छत्तीसगढ़ शिक्षा विभाग भगवान भरोसे… स्वैछिक सेवानिवृति के बाद सालभर कर्मचारी का वेतन निकलता रहा… अब मंत्रालय से लेकर विभाग तक जिम्मेदारी तय करने की कवायद… मामला कोर्ट पहुंचा…
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इम्पेक्ट न्यूज। रायपुर।
छत्तीसगढ़ का शिक्षा विभाग भगवान भरोसे संचालित हो रहा है। अक्सर कई तरह के विवादों और सुर्खियों से इसका गहरा नाता रहा है। फिलहाल छत्तीसगढ़ में अच्छी शिक्षा के लिए प्रयासरत इस विभाग में एक अनोखा मामला सुर्खियों में है। इसमें स्वैछिक सेवानिवृति का आवेदन स्वीकार होने के बाद भी प्रतिनियुक्ति में कार्य कर रहे कर्मचारी से विभाग काम लेता रहा और पूरे साल भर उसे वेतन भी दिया जाता रहा।
करीब एक बरस बाद जब तक विभाग की आंखे खुली तो उपर से नीचे तक हंगामा मचा हुआ है। उक्त कर्मचारी को वीआरएस के बाद भी काम पर कैसे रखा गया? किस वजह से और किनकी वजह से विभाग ने पूरे मामले की अनदेखी की? यह बड़ा सवाल अब विभाग के आला अधिकारी स्वयं खड़ा कर रहे हैं।
बताया जा रहा है कि विभागीय मंत्रालय ने जिम्मेदारी तय करने के लिए आदेश जारी कर दिया है। संचालक स्कूल शिक्षा ने समग्र शिक्षा को जिम्मेदारी तय करने के लिए पत्र जारी कर दिया है। तत्काल प्रभाव से कर्मचारी को काम से पृथक करने व सेवानिवृति अवधि में दिए गए वेतन भुगतान की रिकवरी के लिए सभी संबंधितों को जिम्मेदारी तय करने और कार्रवाई के आदेश दिए गए हैं।
मसला यह है कि जैसे ही कर्मचारी को इस बात की जानकारी प्राप्त हुई उन्होंने सीधे हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। हाईकोर्ट में सभी उपर से नीचे तक के अधिकारियों को नोटिस जारी किए जाने की सूचना है।
वीआरएस के बाद भी कर्मचारी की सेवा लिए जाने का मामले में जानकारी ली जा रही है। -नरेंद्र दुग्गा प्रबंध संचालक समग्र शिक्षा