चेन्नई स्पेस स्टार्ट-अप का पहला रॉकेट कल शार से प्रक्षेपित होने के लिए तैयार, निजी लॉन्च पैड से भारत का पहला प्रक्षेपण
चेन्नई,
भारत एक नया इतिहास रचने जा रहा जब चेन्नई स्थित स्पेस स्टार्ट-अप अग्निकुल कॉसमॉस शुक्रवार सुबह श्रीहरिकोटा के शार रेंज से अपना पहला रॉकेट अग्निबाण सब ऑर्बिटल टेक्नोलॉजी डिमॉन्स्ट्रेटर (एसओआरटीईडी) प्रक्षेपित करेगा।
अग्निकुल के अधिकारियों ने कहा कि श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (एसडीएससी) में निर्मित अग्निकुल के अपने लॉन्च पैड से कल सुबह साढ़े छह बजे प्रक्षेपण किया जाएगा। यह इसरो के स्पेसपोर्ट में स्थित एक निजी लॉन्च पैड से भारत का पहला प्रक्षेपण होगा।
यह प्रक्षेपण इसरो के अध्यक्ष एस. सोमनाथ, इन-स्पेस के अध्यक्ष डॉ पवन कुमार गोयनका और स्पेस स्टार्ट-अप के अधिकारियों की उपस्थिति में होगा, जो आईआईटी-मद्रास रिसर्च पार्क, आईआईटी परिसर में स्थित है। अग्निबाण का प्रक्षेपण भारत का पहला सेमी-क्रायोजेनिक इंजन संचालित रॉकेट प्रक्षेपण होगा और विश्व का पहला सिंगल पीस 3डी प्रिंटेड इंजन होगा, जिसे स्वदेशी रूप से डिजाइन और तैयार किया गया है।
किसी भी व्यक्ति के अंतरिक्ष में जाने का सपने पूरा करने के लिए अंतरिक्ष विभाग में किए गए सुधारों के भाग के रूप में श्रीहरिकोटा में अग्निकुल लॉन्च पैड (एएलपी) स्थापित किया गया। यह जानकारी स्टेट-अप के सह-संस्थापक मोइन एसएम ने दी।
अग्निबाण एक उच्च अनुकूलित, 2-चरणों वाला प्रक्षेपण यान है जो लगभग 700 किमी ऊंची (निम्न पृथ्वी कक्षा) कक्षाओं में 100 से 300 किलोग्राम तक वजन ले जाने में सक्षम है।
इस प्रक्षेपण का विशेष महत्व यह है कि यह भारत की पहली तरल ऑक्सीजन-केरोसिन रॉकेट उड़ान होगी और श्रीहरिकोटा में भारत के पहले निजी रूप से विकसित लॉन्चपैड से प्रक्षेपित होगी। यह एक सब-ऑर्बिटल प्रक्षेपण होगा न कि साउंडिंग रॉकेट।
यह मिशन मार्गदर्शन, नियंत्रण और नेविगेशन प्रणाली, लॉन्च रिलीज़ होल्ड मैकेनिज्म, ऑनबोर्ड कंप्यूटर द्वारा संचालित संपूर्ण कमांड अनुक्रम, टेलीमेट्री और ट्रैकिंग – चरण पृथक्करण को छोड़कर पूर्ण कक्षीय उड़ान के साथ जाने वाले सभी को मान्य करने की कोशिश करेगा।
मिशन के बाद, अगला कदम सभी सबसिस्टम प्रदर्शन का उड़ान-पश्चात विश्लेषण करना होगा। अग्निकुल के अधिकारियों ने कहा कि भविष्य की योजना कक्षीय उड़ान के लिए तैयार होना है। गौरतलब है कि अग्निबाण हमेशा एक समान संख्या में इंजनों के साथ नहीं उड़ता। अग्निकुल ने अपनी वेबसाइट पर कहा कि मिशन, उपग्रह और लॉन्चपोर्ट ही तय करेंगे कि पहले चरण में कितने इंजन के साथ उड़ान भरे जाएंगे।
अग्निकुल कॉसमॉस की स्थापना 2017 में श्रीनाथ रविचंद्रन, मोइन एसपीएम और सत्या चक्रवर्ती ने की और यह देश की पहली कंपनी है जिसने अंतरिक्ष एजेंसी की विशेषज्ञता और इसकी सुविधाओं तक पहुंच प्राप्त करने के लिए भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष संवर्धन और प्राधिकरण केंद्र पहल के अंतर्त दिसंबर 2020 में अग्निबाण का निर्माण करने के लिये इसरो के साथ एक समझौता पर हस्ताक्षर किया।
भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष संवर्धन और प्राधिकरण केंद्र (इन-स्पेस) एक एकल खिड़की, स्वतंत्र और नोडल एजेंसी है जो अंतरिक्ष विभाग में एक स्वायत्त एजेंसी के रूप में कार्य करती है। इसका गठन अंतरिक्ष क्षेत्र में सुधारों के बाद निजी क्षेत्रों की भागीदारी को सक्षम और सुविधाजनक बनाने के लिए किया गया है।
अग्निकुल रॉकेट के प्रक्षेपण पेडस्टल का नाम धनुष रखा गया है, यह एक संस्कृत शब्द है, जिसका अर्थ 'आकाशीय धनुष' है।
अग्निबाण को पूरी दुनिया के कई लॉन्चपोर्ट से प्रक्षेपित करने की क्षमता को ध्यान में रखते हुए बनाया गया है।इसलिए, स्टार्ट-अप ने अग्निबाण के सभी विन्यासों में पूर्ण गतिशीलता का समर्थन करने के लिए "धनुष" – प्रक्षेपण पेडस्टल – का निर्माण किया है। अग्निबाण के वर्तमान संस्करणों के विपरीत, धनुष के कई उपयोग हैं और इसे स्थायित्व और परिवहन क्षमता को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है।