छत्तीसगढ़-कबीरधाम के लोहारीडीह मामले के 23 आरोपी बरी, हत्या-लूट व आगजनी के नहीं मिले सबूत
कबीरधाम.
छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित लोहारीडीह मामले में शामिल 23 आरोपी जेल से बाहर आने वाले हैं। ये सभी हत्या, लूट व आगजनी के आरोपी हैं। कोर्ट ने आरोपियों को चार मामले से मुक्त कर दिया है। बीते 14 नवंबर को पुलिस ने न्यायालय में 23 आरोपियों को चार प्रकरण से मुक्त करने आवेदन दिया था, लेकिन निचली अदालत ने पुलिस की याचिका खारिज कर दी। इसके बाद परिजनों ने अपील की, जिस पर 23 आरोपी को चार प्रकरण से मुक्त कर दिया है।
डीएसपी केके चंद्राकर ने बताया कि लोहारीडीह घटना में रेंगाखार जंगल थाना में दर्ज एफआईआर क्रमांक 62, 63, 64, 65 और 66 में 62 को छोड़कर ग्रामीणों ने एक आवेदन आईजी को दिया था। ग्रामीणों का दावा था कि 23 लोग निर्दोष हैं व घटना में शामिल नहीं है। इस मामले में एसआईटी गठित की गई। इस जांच में भी 23 आरोपी के खिलाफ आगजनी, हत्या प्रकरण में सबूत नहीं मिले। इनका बयान दर्ज कराया गया। इस आधार पर 23 आरोपी पर दर्ज 4 प्रकरण से मुक्त किया गया है। हालांकि, पुलिस पर पथराव मारपीट मामले में केस जारी रहेगा। बता दें पुलिस ने अब तक 69 लोगों को गिरफ्तार किया है। इसमें से 1 की मौत जिला जेल में हो गई थी। तीन नाबालिग थे, जिनका नाम पहले ही हटा दिया गया है। बचे 65 में से 23 लोगों को चार प्रकरण से मुक्त किया है। अब चार मामले में 42 लोगों के खिलाफ सुनवाई जारी रहेगी।
ये है पूरा मामला
कबीरधाम जिले के रेंगाखार जंगल थाना क्षेत्र के लोहारीडीह गांव में इसी साल सितंबर माह में एक सप्ताह के अंदर तीन लोगों की अलग-अलग वजह से मौत हो गई थी। 14 सितंबर की रात शिवप्रसाद साहू उर्फ कचरू की लाश मध्यप्रदेश के बिरसा थाने के क्षेत्र जंगल में पेड़ से लटकी मिली थी। शव मिलने के बाद ग्रामीणों ने हत्या के शक पर पूर्व सरपंच रघुनाथ साहू के घर को आग लगा दी, जिससे रघुनाथ साहू की मौत हो गई। पुलिस ने 33 महिला समेत 69 ग्रामीणों को हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया है। इसी बीच 19 सितंबर को हत्या के आरोप में जेल में बंद प्रशांत साहू की जेल में मौत हो गई। मृतक के बॉडी में गहरे चोट के निशान पाए गए। ग्रामीणों का आरोप है कि प्रशांत साहू की मौत पुलिस पिटाई के चलते जेल में मौत हुई है। इसके बाद सरकार ने जिले के एएसपी आईपीएस विकास कुमार को सस्पेंड किया। रेंगाखार थाना के टीआई समेत सभी पुलिसकर्मियों को भी हटा दिया। इसके अलावा कबीरधाम एसपी व कलेक्टर पर भी गाज गिरी। दोनों का ट्रांसफर किया गया।