड़क गए। सीजेआई ने कहा कि वे इस कोर्ट के इंचार्ज हैं और किसी को मनमानी नहीं करने देंगे।

इससे पहले जब याचिकाकर्ताओं के वकील हुड्डा अपनी दलीलें दे रहे थे तभी बीच में ही रोकते हुए नेदुम्परा ने कहा, "मुझे कुछ कहना है।" चंद्रचूड़ को ये बात पसंद नहीं आई। मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि पहले हुड्डा की दलीलें पूरी हो जाने दीजिए फिर आप बोलना। इस पर नेदुम्परा ने मुख्य न्यायाधीश को ही चुनौती दे दी। वकील ने कहा कि "मैं यहां सबसे सीनियर हूं।"

मैं तुम्हें चेतावनी दे रहा हूं- CJI
इससे मुख्य न्यायाधीश और नाराज हो गए और उन्होंने नेदुम्परा को चेतावनी देते हुए कहा, "मैं तुम्हें चेतावनी दे रहा हूं। तुम गैलरी में बात नहीं करोगे। मैं इस कोर्ट का इंचार्ज हूं। सुरक्षाकर्मियों को बुलाओ… हटाओ इन्हें यहां से।" इस पर नेदुम्परा ने कहा कि उन्हें (CJI) को यह बताने की जरूरत नहीं है। मैं खुद जा रहा हूं। तभी मुख्य न्यायाधीश ने भी कहा, "आपको भी यह कहने की जरूरत नहीं है। आप जा सकते हैं। मैं पिछले 24 सालों से न्यायपालिका को देख रहा हूं। मैं वकीलों को इस अदालत में प्रक्रिया तय करने नहीं दे सकता।"

सीजेआई के जवाब पर प्रतिक्रिया देते हुए नेदुम्परा ने कहा, "मैंने 1979 से न्यायपालिका को देखा है।" इस पर मुख्य न्यायाधीश ने उन्हें चेतावनी दी कि अगर नेदुम्परा ने अपना व्यवहार जारी रखा तो उन्हें मजबूरन निर्देश जारी करना पड़ सकता है। सुनवाई में राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) का प्रतिनिधित्व कर रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने भी नेदुम्परा के आचरण की निंदा की। उन्होंने कहा, "यह अवमाननापूर्ण है।"