दंतेवाड़ा विधायक बनने चैतराम अटामी लगातार कर रहे हैं जनसंपर्क…
इंपेक्ट डेस्क.
दंतेवाड़ा। छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव के लिए बिगुल बज चुका है। दंतेवाड़ा विधानसभा सीट प्रदेश की हाई प्रोफाइल और नक्सल प्रभावित सीट है। इस सीट पर भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों का दबदबा रहा है। यहां नक्सली हमले में वर्तमान विधायक भीमा मंडावी के शहीद होने के बाद हुए उपचुनाव में भाजपा की प्रत्याशी सावित्री मंडावी को कांग्रेस की देवती कर्मा के हाथों हार झेलनी पड़ी थी। वहीं इस बार होने वाले चुनाव में कांग्रेस ने वर्तमान कांग्रेस विधायक देवती कर्मा का टिकट काटकर उनके बेटे छविन्द्र कर्मा को मैदान में उतारा है। वहीं बीजेपी ने दंतेवाड़ा सीट से चैतराम अटामी को टिकट दिया है। वहीं इस तरह इस बार भी बीजेपी और कांग्रेस के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिलेगा।
संभाल चुके हैं कई महत्वपूर्ण पद
भाजपा उम्मीदवार चैतराम अटामी 1995 से पार्टी से जुड़े है और लोगों की सेवा कर रहे हैं। चैतराम अटामी वर्तमान में दंतेवाड़ा भाजपा के जिला अध्यक्ष है। सीके साथ ही वे भाजपा जिला महामंत्री, भाजपा जिला दंतेवाड़ा सदस्यता प्रभारी, भाजपा जिला मंत्री, गीदम मंडल के मंत्री और गीदम के मंडल उपाध्यक्ष का पद भी संभाल चुके हैं। इसके साथ ही चैतराम अटामी ग्राम पंचायत कसोली के उपसरपंच, इसके बाद गीदम से जनपद सदस्य, दंतेवाड़ा जिला पंचायत सदस्य और दंतेवाड़ा जिला लघु वनोपज संघ के जिला अध्यक्ष के पद में भी रह चुके हैं। इतना ही नहीं चैतराम अटामी सलवा जुडूम आंदोलन को भी लीड किया था।
नामांकन रैली में उमड़ा जनसैलाब
भाजपा के विधानसभा प्रत्याशी चैतराम अटामी की नामांकन के लिये ढोल नाचा एवं बैंड बाजा के साथ सैकड़ो की संख्या में भाजपा कार्यकर्ता व ग्रामीण कलेक्टरेट परीसर के गेट तक पहुंचे। इस दौरान उन्होंने दावा किया था कि इस बार पूर्ण बहुमत से भाजपा की सरकार बनाऐंगे। इसके साथ ही चैतराम अटामी को क्षेत्र की जनता का भी पूर्ण समर्थन मिल रहा है।
लगातार कर रहे जनसंपर्क
चैतराम अटामी लगातार जनसंपर्क कर रहे हैं और सभी वर्गों के लोगों से मुलाकात कर रहे हैं और जनता भी उन्हें आशीर्वाद दे रही है। चैतराम अटामी को दिग्गज आदिवासी नेता के रूप में जाना जाता है। दंतेवाड़ा समेत आस-पास के सभी क्षेत्रों में लोगों की हर समस्या का निवारण करने की कोशिश चैतराम करते है।
ये है क्षेत्र की मुख्य समस्या
विधानसभा प्रत्याशी चैतराम अटामी ने कहा कि दंतेवाड़ा विधानसभा क्षेत्र में मुख्य समस्या नक्सलवाद और बेरोजगारी है। दंतेवाड़ा क्षेत्र में एनएमडीसी के अलावा कोई बड़ा उद्योग नहीं है। स्थानीय आदिवासी वनोपज मानसून आधारित कृषि पर आश्रित है। मानसून के बाद रोजगार की तलाश में अन्य राज्यों में पलायन करते हैं।
दोनों पार्टियों के बीच काटे की टक्कर
इस बार होने वाले विधानसभा चुनाव में दोनों ही पार्टी के प्रत्याशियों के बीच कांटे की टक्कर होने वाली है। अब देखना यह होगा की क्षेत्र की जनता परिवर्तन करते हुए भाजपा प्रत्याशी को विजय बनाती है या नहीं।