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छत्तीसगढ़ पत्रकार हत्याकांड: ऑटोप्सी रिपोर्ट में खुलासा, मुकेश चंद्राकर के साथ हुई थी हैवानियत

रायपुर
छत्तीसगढ़ में पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या के मामले में पुलिस को बड़ी कामयाबी मिली है। छत्तीसगढ़ पुलिस की एसआईटी ने हत्याकांड के मुख्य आरोपी को हैदराबाद से गिरफ्तार किया है। बीजापुर एसपी ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि हत्याकांड का मुख्य आरोपी सुरेश चंद्राकर है, जो पत्रकार मुकेश चंद्राकर का रिश्तेदार है। सुरेश कांग्रेस नेता है और मुकेश ने उसके भ्रष्टाचार को उजागर किया था।

इस बीच, मुकेश चंद्राकर की ऑटोप्सी रिपोर्ट में बड़े खुलासे हुए हैं। उनके लीवर के 4 टुकड़े मिले, जबकि 5 पसलियां टूट गई। सिर में 15 फ्रैक्चर, हार्ट फटा और गर्दन टूटी मिली है। डॉक्टरों ने कहा, उन्होंने 12 वर्ष के करियर में ऐसी हत्या नही देखी।

हत्याकांड सामने आने के बाद छत्तीसगढ़ में रोष है। पत्रकारों ने मुख्यमंत्री से अपील की थी कि मुकेश चंद्राकर की हत्या में शामिल अपराधियों को शीघ्र गिरफ्तार किया जाए। इसके साथ ही, उन पर कड़ी कार्रवाई करते हुए उनकी संपत्ति को कुर्क कर पत्रकार के परिवार को एक करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जाए। साथ ही दिवंगत पत्रकार बलिदानी की दर्जा देने की मांग की है।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नाम ज्ञापन सौंपा
पत्रकारों ने मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन भी सौंपी है, जिसमें मांग की है कि वर्तमान में छत्तीसगढ़ के पत्रकार स्वतंत्रता से अपनी कलम नहीं चला पा रहे हैं। हर दिन छत्तीसगढ़ के विभिन्न क्षेत्रों में पत्रकारों की आवाज़ को दबाने के लिए प्रशासनिक स्तर पर, ठेकेदारों, भू-माफियाओं, शराब माफियाओं और अन्य असामाजिक तत्वों द्वारा प्रयास किए जा रहे हैं। जो पत्रकार अपनी कलम को नहीं रोकते, उनके साथ कोई न कोई गंभीर घटना घटित की जाती है। इस स्थिति के कारण छत्तीसगढ़ में पत्रकारिता इस समय अपने सबसे कठिन दौर से गुजर रही है।

जल्द लागू करेंगे पत्रकार सुरक्षा कानून: विष्णु देव साय
इससे पहले मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने प्रदेश में पत्रकार सुरक्षा कानून लागू करने का भरोसा दिया। रविवार को गरियाबंद दौरे में पत्रकारों के प्रश्न पर उन्होने कहा कि पत्रकारों के लिए सुरक्षा कानून जल्द लागू किया जाएगा। सरकार पत्रकारों के साथ है।

बता दें कि पूर्ववर्ती कांग्रेस की भूपेश बघेल सरकार में मार्च 2023 में छत्तीसगढ़ मीडियाकर्मी सुरक्षा विधेयक, 2023 विधानसभा से पारित कराया गया था। इस विधेयक को राजभवन से भी मंजूरी मिल चुकी है। जब मुख्यमंत्री से पूछा गया कि 'हर बार इस कानून पर चर्चा होती है, लेकिन इसे लागू क्यों नहीं किया जाता?' तो उन्होंने कहा, 'आप हमारी सरकार के कार्यों का विश्लेषण कर सकते हैं, लेकिन हमारी मंशा स्पष्ट है।'