CG : बच्चों को आत्मानंद स्कूल में एडमिशन कराने अभिभावकों का रुझान बढ़ रहा तेजी से… मंत्रियों तक की पैरवी लेकर दाखिले की कोशिश कर रहे लोग… बच्चों को मिल रही ये फैसिलिटी…
इम्पैक्ट डेस्क.
आधुनिक पढ़ाई के संसाधन हाईटेक कक्षाएं और वेल ड्रेसप में पढ़ रहे छात्र-छात्राएं। जी हां आलम किसी निजी स्कूल का नहीं बल्कि आत्मानंद शासकीय स्कूलों का है, जहां बच्चों को बेहतर सुविधाओं के साथ अध्ययन की बारीकियां सिखाई जा रही है। प्रदेश सरकार के द्वारा शुरू किए गए आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूलों के प्रति छात्र-छात्राओं और अभिभावकों का रुझान तेजी से बढ़ रहा है। यही कारण है कि अंबिकापुर में निजी स्कूलों के बजाय शासकीय स्कूलों में दाखिले के लिए होड़ मची हुई है। अंबिकापुर के ज्यादातर आत्मानंद स्कूलों में समय से पहले ही सीट फुल हो जा रही है साथ ही साथ यहां दाखिले के लिए जोर आजमाइश भी की जा रही है।
मंत्रियों तक की पैरवी लेकर दाखिले की कोशिश कर रहे लोग
आलम यह है कि अधिकारियों के साथ-साथ मंत्रियों तक की पैरवी लेकर लोग दाखिले की कोशिश कर रहे हैं। इसका सबसे बड़ा कारण यही है कि शासकीय स्कूलों की तस्वीर आत्मानंद विद्यालय ने बदल दी है। अभिभावकों का कहना है कि अब तक बेहतर शिक्षा निजी स्कूलों में ही मिल पाती थी लेकिन जब से आत्मन स्कूलों की शुरुआत की गई है तब से मध्यम और निम्न वर्ग के छात्र-छात्राएं भी अंग्रेजी माध्यम से बेहतर शिक्षा ले पा रहे हैं जिससे अब लोग निजी स्कूलों के बजाय शासकीय स्कूलों में दाखिले ले रहे हैं ताकि बेहतर शिक्षा अध्ययन की जा सके।
ब्लॉकों के साथ गांवों में स्कूल खोलने की मांग
सरगुजा जिले में अलग-अलग ब्लॉकों के साथ अब गांव-गांव में आत्मानंद स्कूल खोलने की मांग उठने लगी है, जिसे देखते हुए नए विद्यालय खोले जाने की तैयारी भी की जा रही है। इसके अलावा जो विद्यालय संचालित हो रहे हैं, उन विद्यालयों में बच्चों को पढ़ाने के लिए पारंगत शिक्षकों की पदस्थापना की जा रही है, ताकि इन बच्चों को बेहतर शिक्षा दी जा सके। स्कूलों में आधुनिक संसाधन तो उपलब्ध कराए ही जा रहे हैं। इसके साथ ही साथ इन्हें शिक्षा के साथ चित्रकला संगीत और खेल के विधाओं में भी पारंगत किया जा रहा है।
शासकीय स्कूलों के प्रति लोगों का रुझान बढ़ा
अंबिकापुर के ब्रह्म पारा आत्मानंद विद्यालय के प्राचार्य का कहना है कि लोगों के रुझान से यह साबित होता है कि आत्मानंद स्कूल अपने उद्देश्यों को पूरा कर पा रहा है। ऐसे में शिक्षक आगे भी इसी तकनीक से बच्चों को शिक्षा प्रदान करने की बात कह रहे हैं, ताकि निजी स्कूलों की टक्कर में शासकीय स्कूल आ सके और शासकीय स्कूल के बच्चे भी अपने आपको हर विधाओं में पारंगत कर सकें। बहरहाल अब तक निजी विद्यालयों में दाखिले के लिए लोग लाइन लगा रहे थे, मगर आत्मानंद स्कूल ने इस दिशा को बदलकर शासकीय स्कूलों के प्रति लोगों का रुझान बढ़ाया है जो एक बेहतर पहल कही जा सकती है। ऐसे में उम्मीद यही है कि आने वाले दिनों में जिले के ज्यादातर इलाको में आत्मानंद स्कूल संचालीत होंगे ताकि छात्र छात्राओ को निःशुल्क बेहतर शिक्षा मिल सके।